पद्मश्री राजगोपालन वासुदेवन प्लास्टिक कचरे से बना रहे हैं मोटर रोड़

मदुरई में केमिस्ट्री के प्रॉफेसर राजगोपालन वासुदेवन डामर के बदले प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कर रोड बनवाते हैं। प्लास्टिक मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर प्रोफेसर राजगोपालन वासुदेवन अपने इनोवेशन से प्लास्टिक के कचरे से रोड बना रहे हैं।

इस इनोवेशन के लिए उन्हें 10 साल कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने सबसे पहले 2002 में अपनी तकनीक से थिएगराजार कॉलेज के परिसर में प्लास्टिक कचरे से रोड का निर्माण कराया, इसके बावजूद उन्हें अपनी तकनीक को मान्यता दिलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अंतत: 2004 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को अपना प्रोजेक्ट दिखाने के बाद उन्हें कामयाबी मिली।

कई देशी-विदेशी कंपनियों ने राजगोपालन वासुदेवन को पेटेंट खरीदने का ऑफर दिया, लेकिन पैसों का मोह छोड़ उन्होंने भारत सरकार को यह टेक्नोलॉजी मुफ्त में दी। उनकी इस तकनीक से अबतक हजारों किमी. से अधिक पक्की सड़कें बन चुकी हैं। उनके इनोवेशन से जहां एक तरफ कम खर्च में मजबूत सड़क का निर्माण हो रहा है वहीं पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक माने जाने वाले प्लास्टिक का सदुपयोग भी हो रहा है।  (साभार – हिन्दुस्तान सौजन्य सच्चिदानंद सेमवाल)