शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले

 

शौर्य एवं पराक्रम का उत्सव कारगिल दिवस जनपद में बडे हार्षोउल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया। जिला पंचायत परिसर में जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह, जिलाधिकारी आशीष जोशी सहित जनप्रतिनिधियों, जिला स्तरीय अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने अमर शहीदों के चित्रों पर माल्यपर्ण करते हुए श्रृद्धासुमन अर्पित किये तथा अमर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए अमर शहीदों को सलामी दी गयी। कारगिल दिवस के अवसर पर जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कारगिल दिवस समरोह पर मुख्य कार्यक्रम जिला पंचायत सभागार में आयोजित किया गया। समारोह में अमर शहीद राइफल मैन सतीशचन्द्र के पिता महेशानन्द, सिपाही हिम्मत सिह की माता चैतादेवी तथा नायक कृपाल सिंह की पत्नी विमला देवी को शाॅल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। वही कार्यक्रम में उपस्थित कारगिल युद्व में शामिल पूर्व सैनिक महेन्द्र सिंह राणा, अवतार सिंह, बृजपाल सिंह एवं पिताम्बर दत्त को भी सम्मानित किया गया।

शौर्य दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्षा ने देश के शहीद जवानों को नमन करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हम अपने देश के अमर शहीदों की शहादत से खुली हवा में सांस ले रहे है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जायेगा। अमर शहीदों के गांवों में आयोजित बहुउदेशीय शिविरों में जो समस्यायें रखी गयी है उनका समाधान किया जायेगा।

जिलाधिकारी आशीष जोशी ने कहा कि नई पीढी को देश के इतिहास के बारे में जानकारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमर शहीदों का अमूल्य बलिदान हमें प्रेरणा देता है। कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना के साहस और देश को सुरक्षित रखने में हमारे सशस्त्र बलों के महान बलिदानों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि हमें अमर शहीदों के पराक्रम पर गर्व है।

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एनके डबराल ने बताया कारगिल के दुर्गम क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों/सैनिकों को 26 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य सहास का प्रर्दशन करते हुए मार भगाया। इस अभियान में उत्तराखण्ड राज्य के 75 वीर सैनिक शहीद हुए जिसमें 11 सैनकि जनपद चमोली के शामिल थे। इस विजय की स्मृति में हर साल 26 जुलाई को कारगिल दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर रा0उ0मा0 विद्यालय नैग्वाड, रामचन्द्र भट्ट विद्यामंदिर, उत्तराखण्ड पब्लिक स्कूल, पीस पब्लिक स्कूल, जीजीआईसी एवं राइका गोपेश्वर के छात्र-छात्राओं के द्वारा देश भक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुत दी गयी। प्रतिभागी स्कूलों को स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत, बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह लिंगवाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रेम बल्लभ भट्, सीडीओ विनोद गोस्वामी, ले.कर्नल (सेवानिवृत्त)डीएस बत्र्वाल, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एनके डबराल सहित जनप्रतिनिध, गणमान्य नागरिक, जिला स्तरीय अधिकारी एवं स्कूली छात्र-छात्राऐं मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन नेहरू युवा केन्द्र के समन्वय योगेश धसमाना द्वारा किया गया।

इससे पूर्व शौर्य दिवस के अवसर पर सुबह 8ः0बजे अल्कापुरी से गोपेश्वर स्टैडियम तक जिलास्तरीय अधिकारियों की पैदल ट्रैकिंग प्रतियोगिता का अयोजन किया गया। जिलाधिकारी आशीष जोशी ने ट्रैकिग दल को अल्कापुरी से रवाना किया। प्रतियोगिता में कोषाधिकारी दीपक चन्द्र भट्ट ने प्रथम, जिला पूर्ति अधिकारी शशिकला फर्सवाण ने द्वितीय तथा सहायक विकास अधिकारी काॅपरेटिव गणेश चन्द्र नैथाणी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जिन्हें स्पोर्टस स्टैडियम गापेश्वर में पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में सीडीओ विनोद गोस्वामी, सीटीओ वीरन्द्र कुमार, सीवीओ डा. लोकेश कुमार, सीएमओ डा.दिनेश चन्द्र सेमवाल, डीडीओ आनंद सिंह, जीएमडीआईसी डा.एमएस सजवाण, जिला पर्यटन अधिकारी एसएस यादव, एसीएओ जीतेन्द्र भाष्कर आदि ने भाग लिया।
इसके बाद गोपेश्वर-घिंघराण मोटर मार्ग पर रौली ग्वाड में वन एवं उद्यान विभाग के माध्यम से वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह, जिलाधिकारी आशीष जोशी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों व वन एवं उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने वृक्षारोपण किया।

शौर्य दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल गोपेश्वर में रक्तदान शिविर लगाया गया। जिसमें पीजी काॅलेज गोपेश्वर के बीएड के छात्र हेमन्त सिंह, बीना नेगी, अजीत राणा, सुमन रावत, रोहित आदि ने रक्तदान किया। वही अस्पताल में भर्ती मरीजों को सीडीओ विनोद गोस्वामी, नव नियुक्त सीएमओ भागीरथी जंगपांगी एवं जिला पर्यटन अधिकारी एसएस यादव द्वारा फल वितरित किये गये।
षहीदों की चिता को मुखाग्नि देते वक्त सेना की टुकड़ी सलामी देती है तो सरकार के प्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन वास्तविकता जाने तो शहीदों के परिजनों का कहना है कि आज भी उनके गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है उन्हें पैदल ही उनके गांव तक जाना पड़ता है। सरकार के बार-बार आश्वासन के बाद भी मेरे शहीद बेटे के नाम पर ना तो कोई स्मृति द्वार है नहीं आज तक कोई सड़क बन पाई है।
कारगिल युद्ध में शहीद मेरे भाई के नाम पर हमारे क्षेत्र गैर सेंड में एक पेट्रोल पंप खुला है लेकिन विधानसभा सत्र और निर्वाचन के दौरान हमारे पेट्रोल पंप से पेट्रोल बनाया गया जिसका अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। हमारी सरकार से गुजारिश है कि हमारा भुगतान जल्द ही किया जाए।