भारतीय अर्थव्यवस्था कठपुतली है क्या?

 

हरीश मैखुरी

भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में पूर्व वित्तमंत्री यशवन्त सिन्हा के ववक्तव्य से लगता है कि उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था का  जादा कुछ ज्ञान नहीं, ठीक उसी तरह जैसे अरुण जेटली को नहीं।  भारत जैसे विशाल कृषि प्रधान देश की अर्थव्यवस्था और अर्थशास्त्र किसान के बैलों के पांवों के नीचे चलता है। न कि निफ्टी शेयर बाजार और एयर कंडीशन कमरों से। यहाँ का हर आदमी चलता फिरता बैंक है यहाँ का हर परिवार राष्ट्र का चरखा चलाता है ये टीवी और मोबाइल गाईडेड अर्थव्यवस्था नहीं, इस पर नोट बदली से प्रोपर्टी रियल स्टेट और दलालों के नकली बूम भले खत्म हो गया, पर देश इमानदारी की छलांग लगा चुका है और अब राजनीतिक बेईमानों की चालाकियां समाप्त हो चुकी है। जितने रूपयों की कमी से दुनियां के आधे देश दिवालिया हो जाते हैं उतना तो हमारे देश का एक व्यवसायी सुब्रतो राय सहाराश्री सुप्रीम कोर्ट में जमानत की रकम जमा कर देते हैं।