नव नियुक्त शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने बद्रीनाथ में धर्मध्वजा स्थापन के बाद ज्योतिष्पीठ का पदभार ग्रहण किया

अच्छी बात यह है कि भारत की सबसे प्राचीन शंकराचार्य की ज्योतिष पीठ को एक विद्वान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के रूप में मिल गया है।

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