“इस्लामिक आतंकवाद” के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई का अर्थ यह भी है कि पाकिस्तान के नक्शे के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू

ह्यूस्टन में कल आयोजित #HowdyModi कार्यक्रम का आयोजन, अपने आप में एक विशेष था। भले ही लोगों को इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प की भागीदारी करना, अमेरिका में होने राष्ट्रपति पद के चुनाव अभियान का हिस्सा लगे, लेकिन मैं समझता हूँ कि बात कुछ उससे आगे की है।

इस पूरे कार्यक्रम में जहां 50000 अप्रवासी भारतीय, स्टेडियम के अंदर थे, वहीं उससे भी ज्यादा संख्या में लोग बाहर थे, लेकिन वे सब भारतीय नहीं थे। यह मोदी जी का पहला ऐसा बड़ा कार्यक्रम था, जिसमें अप्रवासी गैर भारतीयों की भी चरितार्थ उपस्थिति थी। वैसे तो, पूर्व में हम ऐसे कार्यक्रमों में ‘बलूचिस्तान की स्वंत्रता’ की मांग करते, तख्तियों को लिए हुये बलूचियों को देख चुके हैं, लेकिन इस बार बलूचियों के साथ साथ, मोदी जी से स्वतंत्रता दिलाने की मांग करते हुए, पाकिस्तान के सिंधी, मुहाजिर, गिलगिट बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों की प्रत्यक्ष सहभागिता थी।

आज जब इस पूरे कार्यक्रम को यूट्यूब पर देख लिया है, तब मैं यह बात विश्वास से कह सकता हूँ कि इस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में सम्मिलित अप्रवासी गैर भारतीयों की उपस्थिति में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प के भाषणों की मीमांसा करना बहुत आवश्यक है। 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को पूर्णतः भारत मे एकीकृत करने के बाद विश्व में, विशेषतः भारतीय उपमहाद्वीप में जो हलचल हुई है और पाकिस्तान से जो तीव्र प्रतिक्रिया आयी है, उसके बाद दोनों ने क्या कहा, वह जहां महत्वपूर्ण है, वहीं उन्होंने जो नहीं कहा वह और भी महत्वपूर्ण है।

मेरे लिए इन दो नेताओं के उद्बोधन समक्रामिक थे। दोनों ही नई विश्व व्यवस्था और उस व्यवस्था के स्थापित्य होने से होने वाले विनाश व पुनर्निर्माण को इंगित कर दिया है। एक तरफ ट्रम्प, बिना लाग लपेट कर, रेडिकल इस्लामिक टेररिज्म को वैश्विक समुदाय के सबसे बड़े शत्रु व उसके विरुद्ध युद्ध करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा करते हैं, वहीं पर कश्मीर, जिसको लेकर पाकिस्तान को खुश करने के लिए पूर्व में मध्यस्थता की बात कर चुके हैं, उसका एक बार भी नाम नहीं लिया है। दूसरी तरफ मोदी जी, ट्रम्प के सामने जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निर्मूल किये जाने की बात करते हैं और उपस्थित समुदाय से ताली की गड़गड़ाहट के बीच समर्थन पाते हैं, वहीं पर बिना किसी राष्ट्र या व्यक्ति विशेष का नाम लिए, इस्लामिक आतंकवाद की केंद्रीय धुरी के विरुद्ध, निर्णायक युद्ध का धआवाहन करते हैं, जिसका समर्थन अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प, ताली बजाकर करते हैं।

जितना मेरा इस विषय को लेकर अध्ययन रहा है, उससे मुझे यही प्रतीत होता है कि पाकिस्तान के नक्शे के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

#pushkerawasthi