वन टाइम सेटलमेंट योजना, यानी अबैध निर्माण पर लगेगी मुहर?

 जिन लोगों ने  अपने जीवन की खट्टी कमाई से  देहरादून हल्द्वानी  हरिद्वार ऋषिकेश आदि शहरों में  बड़ी मुश्किल से  दो चार कमरों के मकान या दुकान बनाई लेकिन तकनिकी कारणों, ग्रामीण क्ष्षेत्रों में जानकारी के अभाव में वे अपना नक्सा पास नहीं करा सके  या  संबंधित  एजेंसियों में रेगुलराइज नहीं करा सके  तो उनके लिए  खुशखबरी है  सरकार वन टाइम कंपाउंड योजना के माध्यम से आपकी संपत्ति को रेगुलराइज करने जा रही है  15 जनवरी से  उनके निर्माण को  वैध ठहराने के लिए वन टाइम सेटेलमेंट की योजना लागू हो रही है। इसी योजना में उत्तराखंड सरकार ने नायाब तरीके से अपने लिये भी 500 करोड़ राजस्व जुटाने का जुगाड़ कर लिया है। लेकिन इससे अतिक्रमणकारियों को मौका भी मिल सकता है।  इस कंपाउंडिंग की वन टाइम सेटलमेंट योजना से सरकार को 500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। योजना से राजधानी देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में सबसे ज्यादा राजस्व मिलेगा। इस धनराशि का 70 फीसदी पार्किंग और हरित क्षेत्र विकसित करने में खर्च किया जाएगा। सरकार ने प्रदेश में 15 जनवरी से वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है। इसके तहत लोग एक बार अपने नक्शों से इतर हुए अवैध निर्माण की कंपाउंडिंग करवा सकते हैं। सरकार ने आवासीय भवनों के साथ ही छोटे दुकानदारों व प्रतिष्ठानों को भी योजना में शामिल करते हुए कंपाउंडिंग की छूट दी है। घरों व दुकानों को 10 फीसदी निर्माण पर कंपाउंडिंग का लाभ मिलेगा। इसके अलावा कलेक्शन सेंटर या डॉक्टर की ओपीडी के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल 50 वर्ग मीटर और छोटी दुकानों के लिए 15 वर्ग मीटर तक निर्धारित किया गया है। मार्च 2019 तक योजना के तहत पुरानी दरों पर ही कंपाउंडिंग की जा सकेगी। जबकि उसके बाद अवैध निर्माण करने पर नए बिल्डिंग बायलॉज के प्रावधानों के अनुसार भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसके लिए सरकार वर्ष 1998 के 20 साल बाद बिल्डिंग बायलॉज के प्रावधानों में भी बदलाव करने जा रही है। सरकार को उम्मीद है कि इस पूरी कवायद से प्रदेशभर से 500 करोड़ से अधिक का राजस्व वसूला जा सकेगा। योजना से जुड़े अधिकारियों की माने तो मुख्यत: राजधानी देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल से सबसे अधिक राजस्व अर्जित होगा। यहां आवासीय के साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या भी सबसे अधिक है। इस योजना में सरकारी व ग्राम समाज की जमीन मोटर सड़क या फुटपाथ पर अतिक्रमण करके बनाया गया अवैध निर्माण रैगुलराईज नहीं हो इसका ध्यान रखना होगा।