पहाड़ में जीना भी मुश्किल और मरना भी मुश्किल, क्विक एक्शन – मारी गयी गोदाम्बरी की हत्यारिन गुलदार

चौबट्टाखाल के पोखड़ा ब्लाक के डबरा गांव में सुबह दस बजे के आसपास 55 वर्षीय गोदम्वरी पर गुलदार ने खेत में हमला कर दिया। गोदम्वरी उस समय बड़ी इलायची की फसल गुड़ाई कर रही थी। गुलदार ने पंजे से गोदम्वरी की गर्दन और चेहरे को बुरी तरह से नोंच डाला। गोदम्वरी ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। इस क्षेत्र मेंं यदाकदा गुलदार ऐसे ही घात लगाकर लोगों को शिकार बनाते हैं। मानव-वन्य जीव संघर्ष यहां आम बात है। मरने के बाद भी पोस्टमार्टम के लिए भी गोदाम्बरी की परेशानी कम नहीं हुई। पौड़ी जिला अस्पताल कोविड सेंटर बना हुआ है। वैसे भी डबरा से पौड़ी लगभग 70 किलोमीटर दूर है। वन विभाग की औपचारिकता पूर्ण कर परिजनों की मजबूरी थी कि पोस्टमार्टम करना है। गांव से लगभग 100 किलोमीटर दूर कोटद्वार अस्पताल में पोस्टमार्टम होगा। गोदावरी के परिजन और ग्रामीण देर शाम सात बजे तक भी कोटद्वार नहीं पहुंच पाये। इसके बाद देर रात को डीएम के आदेश के बाद स्पेशल पोस्टमार्टम होगा और उसके बाद सुबह हरिद्वार में गोदम्वरी को दाह संस्कार। परिजनों और ग्रामीणों को अब रात कोटद्वार अस्पताल में ही गुजारनी होगी। 

दरअसल, पहाड़ में जीना भी मुश्किल है और मरना भी मुश्किल। पौड़ी से पांच सीएम निकले लेकिन वहां की स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं किसी की भी प्राथमिकताओं में नहीं रही। सीएम तीरथ भी यहीं से हैं और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक भी इसी इलाके से हैं। मौजूदा विधायक व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी यही से हैं। 

क्या बेहतर नहीं होता कि किसी पीएचसी या सीएचसी सेंटर में भले ही जीते जी इलाज न मिले, लेकिन मरने के बाद पोस्टमार्टम की तो व्यवस्था हो। चैबट्टाखाल, नौगांवखाल, पाटीसैंण, सतपुली, दुगड्डा में अस्पताल के नाम पर भवन तो हैं लेकिन मात्र रेफरल सेंटर। आखिर पहाड़ के लोगों को किन गुनाहों की सजा मिल रही है। यह दोहरी मार क्यों? जीना भी मुश्किल और मरना भी मुश्किल तो बताओ सरकार, पहाड़ के लोग पलायन न करें तो क्या ?

साभार Gunanand jakhmola’s wall 

अच्छी खबर महिला को मारने वाली मादा गुलदार आई नजर

ज्ञात हो कि जिस दिन प्रातः 11:30 जनपद पौड़ी के अंतर्गत ग्राम डबरा निवासी 55 वर्षीय महिला को गुलदार ने मार दिया

खबर है कि—

इसके बाद ग्रामीणों का रोज देखते हुए वन अधिकारियों ने गुलदार को पकड़ने या मारने के आदेश दिए

रात्रि 8:00 बजे के लगभग यहां मादा गुलदार फिर उसी स्थान पर आ गई जहां उसने महिला को मारा था

इस बार वह गुलदार ,,, खुद ही हो गई गोली का शिकार। आखिर नरभक्षी गुलदार मारी गईपौड़ी गढ़वाल में आज गुरुवार सुबह 10 बजे महिला को मौत के घाट उतारने वाली मादा गुलदार को पौड़ी गढ़वाल के वन विभाग ने 10 घंटे में ही मौत के घाट उतार दिया। जनपद पौड़ी गढ़वाल की पोखड़ा ब्लाक के मजगांव में गुरुवार सुबह एक महिला को खेत में काम करते हुए घात लगाए मादा गुलदार ने मौत के घाट उतार दिया था। ग्रामीणों ने गुलदार को तत्काल मारने की मांग की थीँ
घटना की सूचना मिलने पर क्षेत्रीय विधायक एवं काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने पौड़ी के जिलाधिकारी और वन विभाग को तत्काल हत्यारी गुलदार को जिंदा पकड़ने या मरने की बात कही थी जिस पर गढ़वाल वन प्रभाग के डी एफ ओ ने रिपोर्ट राज्य के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को भेजी थी। कार्रवाई करते हुए वन्य जीव प्रतिपालक ने गुलदार को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश दिए थे जिसके बाद वन विभाग ने क्षेत्र में पिंजरे सहित शिकारी दल तैनात कर दिए। आज शाम ही लगभग 8 बजे हत्यारी मादा गुलदार उसी स्थान पर पहुंची जहां पर वह महिला के शव को छोड़ गई थी। पहले से ही घात लगाए शिकारी जे हुकुल ने मादा गुलदार को मौत के घाट उतार दिया। महिला के हत्यारे मादा गुलदार की मारे जाने की पुष्टि चौबट्टाखाल के एसडीएम संदीप ने की है। यह पहली बार हुआ जब नरभक्षी गुलदार को उसी दिन मार गिराया गया।