शिक्षकों को 6 माह से वेतन नहीं ऐसे तो न बेटियां पढ़ सकेंगी और ना आगे आगे बढ़ सकेंगी

 

महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून में पिछले 6 महीने से तनख्वाह नहीं दी जा रही है, ऐसे तो न बेटियां पढ़ सकेंगी और ना आगे आगे बढ़ सकेंगी। सरकार के बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान पर कुल लोगों की हीला हवाली से पलीता लग रहा है। महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून की कर्मचारियों को पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है। वहीं राजकीय कन्या इंटर कॉलेज ऋषिकेश की शिक्षिकाओं को भी पिछले 2 महीने से वेतन नहीं मिला है, यह दोनों शिक्षण संस्थान बेटियों के लिए कार्य कर रहे हैं

महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून में कार्यरत निदेशिका पंतनगर से यहां लाई गई थी, अब संस्थान के कर्मियों का आरोप है कि इन्हीं की हीला-हवाली की वजह से पिछले 6 महीने से उनका वेतन नहीं निकल पा रहा है। संस्थान के कर्मचारियों ने अपनी तंगहाली का हवाला देते हुए महामहिम राज्यपाल कुलाधिपति तकनीकी विश्वविद्यालय उत्तराखंड और उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री से भी लिखित में पत्र लिखकर अनुरोध किया लेकिन अभी तक महामहिम और मुख्यमंत्री की ओर से इनके वेतन हेतु कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। संस्थान के कर्मचारियों ने अपने मानदेय की मांग को लेकर अनेक बार धरना प्रदर्शन व आन्दोलन भी किए , लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात, कहा जा रहा है कि उच्च स्तर पर सुनवाई नहीं होने के कारण यह स्थिति आई है। अब सवाल यह उठता है कि ऐसे कौन से कारण हैं जिसकी वजह से इन महिला शिक्षिकाओं का वेतन रुका पड़ा है। कर्मचारियों ने मामले में उच्च स्तरीय दखल होने के चलते अन्याय का भी आरोप लगाया है। संस्थान की निदेशक डॉ अलकनंदा से संपर्क नहीं हो पाया है।

कारण जो भी रहे हों लेकिन वेतन रोकना अपराध की श्रेणी में आता है इतना तो मालूम सभी को है।