विधानसभा सत्र भराड़ीसैंण : उत्तराखंड के पहाड़ी गांवों से हटाये जायेंगे 40 हजार बंदर, विक्टोरिया क्रॉस दरबान सिंह नेगी को श्रध्दांजलि, ग्रीष्मकालीन राजधानी का एक वर्ष, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के भराड़ीसैंण दौरे के निहितार्थ, प्रीतम सिंह पहुंचे घाट धरना स्थल पर

रिपोर्ट ✍️हरीश मैखुरी
       मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मंत्रियों एवं विधायकों ने गुरूवार को भराड़ीसैंण विधानसभा में विक्टोरिया क्रॉस स्व. श्री दरबान सिंह नेगी के जन्म दिवस पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
 
 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भराड़ीसैंण विधानसभा में  विधानसभा अध्यक्ष  श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भेंट कर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण बनाने की घोषणा के एक वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी।
 
 आज गैरसैण विधान सभा सत्र में उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले पशुओं का पशुओं और वन्य जीव जंतुओं का मुद्दा छाया रहा सरकार ने प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी कि सरकार बहुत जल्दी उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों के गांवों से 40,000 बंदरों को रिहैबिलिटेट करेगी और उनको एक गांव से उठाकर इन बंदरों का पुनर्वास करेगी जिससे ग्रामीणों को बंदरों के नुकसान से मुक्ति मिलने की संभावना है
 
 भराड़ीसैंण में आयोजित विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुद्धवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल  के कार्यालय कक्ष में पहुंचकर की शिष्टाचार भेंट।
 
 
हरीश रावत ने घाट रोड़ के चौड़ीकरण आन्दोलन का भी समर्थन किया। और कहा कि मुख्यमंत्री को घाट रोड़ चौड़ीकरण हेतु लड़ाई लड़ रहे आन्दोलनकारियों से बात करने में क्या हर्ज हो सकता है? 
 पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी डाली जिसमें लिखा है कि ” मैं भी आम #उत्तराखंडी की तरीके से #घसियारी का बेटा हूं और मैं खुद भी #घसियार रहा हूं अपने भाई के साथ, माँ #घास काटती थी और हम उसको बांध करके घर लाते थे। #त्रिवेंद्र_सिंह जी घसियारी के सर से बोझ हटाना चाहते हैं, जब मैंने कैसे हटाएंगे उस व्यवस्था को देखा तो मुझे बड़ी जोर से हंसी आयी, क्योंकि #कालसी में चाटन भेली जो भूसे और घास, गुड़ आदि का समीक्षण करके बनाई जाती है, वो उसके बेचने की व्यवस्था को और व्यापक करना चाहते हैं, अच्छी बात है। लेकिन इससे बोझ हटेगा नहीं, जब घास ही नहीं है, जंगलों में घास के लिए जाते थे उस पर प्रतिबंध हो गया है, पहले जाड़ों में हमारी भैंसें मालू के पत्ते खाती थी, इसलिये जब मुझे मौका मिला मैंने मालू, तिमला, भिमल, गेठी आदि चारा प्रजाति के वृक्षों पर ₹300 की बोनस राशि “#मेरा_वृक्ष-मेरा धन योजना” के तहत प्रारम्भ की थी जिसे घसियारी के कल्याण के लिये सोचने वाली, वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है। मैंने, #दूध पर #बोनस की योजना शुरू की और महिला दुग्ध समितियों को प्रोत्साहन दिया, आज वो प्रोत्साहन भी केवल हवा में है। मैंने, #गंगा-गाय योजना और #मुख्यमंत्री_विधवा_बकरी_पालन योजना शुरू की, आज ये योजनाएं भी समाप्त कर दी गई हैं। मगर मुख्यमंत्री जी को घसियारी याद आ रही है, बहरहाल मैं संघर्ष करूंगा कि घसियारी इसका सर्वेक्षण करवा करके उनको पेंशन योजना के दायरे में लाऊं। यूं हमने घसियारी के कष्ट को देखते हुये “#तीलू_रौतेली पेंशन” योजना प्रारंभ की थी जो असहाय महिलाओं के लिए थी, उस योजना का विस्तार सार्वभौम तरीके से सब घसियारी #महिलाओं के लिये किया जाय, यह मेरा अगला लक्ष्य होगा।”
 
प्रीतम सिंह पहुंचे घाट धरना स्थल पर
आंदोलन को दिया समर्थन,घायलों से मिले।
पुलिस ने बर्बरता की सभी हदें पार की- प्रीतम सिंह
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह कल भराड़ीसैण में विधानसभा का सत्र छोड़ कर घाट नंदप्रयाग मार्ग के चौड़ीकरण की मांग करने पर त्रिवेंद्र सरकार की पुलिस की लाठियों से घायल आंदोलनकारियों से मिलने घाट व नंदप्रयाग पहुंचे। आज प्रातः ग्यारह बजे नंदप्रयाग पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष का चमोली के कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी कर स्वागत किया व बाज़ार में जुलूस निकाल कर भराड़ीसैण कांड के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए त्रिवेंद्र सरकार का पुतला दहन किया। नंदप्रयाग में पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वहां से रवाना हो कर श्री प्रीतम सिंह साड़े बारह बजे घाट स्थित धरना स्थल पहुंचे जहां पिछले तीन महीनों से क्षेत्रीय ग्रामीण घाट नंदप्रयाग मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। श्री प्रीतम सिंह ने  धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस घाट क्षेत्र के लोगों की मांग का न केवल समर्थन करती है बल्कि राज्य सरकार से मांग करती है कि तत्काल इस मार्ग के चौड़ीकरण के लिए पैसा स्वीकृत कर काम शुरू करवाये। उन्होंने एक मार्च को भराड़ीसैण की लाठी चार्ज की घटना को शर्मनाक व उत्तराखंड के इतिहास में एक काला अध्याय बताते हुए कहा कि इसके लिए उत्तराखंड की मातृशक्ति कभी भी त्रिवेंद्र सिंह सरकार को माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले में सरकार की लीपापोती की भर्त्सना करती है व दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग करती है। श्री प्रीतम सिंह के साथ पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह भंडारी, जिला कांग्रेस चमोली अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, प्रदेश कांग्रेस सचिव मुकेश सिंग नेगी, ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह बिष्ट, संदीप आदि पार्टी नेता शामिल रहे।