रामविलास पासवान जिनका राजनीतिक सफर उनकी अंतिम सांस के साथ ही पूूर्ण हुआ

हरीश मैखुरी

केन्द्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान अपना नाशवान शरीर छोड़ गये, वे चुनाव में जनता की नब्ज भांपने के विशेषज्ञ होने के कारण ही जिसकी सरकार उसी के मंत्री रहे। 74 वर्षीय पासवान प्रचंड मतों से जीतने वाले उन चंद दलित नेताओं में सुमार थे जो अन्य वर्गों को बिना गाली दिए नेता बने। उनके बेटे चिराग ने उनकी मृत्यु का दुखद समाचार शोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा “पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। Miss you Papa…” पासवान बीपी सिंह सरकार, देवेगौड़ा सरकार, एनडीए और यूपीए सरकार में मंत्री रहे। अब उन्हें लगा कि वे बिहार में अकेले चुनाव लड़ सकते हैं, इसलिए वर्तमान कोलेशन से नाता छोड़ दिया था। वे जिस भी सरकार में मंत्री रहे हों उनके विषय दलित और वंचित ही रहे। बिहार में डीएसपी के लिए चयनित हो गये थे लेकिन उसी दौरान वे चुनाव जीत कर विधायक बन गये और राजनीति का ये सफर उनकी अंतिम सांस के साथ ही पूूर्ण हुआ। उनको किडनी और हृदय संबधी दिक्कतें थी और दििल्ली के एक निजी चिकित्सालय में उनका उपचार चल रहा था, जहां आज शाम उन्होंने अंतिम सांं ली। वर्तमान केंद्रीय मंत्रिमंडल में रामविलास पासवान एकमात्र ऐसा नेता थे जिनका जन्म आजादी से पहले हुआ था अपने सियासी सफर में उन्होंने छै प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री रहने का बनाया रिकॉर्ड भी है। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सरकार की ओर से श्रध्दांजलि देते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत स्नेह रखते थे।

गृहमंत्री अमित शाह ने उनके निधन पर लिखा कि “रामविलास पासवान सदैव गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण व अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले हम सबके प्रिय राम विलास पासवान जी के निधन से मन अत्यंत व्यथित है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखा। उनके स्वर्गवास से भारतीय राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हो गया है।

चाहे 1975 के आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष करना हो या मोदी सरकार में कोरोना महामारी में गरीब कल्याण के मंत्र को सार्थक करना हो, राम विलास पासवान जी ने इन सभी में अद्वितीय भूमिका निभाई है। कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहते हुए, पासवान जी अपने सरल व सौम्य व्यक्तित्व से सबके प्रिय रहे।

भारतीय राजनीति व केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी कमी सदैव बनी रहेगी और मोदी सरकार उनके गरीब कल्याण व बिहार के विकास के स्वपन्न को पूर्ण करने के लिए कटिबद्ध रहेगी।
मैं उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति”

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रध्दांजलि देते हुए कहा कि “श्री रामविलास पासवान जी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुःख हुआ। स्वर्गीय पासवान जी लोकप्रिय जननेता और कुशल प्रशासक थे। उन्होंने केंद्र में विभिन्न मंत्रालयों का दायित्व कुशलता से निभाया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार जनों व समर्थकों को धैर्य प्रदान करे”
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, राज्यसभा सांसद श्री अनिल बलूनी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, पूर्व  मुख्यमंत्री हरीश रावत, बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, थराली की विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह ने भी भावभीनी श्रध्दांजलि दी है।