राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने चमोली में रैणी तपोवन ग्लेशियर विस्फोट की घटना को संसद में उठाते हुए हिमालय के बदलते स्वभाव और ग्लेशियरों के अध्ययन हेतु रखी ये मांग

*उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख श्री अनिल बलूनी ने आज राज्यसभा में शून्यकाल में उत्तराखंड के चमोली जनपद में आई आपदा पर अपना विषय रखा। उन्होंने हिमालय के बदलते स्वभाव और ग्लेशियरों के टूटने से अचानक आने वाली बाढ़ आपदा के संबंध में दीर्घकालिक अध्ययन कर उसके अनुरूप आपदा प्रबंधन का तंत्र विकसित करने की मांग की।*

*श्री बलूनी ने कहा कि हाल के वर्षों में उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने, बादल फटने, भारी भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी है। मौसम का पूर्वानुमान बताने वाले डॉप्लर रडारों की उत्तराखंड में स्थापना हो रही है। दो डॉप्लर राडार स्थापित हो चुके हैं और एक पर काम चल रहा है।*

सांसद बलूनी ने कहा कि वे अर्थ साइंस मिनिस्ट्री से अनुरोध करना चाहते हैं कि आपदा की इन परिस्थितियों पर विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है, ताकि हिमालय और ग्लेशियरों के स्वभाव पर विस्तृत अध्ययन हो और राज्य का आपदाराहत तन्त्र उसी अनुरूप विकसित हो सके। यह अध्ययन उत्तराखंड ही नहीं देश दुनिया के लिए भी लाभदायक होगा।*

*सांसद बलूनी ने कहा कि सात फ़रवरी को उत्तराखंड के चमोली जनपद में केदारनाथ त्रासदी की तरह भयावह आपदा आयी, जिसके लिये अभी भी राहत कार्य जारी हैं।अनेक लोग लापता हैं, अनेक लोग हताहत हुए हैं। स्थानीय पावर प्रोजेक्टों को नुकसान हुआ है। ग्रामीणों के खेत, संपर्क मार्ग, पुल और अनेक सामुदायिक स्थलों का नामोनिशान मिट गया है।*

*श्री बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह तत्काल घटना का संज्ञान लिया और सारी मशीनरी आपदा प्रबंधन में सक्रिय हुई इसके लिए मैं उत्तराखंड की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करना चाहूंगा।

इधर भारतीय जनता पार्टी के चमोली जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट ने कहा कि “नंदा देवी पर्वत से हिमस्खलन के कारण श्री गंगा का विकराल रूप दैवीय आपदा के रूप में रणी राष्ट्रीय राजमार्ग के पुल को बहाते हुए एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना विष्णु गार्डन तपोवन परियोजना में कार्यरत कार्यदाई संस्था रितिक कंपनी में कार्य कर रहे मजदूरों एवं अन्य व्यक्तियों को हुए नुकसान से दिल बहुत आहत हुआ है भारतीय जनता पार्टी की सभी जोशीमठ मंडल के कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि इस प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों की मदद के लिए सुरक्षा कारणों का ध्यान रखते हुए पीड़ित परिवारों एवं घायलों की मदद करें पुनः सभी से करबद्ध अनुरोध है कि आपदा की इस घड़ी में हम सब लोग दुखियों की मदद करें। “