लव स्टोरी के इस ट्विस्ट ने जूली को डाला डिप्रेशन में

त्रिनिडाड के एक सरकारी मेंटल हॉस्पिटल में एकदम अकेले जीवन और मौत से जूझ रही यह महिला जूली है वही जूली जो कभी मटुकनाथ की प्रेमिका हुआ करती थी।

कम उम्र में हारमोंस के दबाव में किया गया प्यार एक आत्मघाती कदम ही होता है। जूली एक शादीशुदा प्रोफेसर मटुकनाथ के प्यार में पड़ गई। मटुकनाथ जो एक नंबर का धूर्त था। इससे उम्र में दोगुना था उसे खुद जूली को जो उसकी बेटी की उम्र की थी उसे समझाना चाहिए कि क्या उच नीच है, क्या दुनियादारी है

लेकिन वह दोगला जूली को अपने प्यार में फंसाया। और कुछ सालों तक उसके साथ लिव-इन मे रहा । फिर मटुकनाथ नौकरी से सस्पेंड हो गए। पैसे पैसे के मोहताज हो गए उसके बाद जूली के सर से भी प्यार का बुखार उतर गया अंत में मटुकनाथ वापस अपने परिवार में चले गए। क्योंकि जूली ने सरेआम टीवी चैनलों पर आकर जो प्रेम की बड़ी-बड़ी बातें की थी और अपने परिवार अपने मां बाप को एक खलनायक की तरह पेश किया था। उससे उसके मां-बाप भाई-बहन की समाज में काफी बदनामी हुई थी। इसलिए जूली के मां-बाप ने भी जूली को अपनाने से इंकार कर दिया। कुछ समय तक जूली पटना के फुटपाथ पर रही बाद में उसकी एक सहेली उसे त्रिनिडाड के एक आध्यात्मिक गुरु के आश्रम में ले कर चली गई। वहां जूली को डिप्रेशन और कई मानसिक बीमारियां हो गई अंत में आश्रम वाले जूली को त्रिनिडाड के एक सरकारी मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिए।

जूली अब अपनों से एकदम अकेले सात समुंदर पार एक सरकारी मेंटल हॉस्पिटल में जीवन और मौत से जूझ रही है

जूली की कहानी दूसरी सभी लड़कियों के लिए एक सबक है जो बिना दुनियादारी को समझे बिना ऊंच-नीच को समझे गलत कदम उठा लेती हैं। (साभार वटसैप युनिवर्सिटी)