श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट राष्ट्रवादी शक्तियों के लिए संगठित एवं शक्तिशाली होने का आह्वान है जो राष्ट्र विरोधी अराजक, असमाजिक और अधर्मी ताकतों से लोहा ले रहे हैं

भारत की संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नामक ट्रस्ट की घोषणा उन साढ़े 4 लाख हिन्दुओं को श्रद्धान्जलि है जिन्होंने पिछले 5 सौ वर्षों में इस मंदिर के लिए अपने बलिदान दिए हैं। 
‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट उन बाबरपंथियों को एक चुनौती भी है जो भारत में रहकर हमलावरों की दहशतगर्द तहजीब पर चलते हुए ‘तौहीन बाग’ जैसी हिन्दुस्थान विरोधी हरकतें कर रहे हैं।
‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट उन राष्ट्रवादी शक्तियों के लिए और भी ज्यादा संगठित और शक्तिशाली होने का विजयी आह्वान है जो अराजक, अराष्ट्रीय, असमाजिक और अधर्मी ताकतों से लोहा ले रहे हैं। 
‘श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र तीर्थ’ ट्रस्ट समस्त भारतवासियों की राष्ट्रीय आस्था का गगनभेदी उदघोष है। यह असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और अंधकार पर प्रकाश की विजय की रणभेरी है। यही राष्ट्रीय अकांक्षा थी। 
अब समस्त दिल्ली वासियों समेत हम सभी 135 करोड़ भारतीयों का यह राष्ट्रीय कर्तव्य है कि धारा 370 को हटाने, तीन तलाक के कलंक को मिटाने, नागरिकता संशोधन कानून को बनाने और ‘श्रीराम मंदिर’ के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ मजबूत करे। 
भारतवासी विश्वस्त हो गए हैं कि भारत के यशस्वी एवं शक्तिशाली प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर को भी वापस लेंगे, समान नागरिक संहिता को भी लागू करेंगे, अखंड भारत के संकल्प को भी साकार करेंगे और भारत में राम राज्य को स्थापित करेंगे।
 यही नहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ मन्दिर ट्रस्ट बनने पर  ।92 वर्ष की उम्र में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए उच्च न्यायालय में पेश होने वाले वकील के. पराशरन जी को राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का अध्यक्ष चारों मठों के शंकराचार्य को इस ट्रस्ट का सदस्य बनाए जाने पर बहुत बहुत बधाई और अभिनंदन । हिन्दू समाज सदैव आपका ऋणी रहेगा।  ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद जी को राम जन्म भूमि ट्रस्ट का राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का सदस्य बनाए जाने पर उत्तराखंड में खुशी की लहर है।