आपदा प्रभावित रैंणी तपोवन क्षेत्र में राहत, बचाव और खोज अभियान लगातार जारी, तपोवन टर्नल से दो शव मिले, पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा झील से रिसाव के बाद बाढ़ का खतरा टल गया

झील से रिसाव के बाद अब खतरा टल गया हैः महाराज*

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा है कि त्रासदी के बाद ऋषि गंगा नदी पर बनी झील से अब पानी का रिसाव शुरू हो गया है इसलिए हमें डरने की आवश्यकता नहीं है।
प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि रेणी गांव से करीब 9 किलोमीटर ऊपर पचली गांव के पास ऋषि गंगा नदी पर मलबा जमा होने के बाद बनी झील से अब धीरे धीरे पानी का रिसाव शुरू हो गया है। इसलिए अब डरने की आवश्यकता नहीं है। श्री महाराज ने कहा कि सरकार टनल में फंसे व्यक्तियों को ढूंढने का लगातार प्रयास कर रही है। सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है। जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रेणी गांव के निकट ऋषि गंगा की आपदा में पुल बह जाने के बाद अब यहां पर वैली ब्रिज लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। ऋषि गंगा और अलकनंदा पर बने पूलों के बहने से ग्रामीण क्षेत्रों की आवाजाही को ट्राली के माध्यम से फिर से शुरू किया जा चुका है। सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि वाडिया भूगर्भ के विज्ञानी रिमोट सेंसिग के माध्यम से झील की पल-पल की स्थिति पर निगाहें रखे हुए हैं। ऋषि गंगा कृत्रिम झील पर ड्रोन के माध्यम से भी नजर रखने को कहा गया है। श्री महाराज ने कहा कि जो भी अधिकारी, कर्मचारी और एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हैं वह सभी आपदा में फंसे लोगों के परिजनों कि मनोस्थिति को समझते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को अंजाम दें। उन्होने कहा कि झील से पानी का रिसाव प्रारम्भ होना इस बात का संकेत है कि अब खतरा टल गया है और निश्चित रूप हम कह सकते हैं कि एक दो दिन में स्थित सामान्य भी हो जायेगी।

 बिजली के विषय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि चमोली में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 13 गांवों में से 12 गांवों में बिजली व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। केवल पैंग गांव में भारी मलबे के कारण ऐसा नहीं हो पाया है। यहां बिजली के सात खंभे लगाए जा रहे हैं और जल्द ही यहां बिजली व्यवस्था बहाल होगी। फिलहाल सभी ग्रामीणों को सोलर लालटेन बांटी गई है।

बता दें कि चमोली के आपदा प्रभावित रैंणी तपोवन क्षेत्र में राहत, बचाव और खोज अभियान लगातार जारी है।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने आपदा प्रभावित साइड तपोवन व रैणी में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण किया।
इस मध्य जिलाधिकारी ने तपोवन पूछताछ केन्द्र में लापता लोगों के परिजनों से औपचारिक रूप से भेंट की

और उन्हें सांत्वना देते हुए बचाव कार्यो की जानकारी दी। कहा कि टनल में जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर मलवे से लापता लोगों की ढूंड की जा रही है।

जिलाधिकारी ने कहा कि रैणी क्षेत्र मे भी 4 एक्साबेटर, 1 डोजर मशीन मलवे मे लापता लोगों की तलाश कर रही है। रैणी मे लोकल लोगो एवं परिजनों से मिल रही जानकारी एवं पुरानी फोटो के आधार पर  कंपनी के आवास, आफिस, स्टोर और जहां पर भी सभावना लग रही है वहां पर मलवा हटाया जा रहा है। इसके अलावा तपोवन वैराज साइड मे कुछ लोग गिरते हुए देखे गए थे वहां पर भी एप्रोच बनाया जा रहा है। जिससे यहां पर एक्साबेटर को उतार कर गाद में लापता लोगो की ढूंढ की जा सके। यहां पर एनडीआरएफ की टीम को भी सर्च अभियान मे लगाया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि इस दुःख की घडी मे जिला प्रशासन पूरी तरह से लापता लोगों के परिजनों के साथ खडा है। डीएम ने परिजनों से उनके रहने खाने के बारे में भी जानकारी ली और अपना फोन नबंर देते हुए कहा कि कोई भी समस्या हो तो संपर्क करें।
तपोवन और रैणी साइड पर राहत कार्यो का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने राहत शिविर में भोजन, जलपान सहित शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
इस दौरान बताया गया कि रैणी पल्ली मे क्षत्रिग्रस्त पेयजल लाईन को ठीक किया गया है। यहां पर ब्रिज निर्माण कार्य सुचारु ढंग से चल रहा है। तपोवन मे लोनिवि द्वारा ट्राली लगाई जा चुकी है। जिससे आवाजाही शुरु हो चुकी है।
प्रभावित क्षेत्र का एकमात्र गाँव पैंग जहां पर विधुत लाईन को जोडने का काम चल रहा है। वहां पर विधुत आपूर्ति वहाल होने तक सभी परिवारों को सोलर लाइट उपलब्ध कराई गई है। 
मेडिकल टीम प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। शनिवार को सूकी, ढाक, लाता, तपोवन आदि गांवों में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में 199 मरीजों का उपचार किया गया।
हैली से आज इधर उधर फंसे 28 लोगों को उनके गतंव्य तक भेजा गया। वही प्रभावित परिवारों में अब तक 512 राशन किट बांटे जा चुके हैं। वही 6 कुंतल आटा, चावल और सब्जी आदि सामग्री हैली से ग्रीफ को भेजा गया।
तपोबन त्रासदी के बाद से लगातार लापता लोगो की खोजबीन की जा रही है। शनिवार को गलनाउ से दो मानव अंग भी बरामद हुए।
क्षेत्र के विधायक महेंद्र भट्ट ने भी जोशीमठ के तपोवन,रिंगि तथा ढ़ाक गॉवो में आपदा में मिसिंग साथियों के परिवारों में जाकर दुःख को साझा किया।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा मे लापता 206 लोगों मे से अभी तक 38 लोगों के शव नदी किनारे विभिन्न स्थानों से बरामद हुए है। साथ ही दो लोगों के जिन्दा मिलने के बाद अब 166 लोग लापता चल रहे है जिनकी तलाश जारी है। इसके अलावा शनिवार को चमोली घाट पर 1 पूर्ण शव और 2 मानव अंगो का नियमानुसार 72  घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया। अब तक कुल 20 पूर्ण शव और 12 मानव अंगों का दाह संस्कार किया गया।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के ने बताया कि आपदा में देहरादून, बागेश्वर, हरिद्वार, लखीमपुर खीरी तथा अल्लीगढ के एक एक मृतक व्यक्ति के परिजनों को 4-4 लाख की अहैतुक सहायता राशि वितरण हेतु संबधित जिलों के जिलाधिकारी को जारी कर दी गई है।
इधर आज कर्णप्रयाग के निकट 
गलनाऊ के समीप अलकनन्दा नदी के किनारे सर्च अभियान में लगी SDRF की टीम ने एक छत विछत शव को बरामद करने के बाद प्रशाषन को सौंप दिया है , तपोबन त्रासदी के बाद से लगातार लापता लोगो की एसडीआरएफ द्वारा खोजबीन की जा रही है, रुद्रप्रयाग जिले से एसडीआरएफ के एस0 आई0 करण सिंह के नेतृत्व में 5 जवानों की टीम ने शव को बरामद किया है । एस आई करण सिंह ने बताया कि शवो की खोजबीन आगे भी जारी रहेगी।
     वहीं उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार ने जानकारी दी है कि तपोवन की मुख्य टनल के अंदर मलबे से 02 शव बरामद किए गए। टनल में 7 फरवरी की सायं से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। दोनों के हादसे वाले दिन से ही मलबे में दबे होने की संभावना है। Uttarakhand Police SDRF और NDRF के जवानों ने शव को बाहर निकाला।—✍️हरीश मैखुरी