गैरसैंण बनेगी ई-विधानसभा, देहरादून में दौड़ेंगी स्मार्ट इलैक्ट्रानिक बसें, मुख्यमंत्री ने दिखाई हरी झंडी, 3 सालों में उत्तराखंड में बने 11हजार किमी मोटरमार्ग, मुख्यमंत्री ने दिल्ली उत्तराखंड सदन में हस्तशिल्प विकास परिषद के एम्पोरियम का उद्घाटन

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिलाराम चौक स्थित जल संस्थान कार्यालय से स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत यह एक अच्छी शुरूआत हुई है। इलेक्ट्रिक बस से प्रदूषण भी कम होगा और लोगों की यात्रा भी सुलभ होगी। 05 इलेक्ट्रिक बसों को मुख्यमंत्री ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
स्मार्ट सिटी में चलने वाली इन बसों में 25 सीटें सामान्य लोगों के लिए एवं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्हील चेयर खड़ी करने के लिए स्थान की सुविधा उपलब्ध है। इलेक्ट्रिक बस में फ्रंट और रियर एयर सस्पेंशन की सुविधा उपलब्ध है। यह बस वातानुकूलित है, इसमें जी.पी.एस. सिस्टम, 03 सीसीटीवी कैमरा, ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, आई.टी.एस. डिस्प्ले, हर सीट में यूएसबी पोर्ट, आपातकालीन बटन, इमरजेंसी हैमर, अग्निशमन यंत्र एवं रिजनरेशन सिस्टम की सुविधा है।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री हरबंस कपूर, श्री विनोद चमोली, श्री गणेश जोशी एवं सीईओ स्माअर् सिटी/ जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चौक देहरादून में संजीवनी फेस्ट कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन किया। उन्हांंने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमारे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और उत्तराखण्ड के विभिन्न थीम पर आधारित उत्पादों को सही प्लेटफार्म मिलने से राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर हमारे स्थानीय उत्पादों को अलग पहचान मिलेगी। 

उत्तराखण्ड सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स वाइफ्स एसोशिएशन एक स्वयं सेवी संस्था है। यह संस्था महिलाओं तथा बालिकाओं के उत्थान एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 20 सालों से प्रयासरत है। संजीवनी की वर्तमान अध्यक्षा श्रीमती दीपा प्रकाश के प्रयासों से दो दिवसीय संजीवनी फेस्ट का आयोजन किया गया। महिला एवं बालिका विकास को समर्पित संजीवनी कोरोना काल से प्रभावित ग्रामीण दस्तकारी, हस्तशिल्प, आयुर्वेदिक उत्पाद एवं अन्य ग्रामोत्पादों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
संजीवनी फेस्ट का शुभारम्भ
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को किया था। इस संजीवनी फेस्ट को सफल बनाने में श्रीमती दीपा प्रकाश की अध्यक्षता में फेस्ट की सदस्य श्रीमती अलकनन्दा अशोक, श्रीमती रश्मि वर्द्धन, श्रीमती अंजलि सिन्हा, श्रीमती अनुराधा सुधांसु, श्रीमती आकांक्षा सिन्हा, श्रीमती शर्मिला भरतरी, श्रीमती अंशु पाण्डे, श्रीमती मुदिता संत, श्रीमती गुंजन यादव, श्रीमती रूपाली ज्योति, श्रीमती लता रावत, श्रीमती सालिनी शाह, श्रीमती दीपाली सिंह एवं श्रीमती शिखा पाण्डेय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मिंयावाला में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 50 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं को लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 18 मार्च को राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण हो जायेंगे। प्रदेश की जनता से जो वायदे किये गये, राज्य सरकार उन वायदों को पूरा कर रही है। जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। 2017 में जो विजन डोक्यूमेंट बनाया था, उसमें से 85 प्रतिशत से अधिक कार्य कर चुके हैं। जो घोषणाएं की गई हैं, उनकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है। अधिकांश घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। सड़कों के विकास में विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पिछले 17 साल में जितनी सड़के बनी लगभग उतनी सड़के पिछले 03 साल और दस माह में राज्य में बनाई गई। इस अवधि में 11 हजार किमी सड़कें बनाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 06 लाख पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इसके लिए पहले 2360 रूपये में उपभोक्ता को पानी का कनेक्शन लेना पड़ता था। 2022 तक सबको पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जायेगा। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में भी जल जीवन मिशन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में उनको अधिकार दिलाने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड यह निर्णय लेने वाला देश का पहला राज्य है। यह सुधार आने वाले समय में समाज की दिशा और दशा को बदलेगा। महिलाओं को अब बैंक लोन लेने में परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वर्ष 2008 में जब में प्रदेश का कृषि मंत्री था तब जनपद चमोली में मेरी मुलाकात विश्वेश्वरी देवी से हुई। उन्होंने मेरे समक्ष यह बात रखी थी कि पति की संपति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए। तब से मेरे जहन में यह बात थी। जनधन खातों के माध्यम से लोगों को योजनाओं का सीधा लाभ दिया जा रहा है। राज्य में जल्द घसियारी कल्याण योजना लाई जा रही है। राज्य में हर वर्ष सैकड़ों महिलाओं की जंगल में घास लाने के दौरान अनेक कारणों से मौत हो जाती है। राज्य में इस तरह की कोई घटना न हो, इस योजना के लिए इस बार बजट में प्राविधान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि संस्थागत सुधार की दिशा में भी राज्य सरकार प्रयासरत है। ई-कैबिनेट के लिए राज्य सरकार को अवार्ड मिला। ई-कैबिनेट से पर्यावरण संरक्षण एवं पेपरलेस कार्यप्रणाली की शुरूआत की गई है। आज राज्य में 150 ऑफिस ई-ऑफिस हो चुके हैं। ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को भी ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना के माध्यम से प्रत्येक परिवार को राज्य में 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच दिया गया है। इस योजना से अनेक लोग लाभान्वित हुए हैं। राज्य में शहीद सैनिकों एवं अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के आश्रितों को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्याधीन सेवाओं में सेवायोजित किया जा रहा है। देहरादून में पंचम धाम सैन्यधाम बनाया जा रहा है। राज्य में 90 प्रतिशत डिग्री कॉलेज के अपने भवन बन चुके हैं। जल्द ही शेष महाविद्यालयों के भवन भी बनाये जायेंगे। भवन के साथ ही महाविद्यालयों को कम्प्यूटर एवं वाई-फाई की सुविधा भी दी जा रही है। राज्य में 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास चल रही है। 600 और विद्यालयों में जल्द ही वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस वर्ष मार्च-अप्रैल तक सौंग बांध के शिलान्याश के प्रयास किये जा रहे हैं। शिलान्यास के बाद 15 माह में यह बांध बनकर तैयार हो जायेगा। रिस्पना के पुनर्जीवन के लिए प्रयास किये जा रहे है। हरेला पर्व पर 16 जुलाई को प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। 16 जुलाई को एक-एक वृक्षारोपण का सबको संकल्प लेना होगा।
इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, राज्य मंत्री श्री राजकुमार पुरोहित, राजपाल सिंह रावत, भाजपा के महानगर अध्यक्ष श्री सीताराम भट्ट एवं स्थानीय जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

दिल्ली स्थित उत्त्तराखण्ड सदन में उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के हिमाद्रि एम्पोरियम का उद्घाटन।

आज रविवार नई दिल्ली स्थित उत्त्तराखण्ड सदन में नवस्थापित “हिमाद्रि एम्पोरियम” का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एम्पोरियम का उद्देश्य उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों का विकास, विपणन एवं विक्रय है। इस एम्पोरियम की स्थापना से सदन में आने वाले अतिथि एवं आगंतुक उत्त्तराखण्ड के विभिन्न उत्पादों से परिचित हो सकेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए शिल्पकारों और बुनकरों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। हमारी पूरी कोशिश है कि उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को अच्छी कीमत और मार्केट मिल सके। ऑनलाइन मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उद्योग विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद राज्य के शिल्प उत्पादों के विकास, संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में कार्य करती है। परिषद द्वारा राज्य के बुनकरों व शिल्पियों के कौशल एवं उनके उत्पादों के डिजाइन, गुणवत्ता एवं बाजार की मांग के अनुरूप विकास हेतु विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, मेलों, कार्यशालाओं आदि के आयोजन व प्रतिभाग द्वारा प्रयास किए जाते रहे हैं।

    परिषद द्वारा राज्य के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों का हिमाद्रि ब्रांड के अंतर्गत इस हेतु स्थापित विभिन्न एंपोरियमों के माध्यम से विपणन किया जा रहा है। इसी क्रम में नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड के शिल्प उत्पादों के प्रदर्शन एवं विपणन हेतु हिमाद्रि एंपोरियम स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इसके साथ-साथ उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पटेल नगर स्थित जिला उद्योग केंद्र परिसर में भी इसी वर्ष नए हिमाद्री एंपोरियम का शुभारंभ किया जाएगा। जनपद देहरादून स्थित दून हाट, जनपद पिथौरागढ़ के बिण, जनपद चमोली के भीमतल्ला एवं जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर स्थित रूरल हाटों के माध्यम से भी राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम उत्पादों के विपणन एवं प्रदर्शन हेतु स्थापित किये जा रहे है जिससे कि विभिन्न प्रांतों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों एवं आगंतुकों को राज्य के उत्पादों से परिचित होने का अवसर प्राप्त हो सके। कोविड-19 में उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत परिषद द्वारा अमेजन के माध्यम से राज्य के बुनकरों तथा शिल्पियों के उत्पादों का ऑनलाइन विपणन का कार्य भी काफी समय से सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ राकेश कुमार, डाॅ पराग मधुकर थकाते, विशेष सचिव मा0 मुख्यमंत्री, डाॅ0 मेहरबान सिंह बिष्ट अपर सचिव मा0 मुख्यमंत्री, श्रीमती ईला गिरी, अपर स्थानिक आयुक्त, श्री सुधीर चन्द्र नौटियाल, निदेशक उद्योग, श्री रंजन मिश्रा वरिष्ठ व्यवस्था अधिकारी, श्री के0सी0 चमोली नोडल अधिकारी उद्योग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे