कल्पना करें X-RAY की खोज से हजारों साल पहले गर्भस्थ शिशु की ये जानकारी उस समय के लोगों को कैसे मिली होगी!

 
ये गर्भस्थ शिशु की प्रस्तर प्रतिमा ”-कुंददम वादककुनाथ स्वामी मन्दिर-“ की एक दीवार पर उकेरी हुई है। ये मंदिर करीब २५०० वर्ष पुराना बताया गया है। 
कल्पना करें X-RAY की खोज से हजारों साल पहले ये जानकारी उस समय के लोगों को कैसे मिली होगी!!
मन्दिर की दूसरी दीवारों पर भी गर्भस्थ शिशु के हर महीने की पोजिशन की प्रतिमा उकेरी हुई है।
सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन पहला और आखरी वैज्ञानिक धर्म है,
सनातन ने ही दुनिया को विज्ञान दिया ,
दृष्टि दी,
जीवन जीने की कला दी,
सहित्य दिया, संस्कृति दी, 
विज्ञान दिया, विमान शास्त्र दिया, lचिकित्सा शास्त्र दिया, 
अर्थ शास्त्र दिया।
सनातन धर्म लाखो वर्षों से वैज्ञानिक अनुसंधान करता आया है,
हमारे ऋषि मुनियों ने विज्ञान की नींव रखी है,
सनातन ऋषियों ने अपनी हड्डिया गलाकर दुनिया को विज्ञान ओर अनुसंधान के दर्शन कराए है।
पूरी दुनिया कभी सनातन के ऋषी मुनियो के ऋण से मुक्त नही हो पाएगी।
इतना दिया है दुनियां को हमारे ऋषि मुनियों ने।
कुंददम कोयम्बटूर से करीब ८० किलोमीटर की दूरी पर है।
साभार – आयुर्वेद इन्फो Vedant Mishra