विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश एवं व्यवस्था अधिनियम)संशोधन अधिनियम 2018 अध्यादेश को सदन में रखा जायेगा

देहरादून 30 नवम्बर। उत्तराखण्ड राज्य की चतुर्थ विधानसभा के वर्ष 2018 के मंगलवार, दिनांक 4 दिसंबर से प्रारंभ हो रहे शीतकालीन सत्र के अवसर पर की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था तथा आनुषंगिक व्यवस्थाओं पर विचार विमर्श हेतु आज विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल के सभापतित्व में अधिकारियों के संग विधानसभा भवन में बैठक आहूत की गई।इस दौरान विधानसभा सचिव जगदीश चंद भी मौजूद थे।

सुरक्षा संबंधी बैठक के दौरान विधानसभा परिसर के अंदर एवं सभा मंडप में जारी प्रवेश पत्र एवं सुरक्षा चैकिंग के संबंध में चर्चा की गई।वाहनों की पार्किंग चिन्हित स्थानों पर ही पार्क किए जाएंगे।

इस दौरान विधान सभा अध्यक्ष द्वारा सत्र के दौरान अग्निशमन दल, चिकित्सा विभाग द्वारा दवाईयों एवं एम्बुलेंस की व्यवस्थाओं, विद्युत, पानी के संबंध में सुचार व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों से चर्चा की गई।

विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विभागों के अधिकारियों से सत्र के दौरान सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि पिछले सत्रों की तरह ही इस सत्र में भी सभी का सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सत्र में कोई भी व्यावधान न हों इसके लिए सभी विभाग सत्र शुरू होने से पहले सभी तैयारियां कर लें।

श्री अग्रवाल ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि अभी तक कुल 320 तारांकित ,अतारांकित प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं एवं 30 अल्प सूचित प्रश्न प्राप्त हुए है।श्री अग्रवाल ने बताया कि 107 याचिकाएं प्राप्त हुई है जिसमें उत्तराखंड विधानसभा की नियम समिति के द्वारा दिए गए प्रावधान के अनुसार सत्र के प्रत्येक दिन एक विधायक कि 3 ही याचिकाएं स्वीकृत की जाएंगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं व्यवस्था अधिनियम)संशोधन अधिनियम 2018 अध्यादेश को सदन के पटल पर रखा जाना है। ( समझा जा रहा है कि शहरों के अधीन शहरों के अधीन आ चुकी अनुसूचित जाति और जनजाति की लोगों की जमीनों को बेचने के लिए अब उन्हें परमिशन की जरूरत नहीं पढ़नी चाहिए क्योंकि उनकी करोड़ों की जमीन उत्तर प्रदेश के इस जमीदारी उन्मूलन एक्ट के कारण कौड़ियों के भाव भी नहीं जा रही है और हरिजनों की जमीन अनुमति के चक्कर में हंसी पड़ी है) वैसे भी उत्तराखंड में जमीदारी की व्यवस्था नहीं है और यहां पर हरिजनों को यहां पर अनुसूचित जाति जनजाति को जमीन बेचने के लिए भी अनावश्यक दबाव नहीं डाला जाता इसलिए उत्तर प्रदेश के इस एक्ट की। उत्तराखंड में कोई आवश्यकता नहीं

बैठक के दौरान गढ़वाल कमिशनर शैलेश बगोली, डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, एडीजी श्री अशोक कुमार, एडीजी श्री वी विनय कुमार, सचिव श्री दिलीप जावलकर, राज्य सम्पत्ति अधिकारी वंशीधर तिवारी, अपर सचिव सचिवालय प्रशासन अर्जुन सिंह, डीआइजी गढ़वाल श्री अजय रौतेला, देहरादून जिलाधिकारी श्री मुरुगेसन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती, महानिदेशक सूचना दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डीजी हेल्थ डॉ टीसी पंत, देहरादून मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस के गुप्ता, अधिशासी अभियंता जल संस्थान विनोद रमोला सहित विधानसभा के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।