पत्थरबाज गोलियां चलाएं तो खुशी होगी, फिर हम वो कर सकेंगे, जो चाहते हैं : रावत

थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन सिंह रावत ने कश्मीर के हालात पर कहा है कि वहां डर्टी वॉर जारी है। इससे नए तरीकों से निपटना होगा। यह बात उन्होंने कश्मीरी युवक को जीप पर बांधकर मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल करने के समर्थन में कही है। जनरल रावत ने एक इंटरव्यू में युवक को जीप के बोनट पर बांधने के मेजर लीतुल गोगोई के कदम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी चल रही है, लेकिन आतंकवाद प्रभावित राज्यों में मुश्किल हालात में काम कर रही सेना का मनोबल बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि ‘कश्मीर में चल रहा प्रॉक्सी वॉर बेहद निचले स्तर का है। ऐसे में सेना को भी बचाव के नए-नए तरीके खोजने पड़ेंगे।’ जनरल रावत ने कहा, ‘जब सैनिकों पर लोग पत्थर फेंकते हैं, पेट्रोल बम फेंकते हैं, उस वक्त क्या मैं सैनिकों को यह कहूं कि आप चुपचाप सहते रहो और मारे जाओ।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘अनंतनाग में चुनाव होने हैं। अगर वहां का स्टाफ हमसे मदद मांगता है और हम नहीं करते हैं, तो इससे लोगों और पुलिस का हम पर भरोसा खत्म हो जाएगा। ये हम नहीं होने देंगे, क्योंकि आतंकी यही चाहते हैं। वो सेना और अन्य सुरक्षा बलों के बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘पूरे कश्मीर में नहीं बल्कि दक्षिण कश्मीर के चार जिलों मे दिक्कत है। कश्मीर समस्या का हल पूरी तौर पर निकालना होगा। सबको शामिल करना होगा। सेना का काम हिंसा रोकना और उन लोगों को बचाना है जो इसमें शामिल नहीं हैं।’ …तो हमें करगिल मिला था कश्मीरसमस्या के सियासी हल के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा, ‘क्या पहले सियासी हल की कोशिश नहीं हुई? क्या अंजाम हुआ? हमें करगिल की जंग मिली।’ कहा- कश्मीर में ‘डर्टी वॉर’ से निपटने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे।