आज का पंचाग, आपका राशि फल, मंत्रों से दिव्य शक्ति और औषधि कैसे आती है आओ जानें

 🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| शिशिर ऋतु || फाल्गुन कृष्णपक्ष || तिथि षष्टी || गुरुवासर || फाल्गुन सौर २१ प्रविष्टा || तदनुसार ०४ मार्च २०२१ ई० || नक्षत्र विशाखा || तुलास्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
 📖 *नीतिदर्शन…………………*✍🏿
*पानपस्तु सुरां पीत्वा तदा बुद्धिप्रणाशनात्।*
*कार्याकार्यस्य चाज्ञानाद् यथेष्टकर्णात् स्वयम्।*
*विदुषामविधेयत्वात् पापमेवाभिपद्यते।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 शराब पीनेवाला मनुष्य उसे पीकर बुद्धिका नाश हो जानेसे, कर्तव्य और अकर्तव्यका ज्ञान न रह जानेसे, इच्छानुसार कार्य करनेसे और विद्वानोंकी आज्ञाके अधीन न रहनेसे पापको ही प्राप्त होता है।
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐

  🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय  पण्डित चक्रधर प्रसाद मैदुली ✡️✡️फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️

✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️फाल्गुन मासे ✡️
✡️21 प्रविष्टे गते ✡️
✡️ दिनांक :04 – 03 – 2021(गुरुवार)✡️
सूर्योदय :06.49 am
सूर्यास्त :06.27 pm
सूर्य राशि :कुंभ
चन्द्रोदय :11.50 pm
चंद्रास्त :11.06 am
चन्द्र राशि :तुला कल 06:20 pm वृश्चिक
विक्रम सम्वत :विक्रम संवत 2077
अमांत महीना :माघ 21
पूर्णिमांत महीना :फाल्गुन 5
पक्ष :कृष्ण 6
तिथि :पंचमी 12.22 am तक, बाद में षष्ठी 9.59 pm तक, बाद में सप्तमी
नक्षत्र :विशाखा 11.57 pm तक, बाद में अनुराधा
योग :व्याघात 11.34 pm तक, बाद में हर्षण
करण :गर  11:08 am तक, बाद में वणिज 9:59 pm तक, बाद में विष्टि
राहु काल :2.11 pm – 3.51 pm
कुलिक काल :9.09 am – 10.50 am
यमगण्ड :5.48 am – 7.29 am
अभिजीत मुहूर्त :12.15 PM – 01.01 PM
दुर्मुहूर्त :10:42 am – 11:28 am, 03:21 pm – 04:08 pm

✡️आज के लिए राशिफल (04-03-2021) ✡️

✡️मेष04-03-2021✡️

अपने ख़र्चों पर क़ाबू रखें और आज हाथ खोलकर व्यय करने से बचें। आपका आकर्षक स्वभाव और ख़ुशमिज़ाज व्यक्तित्व नए दोस्त बनाने में आपकी मदद करेगा और आपके सम्पर्क में इज़ाफ़ा करेगा। अपने प्रिय के साथ ख़रीदारी करने जाते समय ज़्यादा आक्रामक व्यवहार न करें। अपने उद्देश्यों की ओर शान्ति से बढ़ते रहें और सफलता मिलने से पहले अपने पत्ते न खोलें। महत्वपूर्ण लोगों के साथ बातचीत करते वक़्त अपने शब्दों को ग़ौर से चुनें।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

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✡️वृष 04-03-2021✡️

आज का दिन आप अपने जीवनसाथी संग स्नेह से बिताएंगे। इससे मूड बेहतरीन बनान रहेगा। आपका काम करने का नया अंदाज आज उन लोगों में दिलचस्पी पैदा करेगा, जो आप के कामों पर नजदीकी नजर रखते हैं। इस राशि के बिजनेसमैन के लिए आज का दिन फायदेमंद रहेगा, क्योकि आज बिजनेस की डील आपके पक्ष में आएगी। आज अचानक कोई करीबी दोस्त आपके घर आ सकता हैं। माता-पिता का आशीर्वाद लेकर घर से निकलें, बिगड़ते काम बन जाएंगे। व्यवसाय में उच्च अधिकारियों से लाभ होगा।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 4

भाग्यशाली रंग : हरा रंग

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✡️मिथुन 04-03-2021✡️

आज व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। लाभ होगा। कार्यक्षेत्र में नयी योजना लागू करेंगे। जरूरत से ज़्यादा खर्च करने और चालाकी-भरी आर्थिक योजनाओं से बचें। पारिवारिक वातावरण में अनुकूलता रहेगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। मनोरंजन के पीछे धन का व्यय होगा। आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे। नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा व साक्षात्कार आदि कार्यों में सफलता मिलेगी।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : नीला रंग

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✡️कर्क 04-03-2021✡️

जल्दी ही बीमारी से उबरने की संभावना है। कुछ ख़रीदने से पहले उन चीज़ों का इस्तेमाल करें, जो पहले से आपके पास हैं। आपके माता-पिता की सेहत पर ज़्यादा ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। यात्रा के चलते रुमानी संबंध को बढ़ावा मिलेगा। आपको बढ़िया परिणामों को पाने के लिए अपनी तरफ़ से बेहतरीन प्रयास करने की आवश्यकता है। महत्वपूर्ण लोगों के साथ बातचीत करते वक़्त अपने शब्दों को ग़ौर से चुनें। योग ध्यान और आध्यात्मिकता द्वारा मन को शांति मिलेगी।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 5

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

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✡️सिंह 04-03-2021✡️

आज का दिन पहले से बेहतर रहेगा। जो लोग राजनीति से जुड़े हुए हैं वो आज किसी सामाजिक कार्यक्रम में जाएंगे, वहाँ आपकी बातों पर सबका ध्यान केंद्रित होगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए दिन बढ़िया रहेगा। क्लास एक्जाम में पेपर शानदार होने से उत्साहित महसूस करेंगे। इस राशि के कपड़ा व्यापारी के लिए आज का दिन मुनाफे का रहेगा। सरकारी नौकरी करने वालों को आज प्रमोशन हो सकता है। हनुमान जी को लाल सिंदूर चढ़ाएं, परेशानियां खत्म होंगी।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 8

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

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✡️कन्या04-03-2021✡️

आज आप कार्यस्थल पर तनाव का अनुभव करेंगे। नए संपर्क कार्य क्षेत्र में सफलता दिलवाएंगे। आप किसी बात से मन ही मन डर रहे हैं। वर्तमान समय शांति पूर्वक बिताना होगा। गुस्से को काबू में रखें। रुके कार्य पूरे होंगे। विलासिता के सामानों पर खर्च बढ़ेगा। अनैतिक कार्यों से दूर रहें। नए सम्बन्ध बनाने से पहले सोचें। धन खर्च ज्यादा होने से आर्थिक परेशानी का अनुभव करेंगे। आपका काम समय से पूरा नहीं होगा। खाने-पीने में ध्यान रखें। शारीरिक, मानसिक अस्वस्थता रहेगी।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 6

भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग

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✡️तुला ✡️04-03-2021

जल्दी ही बीमारी से उबरने की संभावना है। पैसे कमाने के नए मौक़े मुनाफ़ा देंगे। आपको चिंतामुक्त होकर अपने क़रीबी दोस्तों और परिवार के बीच ख़ुशी के लम्हे तलाशने की ज़रूरत है। आपका प्यार न सिर्फ़ परवान चढ़ेगा, बल्कि नई ऊँचाइयों को भी छूएगा। दिन की शुरुआत प्रिय की मुस्कान से होगी और रात उसके सपनों में ढलेगी। दिन भर आप थोड़े सुस्त और अनमने रह सकते हैं, जिससे आपके काम की गुणवत्ता पर भी असर पड़ेगा। यात्रा के मौक़ों को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : लाल रंग

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✡️वृश्चिक 04-03-2021✡️

आज का दिन परिवार वालों के साथ बितेगा। अगर आपका बच्चा परीक्षा में बहुत अच्छा न कर सके तो उसे फटकारें नहीं, बल्कि अगली बार बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करें। आज दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ टाइम स्पेंड करने की संभावना बन रही हैं। आज आराम के लिए बहुत कम समय है, क्योंकि पेंडिंग काम को पूरा करने के लिए आपको काफी मेहनत करनी पड़ेगी । आज आप चाहें तो परेशानियों को मुस्कुराकर दरकिनार कर सकते हैं। गाय को रोटी खिलाने से आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर

भाग्यशाली संख्या : 3

भाग्यशाली रंग : पीला रंग

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✡️धनु 04-03-2021✡️

आज आपकी रचनात्मक और कलात्मक शक्तियों में वृद्धि होगी। मानसिक रूप से आज आप वैचारिक स्थिरता की अनुभूति करेंगे, जिसके परिणामस्वरुप आप लगन के साथ काम कर पाएंगे। आज आप आर्थिक योजना बना सकेगें और परिवार की जरूरतें भी पूरी करेंगे। आप में से कुछ लोग आज रिश्तेदारों या दोस्तों के साथ अच्छा दिन बिताएंगे। प्यार के मोर्चे पर कुछ प्रयास करने से भाग्य का भी साथ मिलने की संभावना है। स्वास्थ को नजरअंदाज करना मंहगा पड़ सकता है। महत्वपूर्ण काम करने से आपको थकान महसूस होगी।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 1

भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग

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✡️मकर 04-03-2021✡️

आर्थिक तौर पर बेहतरी के चलते आपके लिए ज़रूरी चीज़ें ख़रीदना आसान होगा। आपके व्यक्तिगत जीवन में कुछ महत्वपूर्ण घटित होगा, जो आपके और आपके परिवार के लिए प्रसन्नता लेकर आएगा। सावधान रहें, कोई आपसे दिल्लगी या फ़्लर्ट करके अपना उल्लू सीधा कर सकता है। अगर आप कामकाज के लिए ज़रूरत से ज़्यादा दबाव बनाएंगे तो लोग भड़क सकते हैं कोई भी फ़ैसला लेने से पहले दूसरों की ज़रूरतों को समझने की कोशिश करें। आप जिस प्रतियोगिता में भी क़दम रखेंगे, आपका प्रतिस्पर्धी स्वभाव आपको जीत दिलाने में सहयोग देगा।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 4

भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग

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✡️कुंभ 04-03-2021✡️

आज का दिन धार्मिक कार्यों में बीतेगा। आज आप भजन-कीर्तन में शामिल होने की योजना बनाऐंगे। इस राशि के लोगों को अपनी सेहत का ध्यान रखने की ज़रूरत है। आज लवमेट का दिन रोमांस से भरपूर होने की संभावना है। आज दफ़्तर में मशीनों की ख़राबी परेशानी का सबब बन सकती है। अगर आप किसी परिस्थिति से घबराकर भागेंगे, तो वह आपका पीछा नहीं छोड़ेगी, बेहतर हैं उसको उसी टाइम सॉल्व करें। घर से बाहर निकलते समय दही और शक्कर खाकर निकलने से आपके सारे काम होंगे।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 9

भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग

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✡️मीन 04-03-2021✡️

सिर्फ एकाग्रता के दम पर आज आप बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। लगातार यही ध्यान रखें कि आपका लक्ष्य क्या है और उसे कैसे पूरा किया जा सकता है। बातचीत, यात्रा और शिक्षा के मामले आपके लिए खास रहेंगे। किसी करीबी व्यक्ति के साथ रिश्ते सुधर जाएंगे। भविष्य को लेकर जो आशंका है, उस पर अपने दोस्तों से बात करें। कोई समाधान मिल जाएगा। दोस्तों और परिवार का सहयोग मिलेगा। कार्यक्षेत्र में सफलता भी मिलेगी। अपने मन की शांति ऐसे ही बनाए रखें जिससे आपके परिवार में आनंदमय वातावरण बना रहेगा। आराम करने की जरूरत है।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 1

भाग्यशाली रंग : हल्का लाल

✍️✡️ पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली✡️ फलित ज्योतिष शास्त्री ✡️जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून✡️ मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल✡️ उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631✡️

हरिद्वार महाकुंभ में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की पेशवाई में सम्मलित हुए मुख्यमंत्री, कहा महाकुम्भ में संतों के दर्शन मात्र से ही जीवन धन्य हो जाता है। 

*मंत्रों से दिव्य शक्ति कैसे आती है आओ जानें।

how divine power and medicine comes from mantras, come and learn

मनचाही वस्तु प्राप्ति और इच्छा पूर्ति के लिए मंत्र जप से अधिक अच्छा साधन कोई और नहीं है। सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र सबसे दिव्य और चमत्कारी है।
कुछ मंत्र जप एक ऐसा उपाय है जिससे माना जाता है कि कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। मंत्रों की शक्ति से सभी भलीभांति परिचित हैं। मनचाही वस्तु प्राप्ति और इच्छा पूर्ति के लिए मंत्र जप से अधिक अच्छा साधन कोई और नहीं है। सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र सबसे दिव्य और चमत्कारी है। इस जप से बहुत जल्द परिणाम प्राप्त हो जाते हैं। गायत्री मंत्र विद्या का प्रयोग भगवान की भक्ति, ब्रह्मज्ञान प्राप्ति, दैवीय कृपा प्राप्त करने के साथ ही सांसारिक एवं भौतिक सुख-सुविधाओं, धन प्राप्त करने की इच्छा के लिए भी किया जा सकता है।

 

शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र को वेदों को सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है। इस मंत्र जप के लिए तीन समय बताए गए हैं। पहला सुबह सुर्योदय, मंत्र जप के लिए दूसरा समय है दोपहर मध्यान्ह का। तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए। इन तीन समय के अतिरिक्त यदि गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से जप करना चाहिए।
गायत्री मंत्र:-
ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो न: प्रचोदयात्।

मंत्र का अर्थ:
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते है, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
शास्त्रों में इसके जाप की विधि विस्तृत रूप से दी गई हैं। इस मंत्र को जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है। इस के जप से उत्साह एवं सकारात्मकता, त्वचा में चमक आती है, तामसिकता से घृणा होती है, परमार्थ में रूचि जागती है, पूर्वाभास होने लगता है, आर्शीवाद देने की शक्ति बढ़ती है, नेत्रों में तेज आता है, स्वप्र सिद्धि प्राप्त होती है, क्रोध शांत होता है, ज्ञान की वृद्धि होती है।

विद्यार्थीयों के लिए-
गायत्री मंत्र का जप सभी के लिए उपयोगी है किंतु विद्यार्थियों के लिए तो यह मंत्र बहुत लाभदायक है। रोजाना इस मंत्र का एक सौ आठ बार जप करने से विद्यार्थी को सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। विद्यार्थियों को पढऩे में मन नहीं लगना, याद किया हुआ भूल जाना, शीघ्रता से याद न होना आदि समस्याओं से निजात मिल जाती है।

दरिद्रता के नाश के लिए-
यदि किसी व्यक्ति के व्यापार, नौकरी में हानि हो रही है या कार्य में सफलता नहीं मिलती, आमदनी कम है तथा व्यय अधिक है तो उन्हें गायत्री मंत्र का जप काफी फायदा पहुंचाता है। शुक्रवार को पीले वस्त्र पहनकर हाथी पर विराजमान गायत्री माता का ध्यान कर गायत्री मंत्र के आगे और पीछे श्रीं सम्पुट लगाकर जप करने से दरिद्रता का नाश होता है।

संतान संबंधी परेशानियां
किसी दंपत्ति को संतान प्राप्त करने में कठिनाई आ रही हो या संतान से दुखी हो अथवा संतान रोगग्रस्त हो तो प्रात: पति-पत्नी एक साथ सफेद वस्त्र धारण कर यौं बीज मंत्र का सम्पुट लगाकर गायत्री मंत्र का जप करें। संतान संबंधी किसी भी समस्या से शीघ्र मुक्ति मिलती है।

शत्रुओं पर विजय-
यदि कोई व्यक्ति शत्रुओं के कारण परेशानियां झेल रहा हो तो उसे प्रतिदिन या विशेषकर मंगलवार, अमावस्या अथवा रविवार को लाल वस्त्र पहनकर माता दुर्गा का ध्यान करते हुए गायत्री मंत्र के आगे एवं पीछे क्लीं बीज मंत्र का तीन बार सम्पुट लगाकार एक सौ आठ बार जाप करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। मित्रों में सद्भाव, परिवार में एकता होती है तथा न्यायालयों आदि कार्यों में भी विजय प्राप्त होती है।

विवाह कार्य में देरी-
यदि किसी भी जातक के विवाह में अनावश्यक देरी हो रही हो तो सोमवार को सुबह के समय पीले वस्त्र धारण कर माता पार्वती का ध्यान करते हुए ह्रीं बीज मंत्र का सम्पुट लगाकर एक सौ आठ बार जाप करने से विवाह कार्य में आने वाली समस्त बाधाएं दूर होती हैं। यह साधना स्त्री पुरुष दोनों कर सकते हैं।

रोग की परेशानियां-
यदि किसी रोग से परेशान है और रोग से मुक्ति जल्दी चाहते हैं तो किसी भी शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में स्वच्छ जल भरकर रख लें एवं उसके सामने लाल आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र के साथ ऐं ह्रीं क्लीं का संपुट लगाकर गायत्री मंत्र का जप करें। जप के पश्चात जल से भरे पात्र का सेवन करने से गंभीर से गंभीर रोग का नाश होता है। यही जल किसी अन्य रोगी को पीने देने से उसके भी रोग का नाश होता हैं। जो भी व्यक्ति जीवन की समस्याओं से बहुत त्रस्त है यदि वह यह उपाय करें तो उसकी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। उपाय इस प्रकार है पीपल, शमी, वट, गूलर, पाकर की समिधाएं लेकर एक पात्र में कच्चा दूध भरकर रख लें एवं उस दूध के सामने एक हजार गायत्री मंत्र का जाप करें। इसके बाद एक-एक समिधा को दूध में छुआकर गायत्री मंत्र का जप करते हुए अग्रि में होम करने से समस्त परेशानियों एवं दरिद्रता से मुक्ति मिल जाती है।
किसी भी शुभ मुहूर्त में दूध, दही, घी एवं शहद को मिलाकर एक हजार गायत्री मंत्रों के साथ हवन करने से चेचक, आंखों के रोग एवं पेट के रोग समाप्त हो जाते हैं। इसमें समिधाएं पीपल की होना चाहिए। गायत्री मंत्रों के साथ नारियल का बुरा एवं घी का हवन करने से शत्रुओं का नाश हो जाता है। नारियल के बुरे मे यदि शहद का प्रयोग किया जाए तो सौभाग्य में वृद्धि होती हैं।

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*नारी गहने क्यों पहनती है ?????*

भगवान राम ने धनुष तोड दिया था, सीताजी को सात फेरे लेने के लिए सजाया जा रहा था तो वह अपनी मां से प्रश्न पूछ बैठी, ‘‘माताश्री इतना श्रृंगार क्यों ?’’
‘‘बेटी विवाह के समय वधू का 16 श्रृंगार करना आवश्यक है, क्योंकि श्रृंगार वर या वधू के लिए नहीं किया जाता, यह तो आर्यवर्त की संस्कृति का अभिन्न अंग है?’’ उनकी माताश्री ने उत्तर दिया था।
‘‘अर्थात?’’ सीताजी ने पुनः पूछा, ‘‘इस मिस्सी का आर्यवर्त से क्या संबंध?’’
‘‘बेटी, मिस्सी धारण करने का अर्थ है कि आज से तुम्हें बहाना बनाना छोड़ना होगा।’’
‘‘और मेहंदी का अर्थ?’’
मेहंदी लगाने का अर्थ है कि जग में अपनी लाली तुम्हें बनाए रखनी होगी।’’
‘‘और काजल से यह आंखें काली क्यों कर दी?’’
‘‘बेटी! काजल लगाने का अर्थ है कि शील का जल आंखों में हमेशा धारण करना होगा अब से तुम्हें।’’
‘‘बिंदिया लगाने का अर्थ माताश्री?’’
‘‘बेंदी का अर्थ है कि आज से तुम्हें शरारत को तिलांजलि देनी होगी और सूर्य की तरह प्रकाशमान रहना होगा।’’
‘‘यह नथ क्यों?’’
‘‘नथ का अर्थ है कि मन की नथ यानी किसी की बुराई आज के बाद नहीं करोगी, मन पर लगाम लगाना होगा।’’
‘‘और यह टीका?’’
‘‘पुत्री टीका यश का प्रतीक है, तुम्हें ऐसा कोई कर्म नहीं करना है जिससे पिता या पति का घर कलंकित हो, क्योंकि अब तुम दो घरों की प्रतिष्ठा हो।’’
‘‘और यह बंदनी क्यों?’’
‘‘बेटी बंदनी का अर्थ है कि पति, सास ससुर आदि की सेवा करनी होगी।’’
‘‘पत्ती का अर्थ?’’
‘‘पत्ती का अर्थ है कि अपनी पत यानी लाज को बनाए रखना है, लाज ही स्त्री का वास्तविक गहना होता है।’’
‘‘कर्णफूल क्यों?’’
‘‘हे सीते! कर्णफूल का अर्थ है कि दूसरो की प्रशंसा सुनकर हमेशा प्रसन्न रहना होगा।’’
‘‘और इस हंसली से क्या तात्पर्य है?’’
‘‘हंसली का अर्थ है कि हमेशा हंसमुख रहना होगा सुख ही नहीं दुख में भी धैर्य से काम लेना।’’
‘‘मोहनलता क्यों?’’
‘‘मोहनमाला का अर्थ है कि सबका मन मोह लेने वाले कर्म करती रहना।’’
‘‘नौलखा हार और बाकी गहनों का अर्थ भी बता दो माताश्री?’’
‘‘पुत्री नौलखा हार का अर्थ है कि पति से सदा हार स्वीकारना सीखना होगा, कडे का अर्थ है कि कठोर बोलने का त्याग करना होगा, बांक का अर्थ है कि हमेशा सीधा-सादा जीवन व्यतीत करना होगा, छल्ले का अर्थ है कि अब किसी से छल नहीं करना, पायल का अर्थ है कि बूढी बडियों के पैर दबाना, उन्हें सम्मान देना क्योंकि उनके चरणों में ही सच्चा स्वर्ग है और अंगूठी का अर्थ है कि हमेशा छोटों को आशीर्वाद देते रहना।’’
‘‘माताश्री फिर मेरे अपने लिए क्या श्रंृगार है?’’
‘‘बेटी आज के बाद तुम्हारा तो कोई अस्तित्व इस दुनिया में है ही नहीं, तुम तो अब से पति की परछाई हो, हमेशा उनके सुख-दुख में साथ रहना, वही तेरा श्रृंगार है और उनके आधे शरीर को तुम्हारी परछाई ही पूरा करेगी।’’
‘‘हे राम!’’ कहते हुए सीताजी मुस्करा दी। शायद इसलिए कि शादी के बाद पति का नाम भी मुख से नहीं ले सकेंगी, क्योंकि अर्धांग्नी होने से कोई स्वयं अपना नाम लेगा तो लोग क्या कहेंगे.. 🙏

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