8 परिवारों का हल लगा कर पलायन को ठेंगे पर रखती कौशल्या देवी

सरिता नेगी

तस्वीर कौशल्या देवी, पत्नी स्व० जय लाल की हैं जो अपने गाँव कठूड़, पट्टी सितोनस्यूं, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड के 8 परिवारों का हल लगाती है।

भारत के 48 प्रतिशत कृषि संबंधित रोजगार में औरतें हैं, जबकि करीब 7.5 करोड़ महिलाएं दुग्ध उत्पादन तथा पशुधन व्यवसाय जैसी गतिविधियों में सार्थक भूमिका निभाती हैं। कृषि क्षेत्र में कुल श्रम की 60 से 80 फीसदी तक हिस्सेदारी महिलाओं की है। पहाड़ों में तो पुरूष सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर लगभग सारा ही श्रम महिलाओं का है। पारिश्रमिक लेकिन उन्हें आज भी पुरुषों से कम मिलता है और यह उनकी दयनीय स्थिति का सबसे बड़ा कारण है। इतने योगदान के बाद भी हम अपनी मातृशक्ति की मेहनत के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। पौड़ी जनपद में गांव कठूड़ की रहने वाली कौशल्या देवी 8 परिवारों का हल लगा कर पलायन को ठेंगे पर रखती हैं। लेकिन वे चाहती हैं कि जंगली पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाए  कोरोना महामारी के इस मुश्किल समय में भी कौशल्या देवी हल लगाकर अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के साथ-साथ गाँव में बसे रहने के लोगों के सपने को भी जिंदा रखे हुये है। उनकी जीवटता को नमन्।