कर्णप्रयाग – चमोली जिले का वार मेमोरियल इन्टर कालेज बना शो पीस छात्रों के भविष्य से खेलती सरकार

जीतेन्द्र पॉवर
कर्णप्रयाग ( शिक्षको की कमी )
सरकारे भले ही सब पढ़े सब बढ़े का नारा दे रही है , मगर समर स्मारक राजकीय इण्टर कालेज कर्णप्रयाग इन दिनों शिक्षको की कमी से जूझ रहा है । बिद्यालय वह स्थान होता है जहाँ माता पिता अपने बच्चों को ज्ञान अर्जित करने को भेजते है । मगर स्कूल में जब शिक्षक ही नही तो बच्चों को ज्ञान देगा कौन । प्रथम वार्ड के विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी द्वारा ब्रिटिश सरकार से मिडिल स्कूल की मांग पर 1918 में स्थापित यह बिद्यालय स्थापित किया गया । इसीलिए आज भी यह विद्यालय समर स्मारक के नाम से जाना जाता है । मगर आज यह बिद्यालय सरकारो व बिभागो की लापरवाही से बदहाली के आंसू बहा रहा है ।
        बिद्यालय में इण्टर स्तर पर वाणिज्य व हाई स्कुल में गणित , भाषा, व वाणिज्य जैसे अहम पदों पर शिक्षको के पद कई समय से खाली पड़े हुए है । जिस कारण आज नोनिहलो का भविष्य अधर में लटका हुआ है । लाखो रू0 की लागत से बना छात्रावास भी बिन रख रखाव के कारण बन्द पड़ा हुआ है जिससे निर्धन छात्रो को अन्यत्र रहना पड़ रहा है । खेल कूद के लिए लाखो रू0 की लागत से बना मैदान भी मिटटी के ढेरो व कीचड़ से पटा हुआ है । जिससे पठन पाठन के साथ साथ बच्चों का सवांगीण विकास नही हो पा रहा है ।  यही कारण है कि आज लोगो ने निजी स्कूलो की ओर रुख कर दिया है जिस कारण आज स्कूल मे छात्र संख्या मात्र 250 रह गयी है । स्थानीय लोगो का कहना है कि समय समय पर सरकारो से पत्राचार भी किया गया मगर समस्याएं जस की तस् बनी है । वही खंड शिक्षा अधिकारी कर्णप्रयाग ने बताया कि विद्यालय से सम्बंधित समस्याओ के बारे में  आला अधिकारियो को कई बार बता चुके है । उन्होंने आश्वासन दिया कि शायद गेस्ट टीचरो की नियुक्तियों के बाद समस्याओ का निराकरण हो जायेगा ।