पारिजात (हारश्रृंगार) इस औषधीय पेड़ को भगवान श्रीकृष्ण धरती पर लाये

डाॅ हरीश मैखुरी

?पारिजात पुष्प का पौधा एक साल में ही पुष्प वर्षा करने लगा है। इसे हारश्रृंगार भी कहते हैं। ?पारिजात पुष्प का पौधा एक साल में ही पुष्प वर्षा करने लगा है। पारिजात के बारे में बताया जाता है कि यह धरती का पेड़ नहीं है इसे रुक्मिणी की प्रसन्नता के लिए भगवान श्रीकृष्ण इंद्रलोक से धरती पर लाए, इसके पुष्प बहुत सुगंधित और क्रीमी सफेद होते हैं तथा पुष्प की नलिका केसरिया होती है, यह शाम को सूर्य ढलने के बाद अंधेरे में पुष्पित होते हैं और सुबह सूर्योदय होते ही पारिजात अपने सारे पुष्प भगवान सूर्य ☀ नारायण को अर्पित कर देता है, सूर्योदय होते ही इसके पुष्प ? अपने आप जमीन पर गिर आते हैं। इनकी विशेष महक वातावरण को सुगंधित बनाये रखती है। पारिजात के पत्ते ? गहरे हरे बकले मोटे और खरखरे होते हैं। इसके पत्तों का काढ़ा यूरिक एसिड और गठिया के दर्द को धीरे-धीरे समाप्त कर देता है। वस्तुतः पारिजात के पत्तों का चूर्ण या काढ़ा दर्द की योगराज गुग्गुल की तरह ही दर्द नाशक रामबाण दवा है। इसके पुष्पों को सुखाकर चूर्ण बनाकर एयर टाईट डिबिया में रखा जा सकता है, और सुबह शाम दूध अथवा सादे पानी से इस चूर्ण को 2 ग्राम लिया जा सकता है, उससे शरीर की बंद धमनियां नलिका खुल जाती हैं, इससे ब्लॉकेज और स्ट्रोक का खतरा धीरे-धीरे कम हो जाता है। पारिजात का पेड़ जिस भी आंगन में लगाया जाता है उसके सभी वास्तुदोष और उपरी बाधा समाप्त हो जाती है और श्रीकृष्ण भक्ति प्राप्त होती है। जय नारायण जी की सरकार ? ? ।।
… डाॅ. हरीश मैखुरी ⛳ ✅