मोदी की शादी का राज और भारत की बुलंदियों का आगाज़

हरीश मैखुरी

अपने जन्म दिन पर अन्य वर्षों नरेंद्र मोदी सुबह सात बजे से पहले मां हीरा बेन से आशीर्वाद लेते थे, इसबार उन्होंने दोपहर में आशीर्वाद लेने और मां के हाथ का खाना खाने का मन बनाया, मुझे यहां मोदी जैसे महापुरुष के भाव में कुछ संकेत दिख रहा है। वैसे 99 वर्षीया हीरा बेन शायद दुनियां की एक मात्र ऐसी जीवित मां है जिसका बेटा एक राज्य का 3 बार मुख्यमंत्री और भारत जैसे सबसे विशाल लोकतांत्रिक देश का 2 बार प्रधानमंत्री बना है। दोनों दीर्घायु और स्वस्थ रहें, नरेंद्र मोदी और हीरा बेन जी शतक पूरा करें ऐसी कामनाएँ हैं

  बताया जाता है कि ज्योतिषी की सलाह पर हीरा बहन ने मोदी की शादी जसोदा से कर दी लेकिन मोदी को गृहस्ती रास नहीं आई और उन्होंने करीब 2 साल सन्यास में बिताने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक के कार्यकर्ता के रूप में राष्ट्रीय सेवा प्रकल्पों में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी। यहां उनकी देश सेवा और राजनीतिक शिक्षा दीक्षा हुई। जब पहली बार मोदी गुजरात के  मुख्यमंत्री बने  तब गुजरात में अस्थिरता का दौर था कोई मुख्यमंत्री दो ढाई साल से ज्यादा नहीं टिक पा रहे थे, शुरूवात में ही गोधरा कांड के कारण  गुजरात गुजरात बहुत सांप्रदायिक तनाव झेल रहा था  ऐसे समय में  मोदी ने गुजरात की बागडोर संभाली और गुजरात के सामाजिक आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई  देखते ही देखते 15 साल में एक पिछड़ा हुआ राज्य  देश का मॉडल स्टेट बन गया। वे 3 बार मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। अब मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री हैं। और भारतीय आर्थिकी को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए बतौर प्रधानमंत्री समर्पित हैं। इसके लिए वे पहला कदम जहां भारत में नयी कारों इलेक्ट्रिफिकेशन शक्ल देने की पैरवी में करने में लगे हैं ताकि अरब देशों पर हमारी तेल डिपेंडेंसी कम हो, वहीं इन इलेक्ट्रिक और सीएनजी कारों से पर्यावरण का नुकसान भी कम होगा और लोग स्वस्थ रहेंगे। इसके बाद कैंसर टीवी फेफड़ों के रोग से बचेंगे तो इस पर होने वाला देश का खर्च भी बचेगा। देश को सुरक्षित करने के लिए हमारी सेनाओं को अस्त्र शस्त्रों से सुसज्जित करना भी मोदी की प्राथमिकता में है एक राष्ट्र एक कानून भी उनकी प्राथमिकता में है 370 हटाने के बाद पीओके और राम मंदिर मुद्दे पर भी काफी संजीदा हैं।  स्वच्छ भारत अभियान एक सफलतम अभियान कहा जा सकता है, उसी तरह से स्वास्थ्य बीमा योजना भी दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य पालिसी बन बन गई है, मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति को जैसे पंख लग गए इस समय दुनिया के सभी बड़े नेता न केवल मोदी के मित्र हैं बल्कि यूं कहें कि वे मोदी के फैन बन गए हैं कायल हो गए हैं तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं यही कारण रहा की बालाकोट हो यह 370 का मुद्दा मोदी को विदेशों का भारी समर्थन मिला और डोकलाम में चीन को पीछे हटना पड़ा मोदी ने बिना लड़े ही पाकिस्तान की आर्थिकी को बर्बाद कर दिया है इसी कारण अब पाकिस्तान के पास आतंकवादियों को फीड करने के लिए भी पैसा कम पड़ गया है। और बिना लड़े ही पाकिस्तान धराशायी हो गया है। 

मोदी ने दो विपरीत धारा वाले देशों को भी अपना दोस्त बना दिया है जैसे फिलिस्तीन और इजराइल दोनों देशों की आपस में पटती नहीं है लेकिन दोनों देश मोदी के मुरीद हैं। उसी तरह  रूस और अमेरिका के बीच भले ही वर्चस्व की लड़ाई हो, लेकिन मोदी ने दोनों देशों को भारतीय विदेश नीति के लिए सेट करके रखा हुआ है। और दोनों देशों से भारत को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण  और  युद्धक विमान मिल रहे हैं। चीन के साथ भी मोदी राज में भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध बढ़ रहे हैं। जापान और जर्मनी से भी इस समय भारत के संबंध काफी सुदृढ़ हुए हैं। इस सब का लाभ देश को मिलने जा रहा है, मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत कई विकसित देशों की कंपनियां भारत में आकर अपने प्रोडक्ट बना प्रोडक्ट बना रही है, इसकी वजह से भारत को सस्ते और अच्छे अच्छे उत्पाद मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। इस समय पूरी दुनिया में भयंकर मंदी का दौर चल रहा है, भारत में भी पिछली सरकारों द्वारा की गई गेट और डब्ल्यूटीओ संधि के कारण इस मंदी के किंचित प्रभाव दिख रहे हैं, लेकिन यह मोदी का ही जलवा है कि विश्वव्यापी मंदी के बावजूद भारत की आर्थिकी स्थिर बनी हुई है। कुल मिलाकर इस दौर की राजनीति में धारा के विरूद्ध चलने का साहस नरेंद्र मोदी के पास है।