चमोली में मूर्ति चोर गिरोह फिर सक्रिय, अष्टधातु की मूर्ति पर किया हाथ साफ


हरीश मैखुरी

चमोली में मूर्ति चोर गिरोह फिर सक्रिय, अष्टधातु की मूर्ति पर किया हाथ साफ ।

जनपद चमोली के कर्णप्रयाग तहसील के अंतर्गत मैखुरा ग्रामसभा में स्थित चण्डिका मंदिर में चोरों ने अष्ट धातु की दुर्लभ सात मूर्तियों सहित दस चांदी के छत्र, व दान पात्र पर बीती रात हाथ साफ कर दिया। इसमें क्षेत्र की कुल देवी माता चंडिका की मूर्ति भी चोरी हो गई। १२० किलो वजनी कुलदेवी की इस मूर्ति को करीब 1४० साल पहले जय नन्द मैखुरी, प्रेम पति मैखुरी तल्ला मैखुरा और जया नन्द मैखुरी चोपड़ूयं के निवासी इस मूर्ति को ढाका (आज के मुस्लिम देश बंग्लादेश की राजधानी) से लाये थे। तब ढाका में मूर्तियां ढालने का बड़ा उद्योग हुआ करता था। उस समय मोटर सड़क कोटद्वार तक ही थी इसलिए कोटद्वार से इस मूर्ति सांग बनाकर मैखुरा गांव तक २२० किमी पैदल चल कर लाया गया था। अपने आप में एक जीवंत इतिहास समेटे इस मूर्ति की कीमत करोड़ों में हो सकती है। दो साल पहले भी चोरों ने इस दुर्लभ मूर्ति पर हाथ साफ कर दिया था तब पुलिस ने तत्परता से चोरों सहित इस मूर्ति को कुमाऊं के एक बस अड्डे से पकड़ा था। समझा जा रहा है कि इस मूर्ति की भारी कीमत को देखते हुए चोरों ने इस बार पूरी रणनीति से इस मूर्ति की चोरी की है, इसलिए इसका पता लगना पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती हो सकता है। आज सुबह जब मंदिर के पुजारी पूजा करने मंदिर पंहुचे तो देखा वहां से मूर्ति सहित सभी कीमती जेवर ऐतिहासिक ताम्र पत्र आदि चोरी चले गए। गांव में इस मूर्ति की चोरी के बाद भारी आक्रोश व्याप्त है। मन्दिर समिति के अध्यक्ष श्री जगदम्बा प्रसाद मैखुरी ने बताया कि अब इसमें अवश्य कोई बड़ी साजिश है, बार-बार यूं मूर्ति का गायब हो जाना भारी संदेहास्पद और चिंताजनक है। ग्राम प्रधान हेमन्ती देवी ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यह भी जांच की जानी चाहिए कि ये चोरी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं है। इसमें किसकी संलिप्तता है, इसका भी खुलासा होना चाहिए। पुलिस का कहना है कि मामला राजस्व क्षेत्र का है फिर भी जांच शुरू कर दी गई है, अपराधियों को पकड़ना उनकी प्राथमिकता है, इसका खुलासा जल्द किया जायेगा।