आज का पंचाग, आपका राशि फल, शनि मंत्र, तिलक लगाने की विधि और ध्यान यात्रा का माहात्म्य

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🍀 *श्री गणेश तिथि पंचांग* 🍀

🔅 तिथि *द्वादशी 28:20:04*
🔅 नक्षत्र भरणी 10:35:31
🔅 करण :
बव 15:10:17
बालव 28:20:04
🔅 पक्ष *शुक्ल*
🔅 योग सिद्ध 15:23:38
🔅 वार *शनिवार*

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 07:11:00
🔅 चन्द्रोदय 14:45:00
🔅 चन्द्र राशि मेष – 17:18:14 तक
🔅 सूर्यास्त 17:29:08
🔅 चन्द्रास्त 28:29:00
🔅 ऋतु शिशिर

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1942 शार्वरी
🔅 कलि सम्वत 5122
🔅 दिन काल 10:18:08
🔅 विक्रम सम्वत 2077 पौषमास
🔅 मास अमांत मार्गशीर्ष
🔅 मास पूर्णिमांत *मार्गशीर्ष*

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 *अभिजित 11:59:28 – 12:40:40*
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त :
07:11:00 – 07:52:12
07:52:12 – 08:33:25
🔅 कंटक 11:59:28 – 12:40:40
🔅 यमघण्ट 14:44:18 – 15:25:31
🔅 *राहु काल 09:45:32 – 11:02:48*
🔅 कुलिक 07:52:12 – 08:33:25
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 13:21:53 – 14:03:05
🔅 यमगण्ड 13:37:20 – 14:54:36
🔅 गुलिक काल 07:11:00 – 08:28:16
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ

☀ *26 – दिसम्बर – 2020* ☀

📖 *नीतिदर्शन……………….*✍
*काम एष क्रोध एष रजोगुणसमुद्भव:।*
*महाशनो महापाप्मा विद्ध्येनमिह वैरिणम्।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏾 ये जो कामना है, जो अपेक्षा है, जो चाह है, वही पाप का मूल कारण है। कामना के पूरा न होने पर क्रोध आता है और क्रोध में पाप हो जाता है। जितना भोग भोगते जाओगे, ये बढ़ते जायेंगे।
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष || द्वादशी तिथि || मंदवासर || पौष सौर १२ प्रविष्ठ || तदनुसार २६ दिसम्बर २०२० ई० || नक्षत्र भरणी पूर्वाह्ण १०:३८ तक उपरान्त कृत्तिका (वह्नि) || मेषस्थ चन्द्रमा अपराह्न ५:२० तक उपरान्त वृषस्थ ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

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1- 🌸 *ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।* 🌸
2- 🌸 *ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।* 🌸
3- 🌸 *ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।* 🌸
4- 🌸 *कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।* 🌸
5- 🌸 *सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।* 🌸🙏

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*आज का विचार*

✍ संबंध अंकुरित होते हैं प्रेम से !
जीविित रहते हैं संवाद से !
अनुभव होते हैं संवेदनाओं से !
जिये जाते हैं हृदय से !
मुरझा जाते हैं शंका से !
बिखर जाते हैं अंहकार से!
” यही सत्य है ” 🌹
🙏🌹 *ॐ नमः भगवते वासुदेवाय*🌹🙏शरीर में 12 स्थानों पर लगाया जाता है तिलक

अधिकतर लोग केवल माथे पर ही तिलक लगाते हैं लेकिन हिन्दू परंपरा में सिर, मस्तक, गले, हृदय, दोनों बांहों, नाभि, पीठ, दोनों बगल आदि मिलाकर शरीर के कुल 12 स्थानों पर तिलक लगाने का विधान बताया गया है।
तिलक हमेशा ईश्वर के नाम से लगाया जाता है इसलिए तिलक लगाने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।

तिलक लगाने से नजर दोष, दृष्टि दोष और उपरी हवा का प्रभाव नहीं होता। और साकारात्मक उर्जा क्षीण नहीं होती, अपितु सदा बनी रहती है। अनुभव बताते हैं कि विधिवत तिलक लगाने वाले लम्बी आयु जीते हैं और स्वस्थ रहते हैं। तिलक अपने आप में सम्मोहन है। संस्कृति है। स्त्री पुरुष सभी जातियों के मनुष्य तिलक लगा सकते हैं। बच्चों के लिए तिलक अतिरिक्त सुरक्षा चक्र का कार्य करता है। 
तिलक सदैव उत्तर दिशा की ओर मुख करके लगाना चाहिए।
प्रातः और संध्या हवन करने वालों को तिलक लगाकर ही हवन करना चाहिए। बिना तिलक के फल प्राप्त नहीं होता है।
श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, हल्दी, भस्म, आदि का तिलक करना शुभ है।
भस्म से त्रिपुंड नहीं लगाना चाहिए।

तिलक सदैव ललाट बिंदु यानि बिलकुल भौहों के मध्य भाग में ही लगाना चाहिए।
भगवान को तिलक हमेशा अनामिका उंगली से लगाया जाता है। इस उंगली से तिलक लगाने से शांति मिलती है।
मध्यमा से तिलक लगाने से आयु वृद्धि होती है।
अंगूठे से तिलक करना पुष्टिदायक है।
शुभ और वैदिक कार्यों में अनामिका उंगली से तिलक किया जाता है।
पितृ कार्यों में तिलक के लिए मध्यमा उंगली का प्रयोग करते हैं।
ऋषि कार्यों में कनिष्ठिका यानि सबसे छोटी उंगली से तिलक करते हैं।
तंत्र पूजा में तिलक के लिए तर्जनी उंगली का प्रयोग किया जाता है।

आज की ध्यान यात्रा में जो हमें दिखाई दिया। भगवती सृष्टि रूपा हैं। लक्ष्मी योग माया रूपा हैं समस्त संसार उन्हीं के आलोक से शोभायमान है। माता अनुसुइया ब्रह्म रूपा और आदिशक्ति हैं। माता सरस्वती वेद रूपा हैं। हनुमानजी शिवरूप हैं। श्रीकृष्ण योग रूप श्री चक्रधारी हैं। और हमारे ईष्टदेव शांत भैरवरुप हैं जो छत्रछाया हैं। बद्रीनारायण जी ध्यानरुप में जगदीश्वर हैं, कल्पेश्वर जी कल्याणकारी रूप हैं। वैष्णव माता मंदिर में तीनों देवियाँ एकसाथ दिव्य चांदी के वस्त्र धारण किए वरदमुद्रा में हैं। मदमहेश्वर में भगवान समाधि रूप में हैं। रूद्रनाथ में नटराज रूप में हैं। तुंगनाथ में अर्धनारीश्वर रूप में। जय नारायण जी की सरकार । भक्ति में साधकों को ब्रह्ममुहूर्त में मन से ध्यान यात्रा अवश्य करनी चाहिए 💐🙏🕉️✡️

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🌈ओवरईटिंग भी हानिकारक है 🎃

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🌹ओवरईटिंग करना हेल्थ के लिए हार्मफुल होता है। लेकिन सर्द मौसम में ज्यादातर लोग ओवरईटिंग कर लेते हैं। लगातार ओवरईटिंग से कई बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अपनी डाइट पर कंट्रोल बहुत जरूरी है।

🌺सर्दियों में भूख ज्यादा लगती है। इसीलिए कई लोग ओवरईटिंग करने लगते हैं। महिलाएं भी ऐसा करती हैं, नित्य उतना ही खाएं, जितना शरीर लिए आवश्यक है। ओवरईटिंग करने से आप कई बीमारियों की शिकार हो सकते हैं।

🌺बढ़ता है वेट

🌹सर्दियों में भूख लगने पर खाने के लिए लोग अपने घरों में कई तरह के हैवी-स्पाइसी स्नैक्स बनाकर रख लेते हैं। फास्ट फूड भी ज्यादा खाते हैं। ऐसा करने से आपका वजन तेजी से बढ़ने लगेगा। इसलिए भूख लगने पर आप हमेशा फास्ट-फूड या किसी दूसरे अनहेल्दी फूड आइटम्स को ना खाएं। आप चाहें तो भूख को मिटाने के लिए पानी पी सकती हैं। जूस या सूप ले सकती हैं। इसके अलावा कुछ हेल्दी फूड्स खा सकती हैं।

🌹 एसिडिटी

🌺ओवरईटिंग, हमारे डाइजेशन सिस्टम को वीक कर देती है। इसलिए हमेशा कुछ न कुछ खाते रहना ठीक नहीं होता है। क्योंकि जब हम ज्यादा खाते हैं, तो खाना अच्छे से डाइजेस्ट नहीं हो पाता है। इसकी वजह से एसिडिटी की समस्या होने लगती है। आपको कब्ज की दिक्कत भी हो सकती है।

🌹एलर्जी

🌺सर्दियों में लोग अपनी डाइट में अंडा, दूध, मछली और घी जैसे आइटम शामिल कर लेते हैं। लेकिन इनकी ओवरईटिंग बिल्कुल न करें। इससे आपको एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए आप इनको सिर्फ उतना ही खाएं, जितना जरूरी हो।

🌹किडनी प्रॉब्लम

🌹हमारे शरीर को बैलेंस्ड न्यूट्रीशन की जरूरत होती है। इसलिए हमेशा बैलेंस्ड डाइट ही लेनी चाहिए। जो लोग ज्यादा मात्रा में प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट लेते हैं, उनको किडनी में पथरी की समस्या हो सकती है।

🌺इससे बचने के लिए आप हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। इन्हें भी फॉलो करें

🌺- हेल्दी रहने के लिए ओवरईटिंग से बचने के साथ ही रेग्युलर एक्सरसाइज, वॉक जरूर करें। –

🌹सर्दी में अगर आप ज्यादा पानी नहीं पी पाती हैं, तो आप दूसरी तरह के लिक्विड जैसे सूप, दूध, जूस और नारियल पानी पी सकती हैं।

🌺 डाइट हो ऐसी डाइटीशियन डॉ़ सुगीता मुटरेजा का कहना है सर्दियों में हरी सब्जियों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इससे आपका वेट कंट्रोल में रहेगा। आप बिल्कुल हेल्दी भी रहेंगी।

🌺इसके साथ ही विटामिन सी वाले फल नित्य खाएं, इससे आप इस मौसम में होने वाले कॉमन इंफेक्शंस से बची रहेंगी।

🌺दाल, सब्जी में अधिक गर्म मसाले शामिल न करें।

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