निर्भया गैंगरेप के दरिन्दों को ऐसे लटकाया फांसी, अब बलात्कारी बच नहीं सकेंगे

जब फैसला हो चुका था सुबह 5:30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होगी तब भी दरिंदों के वकील एन. पी. सिंह को बड़ी तकलीफ हुई तो रात 11PM 3:30 AM बजे तक हाईकोर्ट फिर सुप्रीमकोर्ट का समय खराब किया, यह साहब फांसी टलवाने का हर पैंतरा चले, पर जीत सत्य की हुई और फांसी पक्की ।आज हम जीत गए इस समय रात के 4;34AM है समय बचा है फांसी का 56 Minutes फांसी 5:30 finally नमन निर्भया बेटी को, आज का दिन निर्भया न्याय दिवस ।सात दिन में होने वाला निर्णय सात साल में हुआ…..। संतोष करें कि..”देर है, पर अंधेर नहीं”। निर्भया की तड़पती आत्मा को, हम सबको भी न्याय ने शांति दी।निर्भया के चारों दोषियों पवन, अक्षय, मुकेश और विनय को फांसी पर लटकाया गया. फिर फांसी के वक्त मौजूद डॉक्टर ने चारों को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद मेडिकल रिपोर्ट बनाकर वहीं, जेल सुप्रीटेंडेंट ब्लैक वारंट पर साइन करेंगे कि चारों को फांसी दे दी गई. मेडिकल रिपोर्ट यानी डेथ सर्टिफिकेट अटैच कर ब्लैक वारंट वापस कोर्ट जाएगा और यह सूचित किया जाएगा कि आदेश का पालन हुआ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा, ‘निर्भया को देर से ही सही लेकिन इंसाफ मिला. चारों दोषियों को फांसी होने के बाद ही इंसाफ पूरा होगा. मैं पूरे देश को धन्यवाद देना चाहती हूं. आज का सूरज देश की बच्चियों के नाम। 

निर्भया गैंगरेप के आरोपी चारों दरिंदों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वाली वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा की जहां चारों तरफ जमकर तारीफ हो रही, वहीं इन दोषियों को बचाने की हर जुगत लगाने वाले वकील एपी सिंह को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा “ऐसे अति क्रूर मामले में बचाव के पैंतरे खेलने वाले वकील/वकीलों का सामाजिक वहिष्कार भी होना चाहिए। ऐसे वकील न्याय व्यवस्था प्रणाली पर कलंक है.
वकील का काम न्यायिक प्रक्रिया में सामान्य जन को न्याय दिलाने में सहायता देना है.
चूँकि सामान्यजन न्याय प्रणाली की पेचीदगी से वाकिफ़ नहीं होताऔर इसलिए वकील उन्हें मदद करता है न्याय दिलाने में.
पर वस्तुस्थिति और विडम्बना यह है कि अधिकतर वकील अपराधियों को बचाने में अपने कौशल का प्रयोग करते हैं जो नैतिकता के विपरीत और अन्याय का सहायक होता है.
ऐसे अनैतिक कार्य करने वाले वकीलों की सनद छीन लेनी चाहिए.
बार कौंसिल इस पर तवज्जह देगी ऐसी आशा करें”