लाॅकडाउन के बीच जारी है केदारनाथ रास्ते की बर्फ कटिंग

रिपोर्ट हरीश मैखुरी उत्तराखंड 9634342461, 9412032471 

भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक हिमालय में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि – 29 अप्रैल 2020 को सुबह साढ़े छ बजे सुनिश्चित है। जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में खुलेंगे। कपाट खुलने की प्रक्रिया क्या होगी परंपरागत रूप से ही पूरी भीड़भाड़ के साथ कपाट खुलेंगे या कुछ चुनिंदा लोगों के द्वारा कपाट खोलने का मुहूर्त संपन्न होगा इसमें लाॅकडाउन के चलते अभी अनिश्चितता बनी हुई है,

लेकिन बद्रीनाथ रोड और केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक 18 किलोमीटर के इस मार्ग पर रामबाड़ा से आगे बर्फ काटने का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है यहां नचले स्थानों पर 4से 6 फीट बर्फ जमी है तो ज्यों-ज्यों केदारनाथ निकट आता जा रहा है बर्फ की मोटाई भी 30 से 45 फीट तक हो गई है। इसे काटने में वहां लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वहां ना तो इन दिनों बिजली है ना संचार व्यवस्था है और ना आने जाने का कोई संसाधन है। इसलिए मजदूर पैदल जाकर बर्फ काटते हैं और वापस गौरीकुंड आ जाते हैं। कोरोना लॉक डाउन के चलते यहां काम कर रहे मजदूरों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का खासा ख्याल रखने के निर्देश हैं बर्फ कटिंग करने वाले उड़ी स्टोन कंपनी के मैनेजर मनोज सेमवाल सेमवाल ने बर्फ कटिंग के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताते हुए कहा कि यहां लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए कटिंग करना एक कठिन काम काम है लेकिन हमारे लीवर इसे बखूबी अंजाम दे रहे हैं

क्योंकि इस बार बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति भंग कर दी गई, और उत्तराखंड के चारों धामों की व्यवस्था उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड  के अधीन आ गयी है, इसलिए लॉक डाउन के चलते देवस्थानम बोर्ड अपनी कार्यपद्धती को किस तरह से अंजाम देगा यही इस बार खासी चुनौती है।