तो हरीश रावत से किनारा कर रहा है पार्टी संगठन? हरीश रावत ने फिर कहा “मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पार्टी हित में होगा” युवाओं को देना होगा अवसर

तो हरीश रावत से किनारा कर रहा है पार्टी संगठन? हरीश रावत ने फिर कहा “मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पार्टी हित में होगा” युवाओं को देना होगा अवसर। 

हरीश मैखुरी

क्या सचमुच हरीश रावत से किनारा कर रहा है पार्टी संगठन? यह बात हम नहीं कह रहे हैं यह दर्द है आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का, जिसे उन्होंने अपने शोशल मीडिया वाल पर भी साझा किया है। हरीश रावत ने लिखा है कि “#उत्तराखंड_कांग्रेस ने मुझे सामूहिकता के लायक नहीं समझा है। यह उसी दिन स्पष्ट हो गया था, जब #प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्यों व पदाधिकारीयों की पहली #बैठक हुई थी, उस बैठक में #मंच से पार्टी के #शुभंकर_महामंत्री संगठन ने 3 बार #नेताओं की जिंदाबाद बुलवाई, AICC के #सचिवगणों की भी जिंदाबाद लगाई गई, मगर नवनियुक्त #AICC_महासचिव_हरीश_रावत को मंच से जिंदाबाद बुलवाने के लायक नहीं समझा गया।

AICC राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि “यदि इन बातों को अलग रखकर भी विचार करें, तो भी #मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पार्टी हित में होगा।

 हरीश रावत ने पार्टी संगठन को याद दिलाते हुए आगे लिखा है कि” प्रदेश में स्थान-स्थान पर जनआंदोलन हो रहे हैं। #राज्य में दो प्रमुख पद हैं, उन जनसंघर्षों को कांग्रेस के साथ जोड़ने के लिये आवश्यक है कि #अध्यक्ष या #नेता_प्रतिपक्ष वहां पहुँचे और अन्याय व पीड़ितों जिनमें कांग्रेसजन भी सम्मिलित हैं, उनके मनोबल को बढ़ाएं। आज हरीश रावत के लिये ऐसा करना संभव नहीं है।”

उन्होंने कहा कि “हमें युवा हाथों में बागडोर देने के लिये उत्सुक होना चाहिये, पार्टी के भविष्य के लिये जनरेशन चेंज को प्रोत्साहित करना, पार्टी की सेवा है। मैं, अपने को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ, ताकि अन्य राज्यों और क्षेत्रों में भी यह सिलसिला आगे बढ़ सके”

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी पोस्ट को Indian National Congress एवं Indian National Congress Uttarakhand सहित Rahul Gandhi और Devender Yadav के साथ ही Rajesh Dharmani को भी टैग किया है।

हरीश रावत यहीं नहीं रूके उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रीतम सिंह को कांग्रेस पार्टी की और से 2022 के चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित  करने का अनुरोध किया है साथ ही साथ उन्होंने पार्टी की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती इंदिरा हृदेयश के नाम का भी स्वागत किया है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर श्री हरीश रावत ने लिखा है कि श्री प्रीतम सिंह सेनापति हैं, यह बहुत स्तुत्य कथन है, उन्हें पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किये जाने का अनुरोध है, मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में इंदिरा हृदयेश जी का भी स्वागत करूँगा, मैंने अपने नाम को लेकर जो असमंजस है उसको समाप्त किया है। देवेंद्र जी ने जो आदर दिया है, मैं उसके लिये उनको बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं, लेकिन मुझे सामूहिक नेतृत्व की पंक्ति से हटा देने की कृपा करें।

 उन्होंने लिखा है “2017 की #चुनावी हार का मुद्दा भी बार-बार उभर करके मुझे डराने के लिये खड़ा हो जाता है। मैं, 2017 की चुनावी हार का सारा दायित्व ले चुका हूँ। मैंने, #पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर और आपस में इस बात को लेकर विवाद, हमें और कमजोर न करे इसलिये अपने ऊपर #दायित्व लिया। मैंने कोई बहाना नहीं बनाया जबकि बहाने बहुत बनाये जा सकते थे, मगर एक तथ्य हम सबको समझना चाहिये कि हमें 2017 की हार से #लिपटे नहीं रहना है, उससे ऊपर उठना है और 2017 की हार के समसम्यक #चुनावों के परिणामों को भी अपने सामने रखना है। उत्तर प्रदेश में हमारा #महागठबंधन था, मगर उत्तर प्रदेश की धरती में जाति और सामाजिक समीकरण ध्वस्त हो गये और श्मशानघाट व कब्रिस्तान के नारे ने मानस बदल दिया। उस समय के भाजपा के प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने #उत्तराखंड में आकर जिस तरीके से चुनावों को पोलोराइज किया तो हिंदू, उसमें भी उच्च वर्णीय हिंदुओं के बाहुल्य वाले राज्य में उन सबका प्रभाव पड़ा। मैं आभारी हूं उत्तराखंड की जनता का कि इतने सघन धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिशों के बावजूद भी हमारे कांग्रेस के वोटों का प्रतिशत नहीं गिरा। आप 2012 के #विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्राप्त वोटों का प्रतिशत देख लीजिये, यहां तक की वोटों में जो वृद्धि हुई, उस वृद्धि को देखते हुये प्रतिशत में तो हम 2012 में कांग्रेस को पड़े वोटों के बराबर रहे और वोटों में जो वृद्धि हुई, उसके अनुसार हमारे #वोटों में कुल वोटों की संख्या में 2012 की तुलना में करीब पौने दो लाख की वृद्धि हुई। कितना अथक परिश्रम किया होगा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने, एक बड़ी टूट और विशेष तौर पर ठीक #चुनाव के वक्त में एक पूर्व कांग्रेस #अध्यक्ष का चला जाना, कोई सामान्य बात नहीं थी। मगर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से कांग्रेस अपने 2012 के जिस समय हम जीते थे, उस वोट बैंक को कायम रखने में सक्षम रहे। करीब 12 सीटें ऐसी हैं, जिनमें हमारी हार का मार्जन बहुत कम है, यहां तक की #सल्ट में अन्तिम क्षणों में हमने श्रीमती गंगा पंचोली जी को टिकट दिया, तो वहां भी हम 2900 वोटों से पीछे रहे, मतलब 1500 वोट और यदि गंगा पंचोली को मिल जाते तो वो विधानसभा की सदस्य होती तो ये जो #अंकगणित है, यह हमको शक्ति देता है। 2022 की रणनीति बनाने के लिये, हमें 4-5 प्रतिशत और वोट अपने बढ़ाने हैं, वो बढ़ोतरी बसपा, यूकेडी और दूसरे दलों के जो वोट समूचे तौर पर #भाजपा को स्थानांतरित हो गये थे, उनको कैसे हम अपने पास ला सकें। मैंने इसी रणनीतिक आवश्यकता को लेकर के स्थानीय बनाम स्थानीय नेतृत्व, ताकि चुनावी परिदृश्य में भाजपा #मोदी जी को लाने का प्रयास करें तो मोदी जी के बजाय स्थानीय मुद्दे और स्थानीय नेताओं के चेहरों पर चुनाव हो, इसीलिये मैंने 2022 के चुनाव के लिये #मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की बात कही, एक सुझाव दिया। लोकतांत्रिक पार्टी में चर्चाएं होती हैं और मैंने एक असमंजस हटाने के लिए अपने आपको पीछे कर लिया ताकि लोगों को यह न लगे कि #हरीश_रावत केवल अपने लिए इस बात को कह रहा है तो मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं, जब मैंने उस दावेदारी से, उस चाहत से अपने को हटा लिया तो फिर यह #दनादन क्यों?”

 

बता दें कि 72 की आयु में भी हरीश रावत न केवल निरंतर उत्तराखंड में दौरे कर रहे हैं अपितु इन दिनों शोशल मीडिया का भी जम कर सदुपयोग कर रहे हैं। हरीश रावत उन विषयों को भी सार्वजनिक मंचों पर उठा रहे हैं जो पार्टी के अंदर के हैं। वह कांग्रेस हाईकमान से मांग कर रहे हैं कि उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। हरीश रावत कोई भी बात यूं ही नहीं कहते, सोशल मीडिया पर तो कतई नहीं। उनकी हर बात का रहस्य होता है। इस बार तो वे मात्र बात कह नहीं रहे अपितु बात मनाने के लिए कांग्रेस हाईकमान पर दबाव भी डाल रहे हैं। ‘मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे हाईकमान’ हरीश रावत के इस बयान ने उत्तराखंड के शीत मौसम का भी राजनीतिक पारा बढ़ा दिया, वहीं पार्टी की आंतरिक राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई हैं। पार्टी में एक गुट के क्षत्रपों का कहना है कि हरीश फिर से मुखमंत्री बनना चाहते हैं  इसलिए “प्रेशर पॉलिटिक्स” का दांव खेल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड विधानसभा में  नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का मीडिया में एक बयान आया कि ‘जो मुख्यमंत्री रहते दो – दो जगह से चुनाव हारे वे हाईकमान से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं।’ वहीं टेलीविजन के लिए दिए गये एक अन्य वक्तव्य में उन्होंने हरीश रावत को बहुत कर्मठ नेता बताते हुए उन पर सहमति भी जताई। हरीश रावत के संबंध में पार्टी के एक बड़े धड़े का मानना है कि उत्तराखण्ड में हरीश को आगे करके ही उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस आगे आ सकती है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने उत्तराखंड में 2022 के लिए हरीश रावत को पार्टी का चेहरा घोषित करने की मांग की है।