क्या EVM से छेड़छाड़ (हैक) या ईवीएम बदली (स्वैप) हो सकती है?


सौजन्य – डॉ हरीश मैखुरी

इनदिनों एक नैरेटिव चलरहा है ..EVM हैक नहीं सीधे बदली जा रही है…
एक छोटा सा सरकारी कर्मचारी जिसकी कभी चुनावी ड्यूटी लगी हो उससे पूछिये क्या EVM बदली जा सकती है .…..वो कहेगा बदली छोड़ो उसका कोई छू भी नहीं सकता, चुनाव के बाद छेड़छाड़ और बदलना तो असम्भव है
क्या आप जानते हैं …
EVM मशीन को बदलने के लिए ….
? ईवीएम डेटा को बदलना पड़ेगा।
? ईवीएम का सीरियल नंबर बदलना पड़ेगा।
? कंट्रोल यूनिट का सीरियल नंबर बदलना पड़ेगा।
? वीवीपीएटी नंबर बदलना पड़ेगा।
? वीवीपैट की पर्ची का मिलान नई ईवीएम मशीन पर दिए गए वोटों से किया जाएगा
? पेपर सील की संख्या बदलनी पड़ेगी।
? स्ट्रिप सील की संख्या बदलनी पड़ेगी
? पेपर सील पर पीठासीन अधिकारी का साइन, पोलिंग एजेंट का साइन, उनकी सभी साइन को नकली बनाना पड़ेगा।
? मशीनों जिसमें सील दी जाती है और एजेंटों को प्रदान की जाती है, तो उन्हें भी तोड़ना होगा, और नकली बनाना होगा।
? मार्क की हुई कॉपी को बदलना होगा।
? प्रत्येक पार्टी के एजेंट के घर पर जाकर और 17 सी फॉर्म बदलना पड़ेगा।, और उनके साथ उन्हें एक और 17 सी फॉर्म देना होगा, जिसमें पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर को नकली होना चाहिए।
? प्रत्येक पार्टी के पोलिंग एजेंट को पैसे से सहमती लेना होगा, ताकि वे गिनती के दौरान किसी भी परेशानी के बिना, इस धोखाधड़ी के बारे में कोई जानकारी न दें।
? मतदाता टर्न आउट रिपोर्ट को बदलना पड़ेगा।
? यदि वेब कास्टिंग या वीडियो रिकॉर्डिंग का प्रावधान है, तो उन्हें हटाना होगा और साथ ही, एक सुरक्षित स्थान पर एक गलत बूथ अवसंरचना का निर्माण करना होगा, उस बूथ के मतदाताओं को लुभाकर झूठी मतदान की वीडियो रिकॉर्डिंग करनी होगी।
? चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 2 घंटे के बाद मतदाता विवरणी रिपोर्ट भेजनी होती है उसे मिटाना होगा।

एक उदाहरण से इसे समझते हैं मोदी सरकार से पहले दस साल मनमोहन सरकार थी अधिकांश राज्यों में भी उनकी पार्टी की सरकार थी सबकुछ उनके हाथ में था, EVM से छेड़छाड़ (हैक) या ईवीएम बदली (स्वैप) सकती तो क्या वे 400 एमपी से घट कर 40 एमपी पर आते? लेकिन बदलाव इस लिए होता है कि लोकतंत्र में वोट का अधिकार वोटर के पास है। हर बार जनमत का विनम्र भाव से स्वागत किया जाना चाहिए। 

 एक और बात पैसे से भरा एटीएम जो कि डायरेक्ट नेट से कनेक्टेड है आप एटीएम को छू सकते हैं बहुत सारी डिटेल्स आपके पास होती है तब भी एटीएम हैक नहीं हो सकता तो क्या जिस एबीएम मशीन को आप हाथ नहीं लगा सकते वह इंटरनेट से कनेक्टेड नहीं है वह चुनाव आयोग की निगरानी में इतनी सावधानी से संगीनों के साए में रहती है तब उसके साथ छेड़छाड़ या हैक करना कैसे संभव है? 

एक और बात- बार बार चुनाव आयोग और ईवीएम पर अंगुली उठने के मध्य नजर पिछले दिनों चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम से छेड़छाड़ और उसे हैक करने के मसले पर विमर्श हेतु बुलाया था। पर क्योंकि सभी राजनीतिक दलों की को मालूम था कि ईवीएम के साथ ना हैकिंग हो सकती है और ना छेड़छाड़ हो सकती है इसलिए इस चुनौती में किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि ने प्रतिभाग नहीं किया।

हमें देश को आगे ले जाना है चुनाव को और ज्यादा हाईटेक बनाना होगा वोटिंग सिस्टम को आधार से जोड़ने और अपने घर से वोट करने और चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाये जाने हिंसा और धनबल रहित बनाने के विषयों पर विचार किया जाना चाहिए नकी वोटिंग सिस्टम को वापस आदम युग के बैलेट पेपर पर ले जाने की बातें करके पर्यावरण और समाज को नुकसान पहुंचाना चाहिए

लोगों को अफवाह से बचना चाहिए । बिना तथ्यों के मनगढंत कहानी गढ़ने वाले इस पर अमल करें तो बेहतर रहेगा।