जेएनयू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के अनावरण के बाद से शोशल मीडिया में जेएनयू का नाम स्वामी विवेकानंद युनिवर्सिटी रखने की मांग ट्रेंड कर रही है

 
रिपोर्ट :- हरीश मैखुरी
करीब साल भर पहले कुछ शरारती तत्वों ने जेएनयू के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लाक के पास मलगी स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा पर अप शब्द लिखे और उसे विद्रुप कर दिया था। अब वहां स्वामी विवेकानंद की नये रूप में प्रतिमा स्थापित की गयी है। 
दो दिन पहले ही जेएनयू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वामी विवेकानंद की मूर्ति का डिजिटल अनावरण किया था। और इससे नयी पीढ़ी में सदचरित्र और ओजस्वी गुणों के विकास की परिकल्पना की थी। उसके बाद से शोशल मीडिया में जेएनयू का नाम स्वामी विवेकानंद युनिवर्सिटी रखने की मांग ट्रेंड कर रही है। बता दें कि प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi ने JNU में स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा का अनावरण किया।
वास्तव में भारत को विश्वगुरु बनाने का निश्चय स्वामी विवेकानंद जी के विचारों पर चलने से ही सम्भव है। यह कदम विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को निरंतर प्रेरणा देगा।‬
इस कदम की देश के शिक्षा मंत्री ने भूरि भूरि प्रशंसा की की। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि “यशस्वी प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi  जी की अध्यक्षता में आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में भारतीय नवजागरण के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा के अनावरण समारोह में सहभागिता की। स्वामी जी की यह प्रतिमा हमें और हमारी भावी पीढ़ियों को उनके मूल्यों, दर्शन व देश के प्रति चिंतन का स्मरण कराते हुए निरंतर प्रेरणा प्रदान करती रहेगी।
हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने हमें एक विजन दिया है और एक मिशन भी दिया है। ‘विजन’ है भारत को ‘ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति’ बनाने का और ‘मिशन’ है ‘वैश्विक नागरिक’ तैयार करने का। अगर विश्व नागरिक की बात करें तो स्वामी जी जैसा कोई दूसरा उदाहरण हमारे समक्ष नहीं है। उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर तथा प्रधानमंत्री जी के विजन और मिशन को ध्यान में रख, हमारी नई शिक्षा नीति ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान की संस्कृति का पोषण करते हुए, समस्त भारतीय मूल्यों को समाहित कर, एक वैश्विक नागरिक के निर्माण का विराट लक्ष्य लेकर चल रही है।
डाॅ निशंक ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित होने का प्रयास करते हुए  जेएनयू द्वारा नेशनल सिक्योरिटी, इंजीनियरिंग, डिज़ास्टर मैनेजमेंट, नार्थ-ईस्ट स्टडीज जैसे नए सेंटर्स प्रारंभ करना हमारे नए भारत एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में मील के पत्थर साबित होंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ निशंक ने कहा कि जेएनयू का नई शिक्षा नीति के साथ कदम मिलाते हुए, इंजीनियरिंग शिक्षा में विभिन्न भारतीय भाषाओं तथा इंटरनेशनल स्टडीज में नए विषयों को जोड़ना एक अत्यंत सराहनीय कदम है। साथ ही विश्वविद्यालय का अटल इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप्स तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में  कदम बढ़ाना अत्यंत सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के विद्यार्थी स्वामी विवेकानंद जैसे महामानव की प्रतिमा के माध्यम से  नई प्रेरणा ग्रहण करेंगे। वे व्यक्तित्व
 निर्माण से चरित्र-निर्माण और चरित्र-निर्माण से राष्ट्र-निर्माण के आदर्श को अपने सामने रखकर नेशन फर्स्ट की सोच के साथ सदैव आगे बढ़ते रहेंगे। “
कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा “मेरी कामना है कि JNU में लगी स्वामी जी की ये प्रतिमा, सभी को प्रेरित करे, ऊर्जा से भरे।
ये प्रतिमा वो साहस दे, courage दे, जिसे स्वामी विवेकानंद प्रत्येक व्यक्ति में देखना चाहते थे।
ये प्रतिमा वो करुणाभाव सिखाए, compassion सिखाए, जो स्वामी जी के दर्शन का मुख्य आधार है ।
इसके बाद से ही एक यूजर्स ने लिखा मोदी-योगी ने भारतीय परंपराओं को न केवल वैश्विक पहचान दी है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक विमर्शों को नए सिरे से अलंकृत और परिभाषित भी किया है।
शोशल मीडिया पर अनेक यूजर्स ने जेएनयू का नाम बदल कर विवेकानंद युनिवर्सिटी रखने का भी सुझाव दिया।