महाराणा प्रताप ने तलवार के एक ही वार से चीर कर रख दिया था बहलोल खां को

मुगल आक्रांता अकबर को अपने मंत्री बहलोल खां पर बहुत नाज था, इसीलिए लूटी हुई औरतों में से बहुत सी  उसको दे दी जाती थी, अकबर ने 7 फ़ीट 8 इंची बहलोल खान को भेजा था महाराणा प्रताप का सर लाने, 
मुगल अकबर का सबसे खतरनाक सेना नायक  नाम था – बहलोल खां . . . . कहा जाता है कि हाथी जैसा बदन था इसका . . . और ताक़त का जोर इतना कि नसें फटने को होती थीं . . . ज़ालिम इतना कि तीन दिन के बालक को भी गला रेत-रेत के मार देता था . . . . बशर्ते वो हिन्दू का हो . . . . . एक भी लड़ाई कभी हारा नहीं था अपने पूरे करियर में ये बहलोल खां ।
काफी लम्बा था, 7 फुट 8 इंच की हाइट थी, कहा जाता है की घोडा उसने सामने छोटा लगता था। बहुत चौड़ा और ताकतवर था बहलोल खां, 
जब हल्दीघाटी का युद्ध हुआ, अकबर और महाराणा प्रताप की सेनाएं आमने सामने थी, अकबर महाराणा प्रताप से बहुत डरता था इसलिए वो खुद इस युद्ध से दूर रहा ॥
अब इसी बहलोल खां को अकबर ने भिड़ा दिया हिन्दू-वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से.. लड़ाई पूरे जोर पर और मुगलई गंद खा-खा के ताक़त का पहाड़ बने बहलोल खां का आमना-सामना हो गया अपने प्रताप से ॥
अफीम के ख़ुमार में डूबी हुई सुर्ख नशेड़ी आँखों से भगवा अग्नि की लपट सी प्रदीप्त रण के मद में डूबी आँखें टकराईं और जबरदस्त भिडंत शुरू. . . कुछ देर तक तो राणा यूँ ही मज़ाक सा खेलते रहे मुगलिया बिलाव के साथ
और फिर गुस्से में आ के अपनी तलवार से एक ही वार में घोड़े सहित हाथी सरीखे उस नर का पूरा धड़ बिलकुल सीधी लकीर में चीर दिया और ऐसा फाड़ा कि बहलोल खां का आधा शरीर इस तरफ और आधा उस तरफ गिरा। 
ऐसे-ऐसे युद्ध-रत्न उगले हैं सदियों से भगवा चुनरी ओढ़े रण में तांडव रचने वाली मां भारती ने…जय महाराणा