श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू, टिहरी राजदरबार में तेल कलश तैयार

विश्व विख्यात श्री बद्रीनाथ धाम जी के कपाट खुलने की तैयारी शुरू हो गई है🚩
श्री बद्रीविशाल जी के महाभिषेक के लिए तिल का तेल उपयोग करने की परम्परा है।।।
५ मई को टिहरी राजदरबार में भगवान बदरीनाथ के महाभिषेक में प्रयुक्त होने वाला तिल का तेल पिरोया गया।
सुहागिन महिलाओ ने बिशेष पोशाक पहनकर तिल का तेल निकाला। रानी और सुहागिन स्त्रियों के द्वारा भगवान बद्री विशाल अभिषेक के लिए तिलों से तेल निकाला जाता है उसके बाद इस तेल को डिम्मर के डिमरी आचार्यों द्वारा लाये गये कलश में भर दिया जाता है जिसे गांडू घड़ी कहते हैं, यह कार्य राजदरबार नरेंद्र नगर टिहरी में राजा के महल में होता है। इसी तेेल लकलश के टिहरी से चलने के साथ ही बद्रीनाथ पट खुलने की यात्रा प्रारंभ हो जाती है और जब पट खुलते हैं तो प्रथम अभिषेक इसी तेल के द्वारा होता है। टिहरी की राजरानी के साथ सुहागन स्त्रियों के द्वारा परम्परागत विधि से निकाला गया यही तेल पूरे छ माह हर दिन भगवान बद्रीविशाल जी के पंचामृत स्नान के भगवान का को लगाया जाता है। 

आज ६ मई को गाडू घड़ा सीधे डिम्मर गॉव पहुँचेगी…

🚩12 मई तक डिम्मर गॉव में पूजा अर्चना के बाद 12 शाम नृसिंह मंदिर पहुँचेगी औऱ 13 को योग ध्यान बद्री पांडुकेश्वर पहुँचेगी।
🚩नृसिंहमन्दिर से आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी भी पांडुकेश्वर पहुँचेगी।14 मई को भगवान बदरीनाथ की उत्सवमूर्ति उद्धव जी और कुबेर की डोली पांडुकेश्वर से बदरीनाथ धाम पहुँचेगी।
🚩15 मई को सुबह ब्रह्ममुहूर्त पर 4:30 बजे खुलेंगे भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट।