उत्तराखण्ड में हरिशचन्द्र के वशंज हैं पेट्रोल पंपों के मालिक!

 

हरीश मैखुरी

उत्तराखण्ड में सरकारी एजेंसियों पेट्रोल पंप मालिकों को राजा हरिशचन्द्र का वशंज मानकर चल रही है इसी लिए पूरे देश में पेट्रोल चोरी, मिलावटखोरी और सरकारी टैक्स को चपत लगाने वाले इन पेट्रोल पंप जांच एजेंसियों के रडार पर नहीं आते हैं। सुना है कि देहरादून के एक पेट्रोल पंप को खानापूर्ति के लिए आज अधिकारियों ने जांचकर क्लीन चिट भी दे दी है, लगता तो ऐसा भी है कि शायद इसके मालिक को जांच एजेसिंयों के सर्तक होने से पहले ही सूचना मिल गई होगी। हमने अपने पहचान के एक बेरोजगार को देहरादून के एक पेट्रोल पंप पर नौकरी लगाने की सिफारिश की मालिक ने हमारी गारंटी पर उसे रख भी लिया, सुबह 8 बजे से रात 8 तक पहले महीने 5 हजार रुपया व कमीशन तय किया गया लेकिन लड़का गलती से बहुत ईमानदार था, 8वें दिन नौकरी छोड़कर चला आया कहने लगा भाईजी मेरे से न तो चोरी होगी और न मार खाई जाएगी। पेट्रोल चोरी नहीं होगी तो वैसे भी निकाला जाएगा मालिक कहता है कि सैटिंग करो। वही सैटिंग तो कमीशन होगा। हजार रुपए के तेल में आराम से डेढ़ सौ रुपए का खेल हो जाता है, कभी-कभी तो ये लोग 300 और 500 रुपए के तेल पर भी झटका मार लेते हैं। जितनी बड़ी रकम का तेल डालेंगे उतनी ज्यादा बचत, 3 हजार रुपए में 300 रुपए कहीं नहीं गए। साथ के लड़के बताते हैं कि ये कारिस्तानी हर पेट्रोल पंप पर चलती है। मुझे बड़ा ताज्जुब हुआ कि हरीशचन्द्र के इन वशंजों की रामराज में भी कोई सुध नहीं ले रहा।