उत्तराखंड का जवान राजेन्द्र सिंह कश्मीर में भटके हुए युवाओं की पत्थरबाजी में शहीद

हरीश मैखुरी

कश्मीर – अनंतनाग में पत्थरबाजी में घायल हुए सेना के जवान उत्तराखंड के पिथौरागढ़ गंगोली हाट के रहने वाले राजेंद्र सिंह की शुक्रवार को मौत हो गई. राजेंद्र सिंह उस टीम में शामिल थे बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन को सुरक्षा देने का काम करती है. सेना के अनुसार, गुरुवार शाम 8 बजे अनंतनाग में एनएच-44 पर जब सेना की गाड़ी गुजर रही थी, उसी समय पत्थरबाजों ने पत्थर बरसाए. इस हमले में एक पत्थर सीधा राजेंद्र सिंह के सिर पर लगा. उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन गंभीर चोट के कारण शुक्रवार शाम उनकी मौत हो गई. राजेंद्र सिंह उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले के बडेना गांव के रहने वाले थे. वह 2016 में सेना में भर्ती हुए। बता दें कि कश्मीर सहित देश के अनेक हिस्सों में पांच हजार से अधिक जवान इन भटके हुए इस्लामिक पत्थरबाजों के हमले में पत्थरबाजी के चलते घायल हुए हैं और अब तो जवानों की मौत आम बात है। राजेन्द्र सिंह बुंगला की उम्र केवल 22 साल थी और वे 2016 में जाट रेजीडेंट में भर्ती हुए और आर आर में पोस्टेड थे । वे तीन बहनों में अकेले भाई थे  दिवाली पर उसे घर आना था। उनके परिवार जन इस मौत से बहुत आहत हैं। उनका कहना है कि जवान को आत्मरक्षा का हक मिलना चाहिए, उनके गांव वालों में तो खासा आक्रोश है उनका कहना है कि सीधे गोली मारिये इन दुष्ट और हत्यारे पत्थरबाजों को, बंदूक को बोकिये मत उससे आत्मरक्षा का हक संवैधानिक रूप से हमारे जवानों के पास होना जरूरी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अंतिम विदाई देने पंहुचे उन्होंने कहा कि “देश की रक्षा करते हुए जम्मू कश्मीर में शहीद हुए पिथौरागढ़ निवासी शहीद राजेन्द्र बुंगला को श्रद्धांजलि अर्पित की। सैनिकों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता, सरकार सदैव शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है। शहीद के आश्रितों हरसंभव मदद की जाएगी”