नरेन्द्र सिंह नेगी के स्वास्थ्य सुधार पर उन्हीं की लाईनें

 

श्री नरेंद्र  सिंह नेगी जी को समर्पित (गढ़वाली कविता )

गीत गगा बगै तुमुन / खैरी विपदा लगै तुमुन.!
कभी सीला – पाखों रीटी / कन घुघूती घुरै तुमुन.!
मेला खौलौं मा घूमी / कनि बांद खुजै तुमुन.!
वे विलेती भीना तेइ / रोट अरसा चखै तुमुन.!
सौ कु नोट सुट्ट करी / बौ की जिकुड़ी झुरै तुमुन.!
रूआँ – धुआँ सी खौलेकि / कनि माया लगै तुमुन.!
सलण्या साली सुरक-२ / ये मुलुक बुलै तुमुन.!
नयु -२ ब्यो छौउ जबरी / मीठी -२ छवीं लगै तुमुन.!
दिल्ली वला द्यूर दगड़ी / बौ की खैरी लगै तुमुन.!
चुल्लु जगान्दि वक़्त भैजि / उंकी याद दिलै तुमुन.!
ईं ज्वनि कु राज पाठ / कब तै रौलू बतै तुमुन.!
मेरी सुर्मा सरेला सुर्मा / ज्वांनो तै रटै तुमुन.!
कनु लड़ीक बिगड़ी मेरु / ब्वारी करी बतै तुमुन.!
सुरसुरया बथों मा भैजी / ग्यों की दौऊँ रीटै तुमुन.!
रीता भांडा भोर देनी / अंसधरी चुभै की तुमुन.!
सौंण बरखी भादों बरखी / हिया भी नि भीजै तुमुन.!
सर बिरली बणैकी वींतै / इं डंडयाली बुलै तुमुन.!
ध्यू करी धूपणू करी / रूसयीं बौ मनै तुमुन.!
मेरी उमा कै बानो भैजी / डंडयाली भैर बुलै तुमुन.!
परसी देखि छज्जा मा छैई / ब्याली सुपन्या बुलै तुमुन.!
वींका रूपा की झौल मा / नौणु सी ज्यू गले तुमुन.!
हौंसिया उमर मा भैजी / जूनी टक़ लगै तुमुन.!
आंख्यों बटी फरार ह्वे ज्वा / वींतै लाटी चितै तुमुन.!
स्वीं सैं ना खबर करी / सुरक सुपन्या बुलै तुमुन.!
कू ढुंगू नी पूजी इख / कै डांडा नी खुजै तुमुन.!
जूड़ी माया की हे भैजी / अपड़ा गौला पैरै तुमुन.!
सला बिरणी , सगोर अपरू / नि खै जाणी बतै तुमुन.!
ढ़ेबरा बखरा हरचनी त / कख -२ नी खुजै तुमुन.!
समद्वौला का द्वी दिन / समधणिया धोरा बितै तुमुन.!
तीलू बाखरी हे दीदा / सैरी मुंथा खुजै तुमुन.!
दादा अर ह्यूंद क्या बोन / कनि कथा मिसै तुमुन.!
उठा जागा उत्तराखंडियों / धै लगैकी बिजै तुमुन.!
ना काटा तौं डाल्यूं बोली / जल जंगल भी बचै तुमुन.!
मेरी डांडी काठयों का मुल्क़ / बसंती फूल खिलै तुमुन.!
नौछम्मी नारैण गैकी / सरकार भी हिलै तुमुन.!
अब कथगा खैल्यू बोलि / नेतौं तैभि दगै तुमुन.!
बावन गढ़ूं क देश / कनि आस जगै तुमुन.!
बाग़ मनु उत्तराखंड मा / जसपाल राणा बुलै तुमुन
तिन कपाली पकड़ी रोण / वीमा पैली बतै तुमुन.!
तीतरी फँसैं चखुली फँसैं / कागा कन्मा फँसैं तुमुन.!-