सतपाल महाराज ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रामायण भेज कर दिखाया दर्पण

रिपोर्ट – हरीश मैैखुरी

उत्तराखंड के पर्यटन संस्कृति धर्मस्व और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज जी इन दिनों चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रामायण भेजने के मुद्दे पर चर्चा में हैं, बताया जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रामायण भेजते हुए सतपाल महाराज ने कहां है कि दंभ एवं अहंकार की सदैव हार होती है और दंभी और अहंकारी व्यक्ति रावण की तरह राम के हाथों मारा जाता है। उन्होंने कहा कि चीन रामायण के पाठ पढे़ और इससे सीख ले और विस्तारवादी नीति छोड़कर अपने हद में रहना सीखे। श्री सतपाल महाराज ने सुभाष रोड स्थित आपने सरकारी आवास पर इसकी जानकारी मीडिया को भी दी।

 उत्तराखंड के बहुत प्रभावशाली और इमानदार नेताओं में शुमार सतपाल महाराज का जन्म 21 सितंबर 1951 को हरिद्वार कनखल में हुआ। वे प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु योगीराज परमंत श्री हंस और राजेश्वरी देवी के बेटे हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य हैं। और पूर्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के लिए भारत की संसद (15वीं लोक सभा) के निचले सदन के सदस्य भी थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। वर्तमान में, वह उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री हैं। 2014 तक, सतपाल महाराज मानव उत्थान सेवा समिति के प्रमुख रहे और “ज्ञान” (नॉलेज) नामक मेडिटेशन तकनीक सिखाने का भी काम किया। इस आंदोलन के तहत दुनिया भर में कई जगहों के छात्रों के साथ ही आश्रम जुड़े, जिसका मुख्य कार्यालय भारत में है। ऐसा दावा है कि इससे लाखों सदस्य जुड़े हैं और हरिद्वार के मुख्य आश्रम में नियमित तौर पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें 100,000 या उससे अधिक लोग शामिल होते हैं। सतपाल महाराज की के इसी प्रभुत्व के चलते बहुत से लोग उन्हें व्यक्ति नहीं अपितु एक समानान्तर सरकार और संस्था मानते हैं। महाराज राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री मोदी के निकटस्थ माने जाते हैं। इस लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रामायण भेजने के खास मायने स्वत: निकाले जाने लगे हैं।