अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेष, देश की कुल 22 मातृभाषा-बोली को संविधान की 8वीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है व 99 अन्य मातृभाषा-बोली को अन्य श्रेणी में रखा गया है, संस्कृत से पीसीएस अधिकारी बने सिध्दार्थ पाठक

✍️सैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी* की कलम से। 

*अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विशेष*:-
भारत की विविधता देश के नागरिकों द्वारा बोली जाने वाली मातृभाषा- बोलियों में झलकती है।
1961की जनगणनानुसार हमारे देश में 1,652 मातृभाषा बोली जानी दर्ज हुई थी।
1991की जनगणनानुसार हमारे देश में 1,576 मातृभाषा बोली जानी दर्ज हुई थी।
2001 की जनगणनानुसार हमारे देश में 1,635 मातृभाषा बोली जानी दर्ज हुई थी।
2011 की जनगणनानुसार हमारे देश में 19,569 मातृभाषा-बोलियों के प्रकार हैं जिनमें से 1,369 मातृभाषा-बोली को मानक आधारित (classified category) एवं 1474 को अमानक श्रेणी (unclassified category) में रखा गया है। 
देश की कुल 22 मातृभाषा-बोली को संविधान की 8वीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है व 99 अन्य मातृभाषा-बोली को अन्य श्रेणी में रखा गया है।
*आप सबि थै अंतर्राष्ट्रीय दुधभाषा दिवस क हृदय क गहराई बटि हार्दिक बधै अर मांगल-कामना! उम्मीद है कि नयी शिक्षा नीति में भारत की अपनी सभी भाषाओं में पढाई और प्रतियोगी परीक्षाओं का समायोजन अवश्य होगा।

 Breakinguttarakhand.com न्यूज को आज ही एक विशेष समाचार भी मिला उ.प्र. संस्कृत संस्थान में कोचिंग प्राप्त सिद्धार्थ पाठक ने संस्कृत द्वारा उतर प्रदेश PCS परीक्षा में 9वीं रेंक प्राप्त की है। Special on International Mother Language Day, a total of 22 mother tongue-dialects of the country have been ranked in the 8th schedule of the constitution and 99 other mother tongue-dialects have been placed in another category, Siddharth Pathak became Sanskrit PCS officer