बर्बरता नहीं राष्ट्र वादिता ही बचा सकती है दुनियां को

हरीश मैखुरी कुछ बर्बर विचारधारा के लोगों में देश का कन्सैपट है ही नहीं। एक तरह के लोग “मजहब”को श्रेष्ठ मानते हैं देश को नहीं।

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