ऋषि परम्परा के पत्रकार नरेन्द्र दत्त जमलोकी के देवलोक गमन से सदा के लिए रिक्त हो गयी मिशनरी पत्रकारिता, जनप्रतिनिधियों और विद्वानों ने दी श्रध्दांजलि

✍️ हरीश मैखुरी

पत्रकारिता के भीष्म पितामह नरेेन्द्र दत्त जमलोकी जी एहलौकिक लीला पूरी करके इस धराधाम से परलोक गमन कर गये हैं। यह अत्यंत दुखपूर्ण और एक पीढ़ी का जाने की अपूूूरणी छति है यहै। वे गढ़वाल के उस पीढ़ी के अकेेल प्रतिनिधि थे। ऋषि परम्परा के पत्रकार नरेन्द्र दत्त जमलोकी देवलोक गमन से सदा के लिए मिशनरी पत्रकारिता सदा के लिए रिक्त होगयी है 

नरेंद्र दत्त जमलोकी के द्यो लोक गमन पर श्रध्दांजलि देते हुए शम्भु प्रसाद भट्ट ‘स्नेहिल’ प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तराखंड, लिखते हैं कि “हमारे जीवन के परम-आदर्श व मार्गदर्शक तथा आत्मिक स्वजन, विद्वत्श्रेष्ठ श्री नरेन्द्र दत्त जमलोकी जी का कोई सानी नहीं था। उन्होंने दिनांक 20.08.2021 की मध्याह्न अपने जन्मस्थान/निवासस्थान- रविग्राम, फाटा, (रूद्रप्रयाग, उत्तराखंड) में मंदिर देव-दर्शनोपरांत वापसी घर आते समय आकस्मिक निधन हो गया है।
वे सर्वोदयी विचारधारा के महान् प्रणेता संत विनोबा भावे तथा अहिंसा के महानतम पूजारी महात्मा गांधी के आदर्शतम विचारों व पदचिन्हों पर चलने वाले, सुप्रसिद्ध समाजसेवी व विचारक, वरिष्ठतम पत्रकार/साहित्यकार, धर्म व आध्यात्म के चिंतक/उपासक, अति सौम्य व सरल-सरस स्वभाव के धनी, अत्यंत लोकप्रिय व्यक्तित्व से परिपूर्ण, केदारघाटी के मान व सम्मान के प्रतीक रहे हैं।
देश व समाज सेवा तथा देव भक्ति के लिए स्वयं को सतत् समर्पित कर परम आदरणीय श्री नरेन्द्र जमलोकी जी ने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया।
ऐसे महान् व्यक्तित्व के आकस्मिक निधन से संपूर्ण क्षेत्र शोकाकुल है।
प्रभु परमेश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे और सभी आत्मिक परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति दे। वे सदा ही सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु अपने पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से शासन-प्रशासन से पत्राचार करते तथा समय-समय पर संबंधित विभागीय कार्यालयों में जाकर जनसमस्याओं का निराकरण करवाते रहते थे और जन-जन की सेवा में सतत् संलग्न रहते थे। उनका अधिकांश समय फाटा स्थित ‘गायत्री कुटीर’ में व्यतीत हुआ।
श्री जमलोकी जी द्वारा बिना किसी संस्थागत सहयोग के स्वयं के ही दम पर ‘पंच-केदार’ नाम से एक लघुतम पत्रिका का संपादन/प्रकाशन किया गया, जिसमें उनके द्वारा क्षेत्र के महत्वपूर्ण मठ-मंदिर-धाम व पावन तीर्थ-स्थलों का शोधपरक विवेचन कर उन स्थलों की महत्ता को जन-जन तक प्रसारित करने का अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किया गया। उनके इन अमूल्यतम जनहितकारी कार्यों को देखते हुए व याद करते हुए क्षेत्र की संपूर्ण जनता आज उनके परलोक सिधारने से अत्यंत व्यथित है। शत्-शत् नमन/वंदन।
सौभाग्य से हमें भी राजकीय सेवाकाल के दौरान केदारघाटी अंतर्गत सेवारत्त रहते हुए इन महापुरुष के पावन सान्निध्य का लाभ प्राप्त करने का अवसर मिला। उनके व्यक्तित्व से हमें जीवन के उस मोड़ पर बहुत कुछ अच्छाईयां सीखने व समझने का सुअवसर प्राप्त हुआ। हम दोनों की आयु में तीन दशकों से भी अधिक का अन्तर होने पर भी उनकेे द्वारा कभी-भी अपनी अधिक आयु का प्रभाव प्रदर्शित नहीं किया गया, अपितु सम-वयस्क की तरह अति आत्मीयतापूर्ण (मित्रवत्) व्यवहार किया गया। उनके द्वारा अपने विद्वत्तापूर्ण प्रभाव/व्यवहार से समय-समय हमारा उचित मार्गदर्शन भी किया गया। राजकीय सेवा कार्य से जब-जब भी समय मिलता तो, हम गायत्री कुटीर में बैठकर सान्निध्य में आपसी बातों के साथ अधिकांशतः धर्म-दर्शन व आध्यात्म तथा जनोपयोगी बातों पर चर्चा-परिचर्चा करते रहते थे। उन्होंने संत जैसा जीवन व्यतीत किया, वे मां काली के परम भक्त व महान् उपासक थे। उनकी दिव्यता और विचारों की उत्कृष्टता से स्पष्ट था कि श्री जमलोकी जी पर मां दुर्गा की असीम कृपा है।
🙏🏻🙏🏻।भावपूर्ण श्रद्धांजलि।🙏🏻🙏🏻
ॐ शान्ति:। ॐ शान्ति:।। ॐ शान्ति:।।।
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क्षेत्र के अनेक बुद्धिजीवियों द्वारा स्व.श्री नरेंद्र दत्त जमलोकी को अपने शब्दों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। 

प्रख्यात सर्वोदयी कार्यकर्ता, चिंतक और सक्रिय पत्रकार के रूप में अपना जीवन समाज के लिए समर्पित करने वाले कर्मयोगी श्री नरेंद्र दत्त जमलोकी जी का आज दोपहर 2:30 बजे फाटा में आकस्मिक निधन हो गया।
उनके परिवारीजन भाई पत्रकार रमेश जमलोकी ‘उत्तराखंडी’ जी ने बताया- आज उनका 88वाँ जन्मदिन था। वह दोपहर में फाटा बाजार स्थित हनुमान मंदिर में गए और वापसी में उन्हें चक्कर आए, वह गिर पड़े। तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाद में मंदाकिनी नदी के पवित्र तट पर वैदिक मंत्रोचार के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
समाज के लिए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान करने वाले श्री जमलोकी जी अविवाहित रहे। वसुधैव कुटुंबकम् ही उनका ध्येय वाक्य था। चार माह पूर्व ही उनके निवास पर उनसे बातचीत हुई थी। क्या पता था, उनका यह अंतिम दर्शन हैं। ऐसी महान विभूति का यूँ एकाएक चले जाना समाज की एक बहुत बड़ी क्षति है। प्रभु उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
श्री अनुसूया प्रसाद मलासी, व.पत्रकार।

केदारघाटी के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, सर्वोदयी नेता श्री नरेन्द्र दत्त जमलोकी जी के निधन की दुःखद ख़बर प्राप्त हुई। भगवान आपको अपने श्री चरणों में स्थान दे और शोकाकुल प्रेमी, स्नेहीजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दे।
ॐ शांति ॐ
श्री जयवर्धन काण्डपाल ‘जय’, अधिवक्ता, उत्तराखंड हाईकोर्ट।

प्रख्यात समाजसेवी, वरिष्ठ पत्रकार, 60 के दशक में आचार्य विनोबा भावे जी के साथ भूदान और ग्राम आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर कार्य करने वाले सर्बोदयी और आजीवन ब्रह्मचर्य ब्रत का पालन करने वाले आदरणीय नरेन्द्र दत्त जमलोकी जी के आकस्मिक निःधन पर अत्यन्त दुःख है। वे साधारण वेश भूषा में भी असाधारण थे। उत्तराखण्ड की एक विभूति थे। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। भावभीनी श्रद्धांजलि। शत शत नमन। ॐ शान्तिः ॐ
डॉ आशुतोष किमोठी, व.चिकित्सक/भाजपा व.नेता।

महान ज्योतिषचार्य, महान पत्रकार, समाज सुधारक, हर मनुष्य, पशु पक्षी, अपने लघु के समान, प्ररेणा दायक, केदाराय, त्रिजुगीनारायण, कालिमठ, कालीशिला, के महान उपासक,20-08-2021 को केदार घाटी रविगाँव, श्री स्व0नरेंद्र दत्त जमलोकी, को हृदय नमन करता हूँ हम से महान मार्ग दर्शन वाले अलविदा हो गये ऊँ शातिं ऊँ शातिं ऊँ शातिं
श्री सुबोध वाशिष्ठ, मयकोटी।

सर्वोदयी,समाजसेवी,पत्रकार व साहित्यकार आदरणीय नरेंद्र दत्त जमलोकी जी को भावभीनी श्रद्धांजलि व नमन। आज 90 वर्ष की उम्र में आदरणीय जमलोकी जी का निधन हुआ। केदारघाटी के रविग्राम गांव में जन्मे आदरणीय जमलोकी जी ने समाजसेवा के विभिन्न क्षेत्रों में अपना जीवन समर्पित किया। विभिन्न आंदोलनों में भाग लेकर उन्होंने समाज को नई दिशा की ओर प्रेरित किया। समाज के लिए उनके द्वारा किए गए त्याग व तपस्या को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। ॐ शांति
श्रीमति आशा नौटियाल, पूर्व विधायक।

our village elder Shri Narendra Datt Jamloki left for his heavenly abode on 20 Aug 2021. Sad demice of bhai sahab has left us bereaved of his guidance. He was, as a professional, known for his purposeful press reporting and newsfeed. Rich in his knowledge of Hindu Scriptures, he had a lot to give to those who met him. He always liked to see something good happening and showed concern in all round development of the Village and the youth. He remained active and took part in social, cultural, religious, developmental and political activities. He visited Sant Vinoda Bhave ji and took active part in Bhudan yangnya during his young days.
We shall ever miss him and remember his contribution. He was a Bal Brahmchari. We pray his soul rest in peace. Om Shanti.
Shri Lakshmi Datt Jamloki. Ravigram.

रुद्रप्रयाग (uk) ————-
अंतिम यात्रा पर चल दिया कलम का सच्चा सिपाही

पत्रकारिता जगत के स्तम्भ व वरिष्ठ साहित्यकार एवं रुद्रप्रयाग जनपद में सर्वोदयी आंदोलन के अग्रदूत केदारघाटी निवासी नरेंद्र दत्त जमलोकी जी (88 वर्ष) अब हमारे बीच वीच नही रहे । हम उनकी पुण्य आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। इस दुःख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं।

केदारघाटी के रविग्राम में जन्मे नरेंद्र दत्त जमलोकी जी का जीवन समाज के लिए समर्पित रहा। 1963 में भारतीय सर्वोदय सम्मेलन रायपुर में आचार्य विनोबा भावे का सानिध्य पाकर सर्वोदयी हो गए। आप ने भूदान, ग्रामदान, सर्वोदय, पहाड़ों में शराब विरोधी कई पदयात्राओं और आंदोलनों में भाग लिया और कलम की धार से सामाजिक बुराइयों पर प्रहार किया।

समाज के लिए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान करने वाले श्री जमलोकी जी अविवाहित रहे। वसुधैव कुटुंबकम् ही उनका ध्येय वाक्य था।

आप के निधन से पत्रकारिता एवं साहित्य जगत के साथ साथ पूरे रुद्रप्रयाग जनपद को बहुत बड़ी क्षति हुई है ।

शत शत नमन वंदन
ॐ शांति
श्री पंकज भट्ट, केदारनाथ विधानसभा।