‘काफल’ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बहुत लोकप्रिय फल है जो मई जून के महीने में पकता है

काफल का पेड़ भारत के उत्तरी क्षेत्र में लगभग 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाने वाला एक औषधीय सदाबहार पेड़ है। इस पेड़ पर लगने वाले फल को काफल कहते हैं यह फल अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग नाम से जाना जाता है और अंग्रेजी में इसे ‘बे-बेरी’ (Bay-Berry) के नाम से जाना जाता है। यह फल उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है जो कि मई और जून के महीने में पकता है। भारत के अलावा यह नेपाल, चीन, ताइवान, जापान, कैमरून के पश्चिमी हाइलैंड, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और इथियोपिया सहित पृथ्वी के उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाया जाता है।
 काफल एक औषधीय फल है जोकि विभिन्न रोगों में एक रामबाण का कार्य करता है काफल के वृक्ष की पत्तियों से लेकर जड़ तक, प्रत्येक भाग को औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। काफल के प्रयोग से खांसी, अल्सर, सूजन, एनीमिया, बुखार, दस्त, नाक ,कान और गले के रोगों सहित अन्य रोगों को ठीक करने में किया जाता है।  यह रोग प्रतिरोधक फल है। और शरीर को बलिष्ठ बनाता है (साभार)