उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण..शिक्षक दिवस पर डॉ. राजकुमारी को मिलेगा टीचर ऑफ द ईयर अवॉर्ड

उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण..शिक्षक दिवस पर डॉ. राजकुमारी को मिलेगा टीचर ऑफ द ईयर अवॉर्ड

🚩शिक्षक का बच्चों के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा रहता है। शिक्षक केवल शब्दों का ज्ञान नहीं देता, वह छात्रों के जीवन को संघर्ष के समय सुरक्षित रखने वाला शिल्पकार भी है।

निश्चित तौर पर राष्ट्र के निर्माण में शिक्षक की भूमिका सबसे अहम होती है। शिक्षक दिवस ऐसे ही महान मानव शिल्पकारों को नमन करने का दिन है। इन्हीं शिक्षकों में से एक हैं देहरादून की डॉ. राजकुमारी चौहान, जिन्हें शिक्षक दिवस के मौके पर टीचर ऑफ द ईयर अवॉर्ड-2020 से सम्मानित किया जाएगा। डॉ. राजकुमारी चौहान वीर शहीद केसरीचंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष हैं।

छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय रहीं डॉ. राजकुमारी चौहान टीचर ऑफ द ईयर-2020 चुनी गई हैं। उन्हें 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाएगा। शिक्षक दिवस के मौके पर राज्य में दिव्य हिमगिरी, उत्तराखंड विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद, शब्दावली आयोग और एमएचआरडी नई दिल्ली, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें डॉ. राजकुमारी चौहान को सम्मानित किया जाएगा। दिव्य हिमगिरी के संस्थापक आरएस अस्थाना ने ईमेल के जरिए राजनीति विज्ञान की शिक्षिका डॉ. राजकुमारी चौहान को अवॉर्ड से नवाजे जाने की सूचना दी। इस अवॉर्ड के लिए दिव्य हिमगिरी की तरफ से कुछ समय पहले शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। – – – भूपेन्द्र रावत 

🚩क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म निर्माता विजेन्द्र रावत ने उनके विषय में लिखा है “वीर शहीद केसरी चन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर में राजनीतिक विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमारी चौहान  को “टीचर ऑफ द ईयर 2020 पुरस्कार” से सम्मानित होने की बधाई इसके लिए उनके पीछे मजबूती से खड़े मेरे छोटे भाई व उनके पति एवं जौनसार बाबर के सरोकारों से जुड़े समाजसेवी भारत चौहान व राजकुमारी दोनों को बहुत-बहुत बधाई” 

🚩बता दें कि यह पुरस्कार दिव्य हिमगिरी संस्था उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, शब्दावली आयोग और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में दिया जाता है। डॉक्टर राजकुमारी चौहान को यह पुरस्कार शिक्षण के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाएगा। डॉक्टर राजकुमारी चौहान ने बताया कि वे 2005 से शिक्षण क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। डॉ. चौहान ने शिक्षण के लिए इंटेरनेट का प्रयोग 2016 में शुरू कर यूट्यूब चैनल के माध्यम से छात्रों को शिक्षण संबंधी जानकारी देना शुरु  किया था, छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा देना और ऑनलाइन क्लास में देश भर के विभिन्न महाविद्यालयों से विषय विशेषज्ञ को आमंत्रित कर छात्रों को व्यख्यान देती हैं और साल 2005 में पीएचडी के बाद 50 से अधिक शोधपत्र छापने के साथ ही शोथार्थियों की मदद करती रही हैं। डाॅ राजकुमारी का मायका प्रकंडी रुद्रप्रयाग जनपद में है। इनके दादा स्वर्गीय दयाल सिंह भंडारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और माता उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी हैं। उनसे प्रभावित होकर उन्होंने अपनी पीएचडी उत्तराखंड आंदोलन में महिलाओं की भूमिका पर की है।
जौनसार बावर के प्रतिष्ठित गांव बाढौ (कालसी) में  इनका ससुराल है। और इनके पति श्री भारत चौहान उत्तराखंड विधानसभा में सूचना अधिकारी के पद पर कार्यरत है। आप उत्तराखंड के तमाम सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर पुस्तकों का प्रकाशन करवा चुकी हैं। और अपराजिता पत्रिका की संपादक और उसका प्रकाशन भी करती हैं। 

  🚩शिक्षक दिवस के पुनीत अवसर पर देश के शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, माध्यमिक शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, वन मंत्री हरक सिंह रावत, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, बद्रीनाथ क्षेत्र के विधायक महेंद्र भट्ट, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी और थराली की विधायक श्रीमती मुन्नी शाह ने भी प्रदेश वासियों को शिक्षक दिवस की बधाई दी और डॉक्टर राजकुमारी के पुरस्कृत होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और सभी शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

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शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ राजकुमारी चौहान टीचर ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित

विकास नगर 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के अवसर पर डाकपत्थर स्थित वीर शहीद केसरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमारी चौहान को ‘टीचर आफ द ईयर 2020’ से सम्मानित करने पर समस्त महाविद्यालय एवं क्षेत्र में हर्ष का माहौल है । दिव्य हिमगिरी, उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, शब्दावली आयोग, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से यह पुरस्कार भेंट किया गया ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जी आर सेमवाल ने कहा है कि डॉ. राजकुमारी को टीचर ऑफ द ईयर सम्मान से पूरे महाविद्यालय का नाम रोशन हुआ है उन्होंने इस उपलब्धि को महाविद्यालय की उपलब्धि कहा ।
पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात डॉ, राजकुमारी चौहान ने कहा है कि मेरे लिए यह गर्व का क्षण है जब विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य महानुभाव के माध्यम से मुझे यह पुरस्कार दिया गया। श्रीमती चौहान ने पुरस्कार मिलने का श्रेय अपने माता- पिता एवं महाविद्यालय के प्राचार्य सहित प्राध्यापक गणों को दिया ।उन्होंने कहा है कि मेरे लिए छात्रों का अत्यधिक महत्व है हम शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों की अपेक्षाओं पर खरे उतर सकें यह सबसे बड़ा सम्मान है ।
डॉ राजकुमारी चौहान को यह पुरस्कार शैक्षणिक क्षेत्र में विभिन्नगतिविधियां संचालित करने, ऑनलाइन छात्रों को शिक्षण देने एवं रचनात्मक कार्यों के लिए यह पुरस्कार दिया गया । इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र छात्राओं सहित संपूर्ण क्षेत्र में खुशी की लहर है ।
पुरस्कार सम्मान समारोह के अवसर पर राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल, जस्टिस के.डी शाही, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पी.पी ध्यानी, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेंद्र चौधरी, कुंवर राज अस्थाना सहित हिमगिरी, ग्राफिक विश्वविद्यालय के कुलपतियों सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य अनेक लोग उपस्थित उपस्थित थे ।

    🚩शिक्षक दिवस पर कल्पू तिवारी लिखते हैं —गुरू शिष्य परम्परा का अद्भुत देश मेरा भारत वो भारत है जिसने गुरूकुलों में चंद्रगुप्त को तलाश लिया था, जहाँ गुरुकुलों में कृष्ण और सुदामा की मित्रता का जन्म हुआ, जहाँ गुरुकुलों में ही तेजस्वी संतानों का जन्म हुआ।आचार्य ने कहा-वत्स,ये कीड़ा है न, मिट्टी के खोल में से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। तुम मदद मत करना।उसे खुद बाहर निकलने की कोशिश करने दो, विद्यार्थियों ने गुरु की बात नहीं मानी, उस कीड़े के मिट्टी के खोल को तोड़ दिया, वो जल्दी से बाहर निकला, थोड़ा सा छटपटाया और उसके बाद मर गया। जब आचार्य लौट के आये तो उन्होंने कहा कि वत्स,तुम्हारे जरूरत से ज्यादा सहयोग ने उस कीड़े का जीवन छीन लिया।अगर वो अपनी कोशिश कर स्वयं बाहर आता तो उसके पंख मजबूत होते, वो उड़ने की सामर्थ्य पैदा करता, जरुरत से ज्यादा तुम्हारे सहयोग ने उस कीड़े का जीवन छीन लिया।जरूरत से ज्यादा सुविधा व्यक्ति को बनने नहीं देती।इस प्रकार के अंधकार को दूर कर गुरु जीवन को प्रकाशमय बना देते हैं। समय ये कि गुरूकुलों का स्मरण भी कर लिया जाय।🙏🙏 शिक्षक दिवस के इस पावन पर्व पर सभी गुरूओं को कोटि कोटि प्रणाम।🙏🙏 वंदन 🙏🙏 राधे।राधे।।🌱🙏🙏