चंद लोग चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना रूकवा कैसे सकते हैं? सरकार से पुनर्विचार याचिका लगाने की मांग

तीन करोड़ उत्तराखंड वासियों और 100 करोड़ देशवासियों की आस्था और सुविधा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है उत्तराखंड की चार धाम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना। तिब्बत सीमा और मानसरोवर की दृष्टि से भी इस चार धाम सड़क का बनना चौड़ा होना आवश्यक है। कथित पर्यावरण के चंद ठेकेदार इस सड़क को रूकवा किस आधार पर सकते हैं?How can a few people stop the Chardham National Highway Project? Demand for reconsideration petition from the government

यह सड़क प्रधानमंत्री मोदी का भी ड्रीम प्रोजेक्ट है। अब जबकि ९०% कटिंग हो चुकी है ६०% से अधिक रोड़ तैयार हो चुकी है। हालांकि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पहली बार बिना ब्लास्टिंग के मशीनों द्वारा कटिंग की गयी और मिट्टी नदियों में ना जाये इसका भी प्रबंधन किया गया है, पर्यावरण की जो किंचित क्षति होनी थी हो चुकी। अब इसके बाद क्या 103 करोड़ लोगों के सपनों के साथ ही मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट की भी हत्या हो गई? निश्चित रूप से उच्चतम न्यायालय में उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार को जनता का पक्ष रखना चाहिए और यदि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार नहीं हो सका तो अध्यादेश लाकर इस परियोजना को उसके मूल प्रोजेक्ट के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। अनेक संगठनों ने  सब सवाल उठाया है कि  चन्द्र लोग  इतनी महत्वपूर्ण परियोजना  रुकवा कैसे सकते हैं इसीलिए अब उत्तराखंड के अनेक होटल व्यवसाई संगठनों पर्यटन से जुड़े संगठनों चार धामों के अनेक परंपराओं और कस्टम सिस्टम से जुड़े धार्मिक संगठनों बहुगुणा विचार मंच  वकीलों और उत्तराखंड के जागरूक लोगों ने भी सरकार से मांग की है कि उच्चतम न्यायालय में चारधाम यात्रा मार्ग  के चौड़ीकरण कार्य को रोके जाने की साजिश के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करें