बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिरों को बनाया निशाना, प्रेसक्लब पर भी हमला, ट्रेनों-बसों को भी किया क्षतिग्रस्त

बंग्लादेश में “ब्राह्मणबरिया इस वक्त जल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अंधाधुंध आग लगाई और प्रेस क्लब पर भी हमला किया गया। प्रेस क्लब के अध्यक्ष सहित कई घायल हुए। हम अत्यधिक भय में हैं और बहुत असहाय महसूस कर रहे हैं। कई हिंदू मंदिरों पर भी हमला हो रहा है। “बांग्लादेश में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय दौरे के बाद अब वहाँ कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिर पर हमला बोला है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के  अनुसार बांग्लादेश से पीएम मोदी के लौटने के बाद हिंसा बढ़ गई है।

रिपोर्ट में बताया गया कि इस्लामिक गुटों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हिंसक झड़प में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई, जिसके चलते कट्टरपंथी समूह और उग्र हो गए। रविवार को पूर्वी बांग्लादेश में एक ट्रेन को भी हिफाजत-ए-इस्लाम नाम के कट्टरपंथी समूह द्वारा निशाना बनाया गया।

रॉयटर्स के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस्लामी समूह के लोगों ने रविवार को एक ट्रेन पर हमला किया। इंजन रूम के साथ लगभग हर कोच को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके अलावा रविवार को राजशाही के पश्चिम जिले में दो बसों में आग लगाई, जबकि सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प में उन पर पत्थरबाजी की।

एक पत्रकार ने एजेंसी को बताया, “ब्राह्मणबरिया इस वक्त जल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अंधाधुंध आग लगाई और प्रेस क्लब पर भी हमला किया गया। प्रेस क्लब के अध्यक्ष सहित कई घायल हुए। हम अत्यधिक भय में हैं और बहुत असहाय महसूस कर रहे हैं। कई हिंदू मंदिरों पर भी धावा बोला है “

अपडेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ढाका यात्रा से खफा वहाँ का चरमपंथी इस्लामी आतंकी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश में खून की होली खेल रहा है। पीएम मोदी के वापस लौटते ही इस संगठन ने चटगाँव स्थित ब्राम्हनबरिया में जमकर हिंसा की। हिफाजत के समर्थकों ने कई मंदिरों को तोड़ने के बाद अब यहाँ मंदिर में रखी माँ काली और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को तोड़ दिया है।

इस्लामी चरमपंथियों के इस दंगे में 10 से भी ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। इन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के पार्टी कार्यालय समेत पुलिस स्टेशन, आम दफ्तरों और बसों में जमकर तोड़फोड़ की। बांग्लादेश में चरमपंथियों ने एक ट्रेन के 15 डिब्बों को तहस-नहस कर दिया। कट्टरपंथी इस्लामी आतंकियों का खौफ ऐसा कि गाँव, शहर, पुलिस स्टेशन और ऑफिस धू-धू कर जलते रहे। लेकिन, फायर ब्रिगेड की टीम चाहकर भी वहाँ नहीं जा सकी।

श्री श्री आनंदमयी काली मंदिर पर हमला

श्री श्री आनंदमयी काली मंदिर कमेटी के अध्यक्ष आशीष पॉल ने बताया कि हम डोल पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में पूजा कर रहे थे। इसी दौरान हिफाजत-ए-इस्लाम के करीब 200 से 300 हथियारबंद लोग मंदिर का गेट तोड़कर अंदर घुस आए। हमने काली माँ की मूर्ति को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने हमें ढकेलकर काली माँ की मूर्ति को तोड़ दिया।

पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा के विरोध में यह इस्लामी चरमपंथी संगठन बीते 4 दिन से बंग्लादेश की सड़कों पर हिंदुओं का खून बहा रहा है। वहाँ के गृहमंत्री ने इन्हें चेतावनी देते हुए कहा है कि किसी को भी बलवा करने की इजाजत नहीं है। हिफाजत अगर अपनी हिंसा नहीं रोकता है तो सरकार सख्त कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।

इससे पहले बीते 17 मार्च को हिफाजत ए इस्लाम के नेतृत्व में हजारों की भीड़ ने समानगंज जिले के ‘शल्ला उपजिला’ इलाके के नवागाँव में हमला कर दिया था। हजारों चरमपंथियों गांव में 88 घरों और 8 मंदिरों को नष्ट कर दिया था।

मामला केवल इतना था कि हिफाजत के नेता की सोशल मीडिया पर आलोचना कर दी थी। मौलाना ने अपने भाषण में बंगबंधु मुजीबुर रहमान की मूर्ति लगाने का विरोध किया था। हद तो तब हो गई जब इस्लामी चरमपंथियों के दवाब में आकर पुलिस ने हिंदू युवक को ही गिरफ्तार कर लिया।

2010 में बने इस संगठन को पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई और सऊदी अरब के शेखों का समर्थन हासिल है। वही इसे फंडिग करते हैं। 2017 में इसी संगठन ने ग्रीक देवी की मूर्ति बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय में देखने के बाद प्रदर्शन किया था। संगठन का कहना था कि बांग्लादेश में इस्लाम को कमजोर करने के लिए ये एक साजिश है। बाद में वह मूर्ति न्यायालय से हटानी पड़ी थी।