भराड़ीसैंण में हरीश रावत ‘मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे हाईकमान’ रावत के इस बयान से राजनीतिक सरगर्मियां तेज

‘मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे हाईकमान’ हरीश रावत के इस बयान से राजनीतिक सरगर्मी तेज

रिपोर्ट – हरीश मैखुरी

कांग्रेस के केन्द्रीय नेता राष्ट्रीय महासचिव और और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भराड़ीसैंण पहुंचे उन्होंने क्षेत्रीय जनता की मांग समर्थन करते हुए कहा कि भराड़ीसैण विधानसभा के मुख्य द्वार का नाम पूर्व विधायक स्व0 अनुसुया प्रसाद मैखुरी के नाम से रखा जाय, क्योंकि भराड़ीसैण गैरसैंण को लेकर पूर्व विधायक स्व0 अनुसुया प्रसाद मैखुरी द्वारा अभूतपूर्व कार्य किया गया है। कल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के गौचर पहुचने पर कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा गया , सैकड़ो की संख्या में एकत्र हुए कॉंग्रेस के लोगों ने हरीश रावत का जोरदार स्वागत किया , इस दौरान पुलिस चौकी से मुख्य बाजार होते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्वागत में रैली निकाली गई , मीडिया से बातचीत के दौरान हरीश रावत ने कहा कि बिना सेनापति के लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी , शीर्ष नेतृत्व जिसको जिम्मेदारी देखा हम उसके नेतृत्व में कार्य करेंगे लेकिन हाईकमान को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर देना चाहिए। कल हरीश रावत ने “ककोड़ा खाल बर्दायस आन्दोलन” के 100 वर्ष पूरे होने पर ककोड़ा खाल पंहुच कर इस आन्दोलन के नेता रहे गढ़केशरी अनुसूया प्रसाद बहुगुणा को याद किया और कुली बेगार प्रथा बर्दायस आंदोलन के रूप में अंग्रेजों के अत्याचारों से त्रस्त लोगों का दर्द भी बयां किया। हरीश रावत ने गढ़केशरी अनुसूया प्रसाद बहुगुणा के परिवारजनों देवभूमि साप्ताहिक के संपादक एडवोकेट समीर बहुगुणा और उनकी पत्नी को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर समीर बहुगुणा ने कहा कि रुद्रप्रयाग जनपद ने अनुसूया प्रसाद बहुगुणा को याद रखा यह बड़ी बात है

       बता दें कि इन दिनों हरीश रावत शोशल मीडिया का भी जम कर सदुउपयोग कर रहे हैं। हरीश रावत उन विषयों को भी सार्वजनिक मंचों पर उठा रहे हैं जो पार्टी के अंदर के हैं। वह कांग्रेस हाईकमान से मांग कर रहे हैं कि उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। हरीश रावत कोई भी बात यूं ही नहीं कहते, सोशल मीडिया पर तो कतई नहीं। उनकी हर बात का रहस्य होता है। इस बार तो वे मात्र बात कह नहीं रहे अपितु बात मनाने के लिए कांग्रेस हाईकमान पर दबाव भी डाल रहे हैं। ‘मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे हाईकमान’ हरीश रावत के इस बयान से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई हैं। उनकी इस मांग ने उत्तराखंड के शीत मौसम का राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है। पार्टी में एक गुट का कहना है कि हरीश फिर से मुखमंत्री बनना चाहते हैं  इसलिए “प्रेशर पॉलिटिक्स” का दांव खेल रहे हैं। जबकि पार्टी के एक बड़े धड़े का मानना है कि उत्तराखण्ड में हरीश को आगे करके ही कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर दे सकती है। हरीश की यह टिप्पणी प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव के उस बयान के बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने उत्तराखण्ड में सामूहिक नेतृत्व के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही है। 72 वर्ष की आयु में हरीश रावत की राजनीतिक महत्वकांक्षा संभवतः इसलिए बनी हुई है कि वे आखिरी राजनीतिक पारी सुखद चाहते हैं। वैसे भी इस उम्र में हरीश रावत की सक्रियता और जीवटता की टक्कर के उत्तराखंड में कम ही राजनीतिज्ञ हैं।          इधर भारतीय जनता पार्टी भी पूरी तरह चुनावी तैयारी में हैं। उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.देवेंद्र भसीन ने आज आर्य नगर शक्ति केन्द्र में कहा कि अगले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की विजय सुनिश्चित है उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की दृष्टि से पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में है। उन्होंने कहा कि हमारे धवल नेतृत्व, केंद्र व राज्य सरकारों के जनहित में किए गए कार्य व उपलब्धियां तथा सशक्त संगठन के आधार पर अगला विधानसभा चुनाव भी निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी जीतेगी। लेकिन हमने इस विजय को ऐतिहासिक रूप देना है। गत विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 57 सीटों पर विजय प्राप्त की थी ,लेकिन अब हमें इससे आगे बढ़ते हुए कम से कम 60 सीटों पर विजय प्राप्त करनी है। यह लक्ष्य पार्टी नेतृत्व ने निर्धारित किया है। लेकिन कार्यकर्ताओं को अति आत्मविश्वास में आकर निष्क्रिय होने से बचना है। अपितु हमें पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतरना है। डॉ भसीन ने कहा हलांकि विपक्ष बिखरा हुआ है लेकिन लड़ाई विकास के साथ विचारधारा की है इसलिए चुनावी तैयारी, जनता से संवाद कार्यक्रम और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने और विपक्ष के आरोपों का सटीक उत्तर देने में सोशल मीडिया का उपयोग किया जाना बहुत जरूरी है।