भारत के नये तेवर गोली का जवाब गोले से, सेना के तेवर देख चीन बैकफुट पर

 
📌 कल PMO ने चीन सीमा विवाद के मुद्दे पर सेनाध्यक्षों, NSA, CDS के साथ हाई लेवल मीटिंग की थी!
 
📌 चीन के बहकावे में आकर नेपाल ने भारत को आंख दिखाई और भारत के हिस्से को अपना बताने की हिमाकत की। भारत ने ज्यादा कुछ नहीं किया बस नेपाल से पाम ऑयल और चाय के आयात को रोक दिया! आज नेपाल की संसद में नेपाल का नया नक्शा पेश होना था, मगर हुआ नहीं (फट गई)! नेपाल अब भारत से भारतीय बाजारों में नेपाल के पाम ऑयल और चाय की बिक्री शुरू करने को कह रहा है!
 
📌 उधर अमेरिका की संसद में एक बिल पेश किया गया है जिसमे हांगकांग और तिब्बत को अलग देश के रूप में मान्यता देने की बात है!
 
📌 भारत ने आज वायुसेना में तेजस लड़ाकू विमान की दूसरी स्क्वाड्रन को शामिल किया है!
 
📌 भारत के सेना कमांडरों की हाई लेवल मीटिंग हुई (इनका  डिसिशन जारी नहीं कर सकते) ।
भारत के नये तेवर कुछ ऐसे कि गोली का जवाब गोले से देंगे, भारतीय सेना के तेवर देख पीछे हटा चीन। रूख में बदलाव।
 
📌 शाम होते होते, चीन ने घुटने टेक दिए ।
      चीन ने बयान जारी किया कि …
“भारत चीन के बीच मतभेद बातचीत से सुलझाया जा सकता है! उम्मीद है इससे हमारे बाईलेट्रल संबंधों में खटास नहीं आएगी!”
 
मतलब 24 घंटे में ही चीन की सारी चालबाज़ी धरी रह गई !

इसी प्रकार नेपाल के वामपंथी प्रधानमंत्री ने चीन के इशारे पर अपने पारंपरिक मित्र भारत के क्षेत्रों पर दावा ठोककर और भारत पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाकर भारत की मोदी सरकार की त्योरियां चढ़वा दी थीं,

परिणाम स्वरूप भाजपा सरकार ने भी नेपाल की चाय व् वेजिटेबल ऑयल के लिए भारत के बाजार कुछ समय के लिए बंद कर दिये,

अब नेपाल की वामपंथी सरकार और उनके प्रधानमंत्री को अपने ही देश मे नेपाल के नागरिकों व् नेपाल के राजनीतिक विपक्ष की आलोचना झेलनी पड़ी और तीखी बैकलैश के बाद अब नेपाल की वामपंथी सरकार ने नेपाल के अधिकारी नक्शे जिसमे भारतीय भूभाग पर दावा किया गया था उसे आधिकारिक स्वीकृति देने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है और भारत मे मोदी सरकार को पत्र लिखकर नेपाली चाय और वेजिटेबल ऑयल्स के लिए पुनः भारतीय बाजार खोलने का विनम्र निवेदन किया है।

 इस घटनाक्रम के बाद भारत मे बैठे कट्टर प्रजाति वाले हिंदुओं, क्रिस्लामोकॉमियों और कांग्रेस व उसके सहयोगी राजनीतिक दल, जिस तरह नेपाल की आढ़ लेकर प्रधानमंत्री मोदी  को घेरने का प्रयास कर मोदी नीत भाजपा सरकार की विदेश नीति व् कूटनीति की आलोचना करते फिर रहे थे इससे वे पुनः गलत साबित हुए।  इस डेवलपमेंट के बाद विपक्ष की प्रतिक्रिया क्या होगी ये दिलचस्प होगा ।