करोड़ों की स्वदेश दर्शन योजना महाभारत सर्किट के लिए सतपाल महाराज ने खोला सरकारी खजाना

आज माननीय केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री श्री Prahlad Singh Patel जी से मुलाकात की और मंत्री जी को जानकारी दी कि नीती घाटी में स्थित टिबरसैंण महादेव में अमरनाथ की भांति विशाल शिवलिंग की रचना होती है। केंद्र सरकार यदि यहां के लिए यात्रा की अनुमति प्रदान करती है तब उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ, राज्य के इस अंतिम गांव में अन्य स्थानीय लोग भी आकर बसने लगेंगे। जो भी पर्यटक इस सीमांत गांव की यात्रा करेगा अथवा यहां रुकेगा, उसे प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा।

टिहरी स्वदेश दर्शन योजना के तहत 70.92 करोड़ रुपए के सापेक्ष 64.30 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है तथा 98 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कुमाऊं हेरिटेज सर्किट स्वदेश दर्शन योजना के तहत 76.32 करोड़ रुपए के सापेक्ष 67.62 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। इस योजना का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है। प्रसाद योजना के अंतर्गत केदारनाथ हेतु 34.78 करोड़ रुपए के सापेक्ष 27.83 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है तथा योजना का निर्माण कार्य 89 फीसदी पूरा हो चुका है। बद्रीनाथ धाम के लिए 39.23 करोड़ रुपए में से 11.77 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। इसका कार्य निर्माणाधीन है। गंगोत्री व यमुनोत्री में पर्यटन सुविधाओं के विकास कार्य के लिए 49.44 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित की जा चुकी है। फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट, अल्मोड़ा के लिए भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय ने केंद्रांश के रूप् में 475 लाख रुपए के सापेक्ष में अब तक 375 लाख रुपए की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। शेष 100 लाख रुपए की धनराशि अवमुक्त की जानी बाकी है। आईएचएम रामनगर के लिए भारत सरकार द्वारा 16.20 करोड रूपए की डीपीआर पर स्वीकृति प्रदान की गई हैं। जिसमें से 9 करोड की धनराशि अवमुक्त हो चुकी हैं। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से स्थापित किया गया स्टेट इन्सटीट्यूट आॅफ होटल मैनेजमेट के केंद्रीयकरण का प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष विचाराधीन है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत महाभारत सर्किट का 97.70 करोड़ लाख रुपए का प्रारूप तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। मंत्री जी ने आश्वासन दिया है कि इस पर जल्द कार्यवाही की जाएगी।