आज का पंचाग, आपका राशि फल, संकल्प से कार्य सिद्धि तक की यात्रा ही सफलता है

 जीवन में पूर्ण सफलता के लिए विद्यार्थी जीवन में ही अवश्य करें मां शारदे की उपासना तभी मिलती है पूरी सफलता। छात्रों के कक्ष में मां शारदा सरस्वती की एक फोटो अवश्य लगायें। 

📖 *नीतिदर्शन…………………*✍🏿
*मत्तः प्रमत्तः उन्मत्तः श्रान्तः क्रुद्धो: बुभुक्षितः।*
*त्वरमाणश्च लुब्धश्च भीतः कामी च ते दशः।।*
*दश धर्मं न जानन्ति………..।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 नशेमें मतवाला, असावधान, पागल, थका हुआ, क्रोधी, भूखा, जल्दबाज, लोभी, भयभीत और कामी– ये दस प्रकारके लोग धर्मको नहीं जानते।
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐

 🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| शिशिर ऋतु || माघ शुक्लपक्ष || त्रयोदशी तिथि अपराह्न ५:१९ तक उपरान्त चतुर्दशी || गुरुवासर || फाल्गुन सौर १४ प्रविष्टा || तदनुसार २५ फरवरी २०२१ ई० || नक्षत्र पुष्य अपराह्न ०१:१५ तक उपरान्त सर्प || कर्कस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐*⛳

☸️दैनिक पंचांग☸️

✡️Date :25 – 02 – 2021(गुरुवार)✡️
सूर्योदय :06.55 am
सूर्यास्त :06.24 pm
सूर्य राशि :कुंभ
चन्द्रोदय :04.32 pm
चंद्रास्त :06.13 am
चन्द्र राशि :कर्क
✡️विक्रम संवत ✡️2077✡️
✡️फाल्गुन मासे ✡️
✡️14 प्रविष्टे गते ✡️
अमांत महीना :माघ 14
पूर्णिमांत महीना :माघ 28
पक्ष :शुक्ल 13
तिथि :त्रयोदशी 5.19 pm तक, बाद में चतुर्दशी
नक्षत्र :पुष्य 1.17 pm तक, बाद में आश्लेषा
योग :सौभाग्य 3.09 am तक, बाद में अतिगण्ड
करण :तैतिल  5:19 pm तक, बाद में गर
राहु काल :2.11 pm – 3.51 pm
कुलिक काल :9.09 am – 10.50 am
यमगण्ड :5.48 am – 7.29 am
अभिजीत मुहूर्त :12.17 PM – 01.02 PM
दुर्मुहूर्त :10:45 am – 11:31 am, 03:20 pm – 04:06 pm

☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️
[25/2, 04:30] चक्रधर प्रसाद शास्त्री: 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ 🕉️🕉️🕉️🕉️

🕉️मेष
25-02-2021✡️

व्यस्त दिनचर्या के बावजूद स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। अपने अतिरिक्त धन को सुरक्षित जगह पर रखिए, जो आने वाले वक़्त में आप फिर पा सकें। दोस्तों का साथ राहत देगा। प्यार के मामले में आज आप ग़लत समझे जा सकते हैं। किसी नयी परियोजना पर काम करने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार लें। परोपकार और सामाजिक कार्य आज आपको आकर्षित करेंगे। अगर आप ऐसे अच्छे कामों में थोड़ा समय लगाएं, तो काफ़ी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। ऐसा लगता है कि आपका जीवनसाथी आपसे निराश है और आपको यह बात मालूम होने वाली है।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 8

भाग्यशाली रंग : नीला रंग

—————————————

🕉️वृष
25-02-2021✡️

आज आपको अपने धन पर ध्यान देना होगा और साथ ही परिवार पर भी क्योंकि ज्यादा धन के पीछे भागेंगे तो परिवार में दिक्कत आएगी इसलिए दोनों में तालमेल बिठा कर रखें। दांपत्य जीवन में थोड़ा तनाव हो सकता है। जीवनसाथी का व्यवहार आपको परेशान करेगा। परिवार में भी किसी बात को लेकर बहस बढ़ सकती है। परिवार के बुजुर्गों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। काम के सिलसिले में आपको अच्छे नतीजे मिलेंगे। आपकी इनकम में वृद्धि होगी और प्रेम जीवन के लिए आज का दिन बहुत अच्छा रहने वाला है।

भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग

————————————–

🕉️मिथुन
25-02-2021✡️

आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आपके मन में नए-नए विचार आ सकते हैं। आप काम की योजना तैयार कर सकते हैं। आपकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है। बड़े-बुजुर्गों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, साथ ही मॉर्निंग वॉक भी करते रहिये, सेहत अच्छी बनी रहेगी। आप खुद को थकान से भरा हुआ महसूस कर सकते हैं। छात्र अपने मित्रों के साथ कहीं पिकनिक मनाने जा सकते हैं। बिजनेस के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सकते हैं। मंदिर में फल दान करें, आपके भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 5

भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

—————————————

🕉️कर्क
25-02-2021✡️

कर्क राशि के लोगों को दिन भर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। वे हादसों की चपेट में आ जाएंगे। आपका स्वास्थ्य इस चरण में गंभीर चिंता का विषय है। दिनचर्या की गतिविधियों के लिए बहुत अधिक भागदौड़ रहेगी। आपके सहकर्मी आपके लिए समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी और उसके रिश्तेदारों से असहमतियां उठा सकते हैं। आपका खर्च आपकी जेब में बड़ा छेद पैदा करेगा। सप्ताह में छुट्टी वाले दिन स्मार्टफ़ोन स्क्रीन पर बॉस का नाम देखना किसे अच्छा लगता है भला? लेकिन इस बार आपके साथ यही हो सकता है।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 8

भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग

—————————————

🕉️सिंह
25-02-2021✡️

ख़ुश हो जाएं क्योंकि अच्छा समय आने वाला है और आप स्वयं में अतिरिक्त ऊर्जा का अनुभव करेंगे। आज के दिन आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मुमकिन है कि आप ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च करें या आपका बटुआ खो भी सकता है। ऐसे मामलों में सावधानी की कमी आपको नुक़सान पहुंचा सकती है। अपने बर्ताव में उदार बनें और परिवार के साथ प्यार भरे लम्हे गुज़ारें। मुहब्बत की टीस आज रात आपको सोने नहीं देगी। दफ़्तर में आपको कुछ ऐसा काम मिल सकता है, जिसे आप हमेशा से करना चाहते थे। साफ़गोई से अपने मन की बात कहने में घबराएं नहीं।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 6

भाग्यशाली रंग : गहरा लाल

—————————————

🕉️कन्या
25-02-2021✡️

आपको आज अपने काम पर विशेष ध्यान देना होगा नहीं तो नतीजे बिगड़ सकते हैं। आपके बॉस आप से अधिक काम की उम्मीद रखेंगे। परिवार का वातावरण अच्छा रहेगा। परिवार में कोई पूजा पाठ का शुभ काम हो सकता है। प्रेम जीवन जी रहे लोगों को आज निराशा हो सकती है और आपके प्रिय का स्वास्थ्य खराब हो सकता है, वह बीमार हो सकते हैं। किसी से लड़ाई झगड़ा ना करना अच्छा होगा। दांपत्य जीवन के लिए आज का दिन बहुत अच्छा रहने वाला है और आपके रिश्ते में प्यार बढ़ेगा। इंटरनेट सर्फिंग करना आपकी अंगुलियों की अच्छी वर्जिश करने के साथ-साथ आपके ज्ञान को भी बढ़ा सकता है।

 

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग

—————————————

🕉️तुला 

25-02-2021✡️

आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। किसी नये व्यवसाय में पैसा लगाने से आपको लाभ हो सकता है। ऑफिस के किसी काम में अधिक समय लग सकता है। इससे आपकी परेशानी थोड़ी बढ़ सकती है। कोर्ट-कचहरी के मामलों से दूर रहना आपके लिए बेहतर रहेगा। लवमेट कहीं घूमने की प्लानिंग कर सकते हैं। परिवार के बीच अनबन की स्थिति पैदा हो सकती है, लेकिन आपसी समझ से सब ठीक हो जाएगा। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ सकता है। आपको आलस्य महसूस हो सकता है।

भाग्यशाली दिशा : पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 5

भाग्यशाली रंग : भूरा रंग

————————————–

🕉️वृश्चिक
25-02-2021✡️

वृश्चिक राशि के लोग आज बीमार पड़ सकते हैं। कार्यक्षेत्र में आपके पास करने के लिए बहुत कुछ होगा। आप अपने पैसे को बिल्कुल बेकार वस्तुओं पर बर्बाद कर सकते हैं और बाद में पछतावा कर सकते हैं। आप धार्मिक कार्यों को करने में धन खर्च कर सकते हैं। यह वित्तीय लाभ के लिए एक अच्छा दिन होगा और अटके हुए धन का दावा करेगा। आप लोगों के साथ कठोरता से बोल सकते हैं और एक बीमार इच्छाशक्ति कमा सकते हैं। यदि आप चाहते हैं कि चीजें आपके रास्ते से हटें, तो शांत और रचित रहें। भाग्य की प्रबलता के कारण व्यापार में अच्छा लाभ होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिणपूर्व

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : लाल रंग

—————————————

🕉️धनु
25-02-2021✡️

आपका प्रतिरक्षा-तंत्र इस समय कमज़ोर है, इसलिए ज़रूरी हो तो बीमार होने से पहले ही आवश्यक दवा लें। बैंक से जुड़े लेन-देन में काफ़ी सावधानी बरतने की ज़रूरत है। परिवार के साथ सामाजिक गतिविधियों में सहभागिता काफ़ी मानसिक दबाव पैदा कर सकती है। एक प्यारी-सी मुस्कुराहट से अपने प्रेमी का दिन रोशन करें। कार्यक्षेत्र में परिस्थितिया आपके पक्ष में लगती हैं। आपके हंसने-हंसाने का अन्दाज़ आपकी सबसे बड़ी पूंजी साबित होगा। आपका वैवाहिक जीवन आपके परिवार के चलते नकारात्मकर रूप से प्रभावित हो सकता है, लेकिन आप दोनों होशियारी से चीज़ें संभाल सकते हैं।

भाग्यशाली दिशा : पूर्वोत्तर

भाग्यशाली संख्या : 4

भाग्यशाली रंग : गुलाबी रंग

—————————————

🕉️मकर
25-02-2021✡️

आज आपके खर्चों में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी जो आपको परेशान कर के रख देगी। आपका स्वास्थ्य भी पीड़ित चल रहा है इसलिए आपको अपना धन सोच समझकर खर्च करना चाहिए। आज धन निवेश करने के लिए दिन अच्छा नहीं है। हल्की-फुल्की इनकम बढ़ेगी। काम के सिलसिले में आपको सुखद नतीजे हासिल होंगे। दांपत्य जीवन के लिहाज से दिनमान थोड़ा कमजोर है लेकिन फिर भी जीवन साथी से कुछ अच्छी बातें सुनकर मन हल्का होगा। परिवार का वातावरण अच्छा रहेगा। प्रेम जीवन के लिए दिन अच्छा है।

भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : नीला रंग

—————————————

🕉️कुंभ
25-02-2021✡️

आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। शाम तक आपको कोई शुभ समाचार मिलेगा। घर में ख़ुशी का माहौल रहेगा। जीवनसाथी का पूरा साथ मिलेगा। किसी बुजुर्ग की मदद करने से आपको लाभ होगा। सेहत के मामले में आप बेहतर महसूस करेंगे। लवमेट के साथ दिन अच्छा गुजरेगा। इस राशि की महिलाएं कुछ नया पकवान बना सकती हैं। जिन लोगों से आपकी मुलाकात कभी-कभी ही होती है, उनसे संपर्क करने के लिए आज का दिन बढ़िया है। चिड़ियों को दाना डालें ,आपके जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ आयेंगी। अपने किसी खास दोस्त से अपने मन की बात करेंगे।

भाग्यशाली दिशा : दक्षिण

भाग्यशाली संख्या : 7

भाग्यशाली रंग : हरा रंग

—————————————

✡️मीन 

25-02-2021✡️

मीन राशि के लोगों को कड़ी मेहनत करनी होगी और बहुत सारी चीजों से निपटना होगा। कार्यस्थल या निजी जीवन में नई प्रतिबद्धताएं बनाने के लिए यह अच्छा दिन नहीं है। साझेदारों के बीच प्रेम और रोमांस बढ़ेगा। आपकी बचत में वृद्धि होगी। परिवार के झगड़े की संभावना है इसलिए ज्ञान और संयम बरतें। आपकी माँ का स्वास्थ्य कमजोर दिखाई देता है। यात्रा करनी पड़ सकती है। ग्रह इशारा कर रहे हैं कि धार्मिक क्रियाकलापों की अधिकता हो सकती है, मसलन आप मंदिर जा सकते हैं, दान-दक्षिणा भी संभव है और ध्यान-धारणा का अभ्यास भी किया जा सकता है।

भाग्यशाली दिशा : पूर्व

भाग्यशाली संख्या : 2

भाग्यशाली रंग : पीला रंग

✍️प्रस्तुति ————पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली

फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर 8449046631☸️☸️🌹☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️☸️🌹 🙏🏽🙏🏽

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
माघ शुक्लपक्ष त्र्योदशी गुरुवार संवत् ,२०७७,दिनांक 25 फरवरी सन् 2021 का दिन सब को शुभ एवँ मंगलमय हो
आज गुरुवार अर्थात धन वैभव के देवता भगवान कुबेर नाथ का वार है
इस धरती पर धन की महत्ता बताने।की आवश्यकता नही है,संक्षेप मे यूँ कह सकते हैं की आवश्कता अनुसार धन का प्रत्येक के पास होना परम आवश्यक है अन्यथा इस जीवन को चलाना बहुत दुष्कर कार्य होगा
धन प्राप्ति के लिये कर्म करना हमारा कर्तव्य है परन्तु सहजता से धन प्राप्ति केे लिये भगवान कुबेर नाथ का नमन कर केे इस मंंत्र का जाप करना चाहिये, ॐ श्री कुबेर देवाय नमः
*⛳🕉️जय श्री बद्रीनाथ जी🕉️⛳*

💦🍃💦🍃💦🍃💦🍃💦🍃💦🍃
*⚜️संकल्प क्या है?🌸*

*🕉️🚩कामनाओं के अनंत सागर में से किसी एक कामना का चुनाव करके उसे मूर्त रूप देने का नाम संकल्प है। इसीलिए संकल्प पूर्वक किए गए कर्म का फल अवश्य मिलता है। “मनुस्मृति” में कहा गया है-👇*
*↪️”संकल्पमूलः कामौ वै यज्ञाः संकल्प संभवाः। व्रता नियम कर्माश्च सर्वे संकल्पजाः स्मृताः।

*🌸🌼मनुष्य की समस्त कामनाओं का प्रकटीकरण संकल्प के माध्यम से होता है। सभी यज्ञ संकल्प के पश्चात ही संपन्न होते हैं। कोई भी नित्य, नैमित्तिक,काम्य, पारलौकिक, परमार्थिक, आध्यात्मिक निष्काम एवं प्रासंगिक अनुष्ठानों के पूर्व संकल्प करना अति आवश्यक है। स्थूल रूप से संकल्प में देश,काल, स्वगोत्र, कामना, संकल्पाधिष्ठित देवता, कर्तृत्व, कर्म का विशेष स्वरुप, कर्म की कालावधि, कर्मानुषंग से अन्य गौण कर्मों का उच्चार, गणेश वंदना तथा पुन्याह वाचन इन ग्यारह बातों का समावेश होता है।*

⚜️🌻संकल्प के दौरान हाथ में अक्षत लेकर अंत में “करिष्ये” बोलते समय तीन बार जल छोड़ने का विधान है। अक्षत से कर्म की अविच्छिन्नता निर्दिष्ट होती है। जल छोड़ते समय वहां जलाधिपति देवता के उपस्थित होने से वह कर्म साक्षी भूत होता है। यदि ऐसे समय आलस, अनिच्छा एवं टालमटोल आदि के कारण बीच में ही कर्म त्याग हो तो वरुण फल का हरण कर लेता है। इस संदर्भ में तैत्तिरीय ब्राह्मण का यह वचन विशेष उल्लेखनीय है-👇
*↪️”अनृते खसुवैक्रियमाणे वरुणो गृह्याति.अप्सुवै वरणः।”*

*⚜️🌺यदि संकल्प सत्य ना हो तो उस कर्म का फल वरुण हरण करता है अर्थात वह कर्म व्यर्थ हो जाता है। संकल्प के निमित्त जो जल छोड़ा जाता है उसे “उदक” कहते हैं। उसके बिना किया हुआ संकल्प सर्वथैव व्यर्थ होता है, ऐसा शास्त्र संकेत है।*
*कुछ अवसरों पर संकल्प आवश्यक होता है परंतु यदि जल मिलना असंभव हो तो नारियल या सुपारी पर हाथ रखकर अथवा तुलसी- बेलपत्र हाथ में लेकर संकल्प किया जा सकता है। यदि वह भी संभव ना हो तो केवल मानसिक संकल्प करके बाद में यथावकाश विधिवत संकल्प करें। यदि विधिवत संकल्प नहीं कर सकते तो कर्म का स्वरूप, देवता एवं कालावधि आदि का उच्चारण अपनी मातृभाषा में करके जल छोड़ना भी पर्याप्त होता है।*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें*🙏🏻
सहसा विदधीत न क्रियामविवेकः परमापदां पदम् । वृणुते हि विमृश्यकारिणं
*बोलो बजरंगबली भगवान की जय🙏🏻🚩जय सनातनधर्मरक्षकसमिति
_*⛳⚜️सनातन धर्मरक्षक समिति*_⚜⛳

*🙏🌺ॐ गं गणपते नम् 🌺🙏*
*👉सत्य की उपेक्षा न हो👇*
*डा. हार्ले ने जब सर्वप्रथम यह कहा कि रक्त नसों में भरा नहीं रहता वरन् चलता रहता है तो समकालीन चिकित्सकों ने उसे खुले आम बेवकूफ कहा। ब्रूनो ने जब अन्य ग्रहों पर भी जीवन होने की सम्भावना बताई तो लोग इतने क्रुद्ध हुए कि उसे जीवित ही जला दिया।*
*दुराग्रह के अत्याचारों का इतिहास बहुत लम्बा और बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है। पिछले दिनों यह हठवादिता बहुत चलती रही है। धर्म परम्परा, देश भक्ति, ईश्वर का आदेश आदि न जाने क्या-क्या नाम इस हठवादिता को दिये जाते हैं। और सत्य एवं धर्म की आत्मा का हनन होता रहा है। मानवी विवेक में निष्पक्ष सत्यशोधक की दृष्टि को ही प्रश्रय मिलना चाहिए। यह तभी सम्भव है जब धर्म आगे-आगे चले और विज्ञान तथ्यानुयायी बने।*
*पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य*
*🙏🌹राम राम,राधे राधे,🌹🙏*

1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब जम्मू-कश्मीर का कुल क्षेत्रफल था 2,22,236 वर्ग किलोमीटर जिसमें से चीन और पाकिस्तान ने मिलकर लगभग आधे जम्मू-कश्मीर पर कब्ज़ा किया हुआ है और भारत वर्ष के पास केवल 1,02,387 वर्ग किलोमीटर कश्मीर भूमि शेष है।

जम्मू-कश्मीर के जो भाग आज हमारे पास नहीं हैं उनमें से गिलगिट, बाल्टिस्तान, बजारत, चिल्लास, हाजीपीर आदि हिस्से पर पाकिस्तान का सीधा शासन है और मुज़फ्फराबाद, मीरपुर, कोटली और छंब आदि इलाके हालांकि स्वायत्त शासन में हैं परंतु ये इलाके भी पाक के नियंत्रण में हैं।

पाक नियंत्रण वाले इसी कश्मीर के मुज़फ्फराबाद जिले की सीमा के किनारे से पवित्र “कृष्ण-गंगा” नदी बहती है। कृष्ण-गंगा नदी वही है जिसमें समुद्र मंथन के पश्चात् शेष बचे अमृत को असुरों से छिपाकर रखा गया था और उसी के बाद ब्रह्मा जी ने उसके किनारे माँ शारदा का मंदिर बनाकर उन्हें वहां स्थापित किया था।

जिस दिन से माँ शारदा वहां विराजमान हुई उस दिन से ही सारा कश्मीर “नमस्ते शारदादेवी कश्मीरपुरवासिनी / त्वामहंप्रार्थये नित्यम् विदादानम च देहि में” कहते हुये उनकी आराधना करता रहा है और उन कश्मीरियों पर माँ शारदा की ऐसी कृपा हुई कि आष्टांग योग और आष्टांग हृदय लिखने वाले वाग्भट वहीं जन्में,नीलमत पुराण वहीं रची गई,चरक संहिता, शिव-पुराण, कल्हण की राजतरंगिणी, सारंगदेव की संगीत रत्नकार सबके सब अद्वितीय ग्रन्थ वहीं रचे गये, उस कश्मीर में जो रामकथा लिखी गई उसमें मक्केश्वर महादेव का वर्णन सर्व-प्रथम स्पष्ट रूप से आया। शैव-दार्शनिकों की लंबी परंपरा कश्मीर से ही शुरू हुई। चिकित्सा, खगोलशास्त्र, ज्योतिष, दर्शन, विधि, न्यायशास्त्र, पाककला, चित्रकला और भवनशिल्प विधाओं का भी प्रसिद्ध केंद्र था कश्मीर क्योंकि उसपर माँ शारदा का साक्षात आशीर्वाद था। ह्वेनसांग के अपने यात्रा विवरण में लिखा है शारदा पीठ के पास उसने ऐसे-ऐसे विद्वान् देखे जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती कि कोई इतना भी विद्वान् हो सकता है। शारदापीठ के पास ही एक बहुत बड़ा विद्यापीठ भी था जहाँ दुनिया भर से विद्यार्थी ज्ञानार्जन करने आते थे।

माँ शारदा के उस पवित्र पीठ में न जाने कितने सहस्त्र वर्षों से हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन एक विशाल मेला लगता था जहाँ भारत के कोने-कोने से वाग्देवी सरस्वती के उपासक साधना करने आते थे। भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि को शारदा अष्टमी इसीलिये कहा जाता था। शारदा तीर्थ श्रीनगर से लगभग सवा सौ किलोमीटर की दूरी पर बसा है और वहां के लोग तो पैदल माँ के दर्शन करने जाया करते थे।

शास्त्रों में एक बड़ी रोचक कथा मिलती है कि कथित निम्न जाति के एक व्यक्ति को भगवान शिव की उपासना से एक पुत्र प्राप्त हुआ जिसका नाम उस दम्पति ने शांडलि रखा। शांडलि बड़े प्रतिभावान था। उनसे जलन भाव रखने के कारण ब्राह्मणों ने उनका यज्ञोपवित संस्कार करने से मना कर दिया। निराश शांडलि को ऋषि वशिष्ठ ने माँ शारदा के दर्शन करने की सलाह दी और उनके सलाह पर जब वो वहां पहुँचे तो माँ ने उन्हें दर्शन दिया उन्हें नाम दिया ऋषि शांडिल्य। आज हिन्दुओं के अंदर हरेक जाति में शांडिल्य गोत्र पाया जाता है।

हिन्दू धर्म का मंडन करने निकले शंकराचार्य जब शारदापीठ पहुँचे थे तो वहां उन्हें माँ ने दर्शन दिया था और हिन्दू जाति को बचाने का आशीर्वाद भी। उन्हीं माँ शारदा की कृपा से कश्मीर के शासक जैनुल-आबेदीन का मन बदल गया था जब वो उनके दर्शनों के लिये वहां गया था और उसने कश्मीर में अपने बाप सिकंदर द्वारा किये हर पाप का प्रायश्चित किया। इतिहास की किताबों में आता है कि माँ शारदा की उपासना में वो इतना लीन हो जाता था कि उसे दुनिया की कोई खबर न होती थी।

भारत के कई हिस्सों में जब यज्ञोपवीत संस्कार होता है तो बटु को कहा जाता है कि तू शारदा पीठ जाकर ज्ञानार्जन कर और सांकेतिक रूप से वो बटुक शारदापीठ की दिशा में सात कदम आगे पढ़ता है और फिर कुछ समय पश्चात् इस आशय से सात कदम पीछे आता है कि अब उसकी शिक्षा पूर्ण हो गई है और वो विद्वान् बनकर वहां से लौट आ रहा है।

एक समय था जब ये सांकेतिक संस्कार एक दिन वास्तविकता में बदलता था क्योंकि वो बटुक शिक्षा ग्रहण करने वहीं जाता था मगर आज दुर्भाग्य से हमारी “माँ शारदा” हमारे पास नहीं है और हम उनके पास जायें ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है तो शायद अब यज्ञोपवीत की ये रस्म सांकेतिक ही रह जायेगी सदा के लिये।

हमको शारदापीठ की मुक्ति चाहिये, हमको शारदा पीठ तक जाना है, हमें दुनिया को बताना है कि “केवल शारदा संस्कृति ही कश्मीरियत” है और इसलिये शारदापीठ पर भारत का पूर्ण नियंत्रण हो ऐसी मांग उठाइये और जब तक ये नहीं होता कम से कम तब तक करतारपुर साहिब कॉरिडोर की तर्ज़ पर “शारदादेवी कॉरिडोर” अविलम्ब आरंभ हो इसकी मांग कीजिये।

मुझे शांडिल्य मुनि की तरह कृष्ण-गंगा के पवित्र तट से माँ शारदा की पुकार सुनाई दे रही है; इसलिये मैंने ये पोस्ट लिखा है, अपनी वेदना आप सबसे साँझा की है।

#22 फरवरी #1994 को संसद में POK की मुक्ति का प्रस्ताव पारित हुआ था ।

अगर यही वेदना आपकी भीहै तो इस पोस्ट को हरेक के पास आगे लेकर जाने की जिम्मेदारी आपकी है और मुझे उम्मीद है कि माँ शारदा का कोई पुत्र अपनी माँ के पुकार की अनसुनी नहीं करेगा।

“शारदापीठ मुक्ति यज्ञ” में अपनी आहुति दीजिये, ऊपर देवदूत आपका नाम स्वर्णाक्षरों में लिखने को आतुर बैठे हैं। इस हैशटैग के साथ पोस्ट को कॉपी पेस्ट करें।

#शारदापीठ_मुक्ति_यज्ञ
#शारदा_संस्कृति_ही_कश्मीरियत_है
#हमें_हमारी_माँ_वापस_लानी_ही_होगी

साभार संकलन – – ✍️हरीश मैखुरी