आज का पंचाग आपका राशि फल, ये था स्वामी विवेकानंद का शिकागो में दिया गया ऐतिहासिक भाषण, रक्तचाप नियंत्रण का आयुर्वेदिक उपचार

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, ११ सितंबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:०७
सूर्यास्त: 🌅 ०६:२७
चन्द्रोदय: 🌝 १०:१५
चन्द्रास्त: 🌜२१:२६
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पञ्चमी (१९:३७ तक)
नक्षत्र 👉 स्वाती (११:२३ तक)
योग 👉 इन्द्र (१४:४२ तक)
प्रथम करण 👉 बव (०८:४७ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (१९:३७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 वृश्चिक (२९:१२ से)
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४८ से १२:३८
अमृत काल 👉 २५:३६ से २७:०६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:५९ से ११:२३
रवियोग 👉 ११:२३ से ३०:००
विजय मुहूर्त 👉 १४:१८ से १५:०८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१५ से १८:३९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५० से २४:३७
राहुकाल 👉 ०९:०६ से १०:४०
राहुवास 👉 पूर्व
गुलिक काल 👉 ०५:५९ से ०७:३३
यमगण्ड 👉 १३:४७ से १५:२०
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर २८:१३ से)
शिववास 👉 कैलाश पर (१९:३७ नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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ऋषिपंचमी (गर्ग-अंगीरा ऋषि) जयन्ती,
विवाहादि मुहूर्त (हिमाचल, पंजाब, कश्मीर, हरियाणा) आदि के लिये तुला-वृश्चिक लग्न प्रातः ०६:५६ से ११:२२ तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ+व्यवसाय आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:४५ से ०९:१७ तक, गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः ११:५८ से दोपहर १२:४८ तक, उद्योग-मशीनिरी आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०७:१५ से ०९:१७ तक, वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:२३ से सायं ०५:०२ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ११:२३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
स्वाति नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (रो, ता) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (ती, तू, ते) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – २८:०९ से ०६:२८
कन्या – ०६:२८ से ०८:४६
तुला – ०८:४६ से ११:०७
वृश्चिक – ११:०७ से १३:२६
धनु – १३:२६ से १५:३०
मकर – १५:३० से १७:११
कुम्भ – १७:११ से १८:३७
मीन – १८:३७ से २०:००
मेष – २०:०० से २१:३४
वृषभ – २१:३४ से २३:२९
मिथुन – २३:२९ से २५:४४
कर्क – २५:४४ से २८:०५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:५९ से ०६:२८
चोर पञ्चक – ०६:२८ से ०८:४६
शुभ मुहूर्त – ०८:४६ से ११:०७
रोग पञ्चक – ११:०७ से ११:२३
शुभ मुहूर्त – ११:२३ से १३:२६
मृत्यु पञ्चक – १३:२६ से १५:३०
अग्नि पञ्चक – १५:३० से १७:११
शुभ मुहूर्त – १७:११ से १८:३७
रज पञ्चक – १८:३७ से १९:३७
शुभ मुहूर्त – १९:३७ से २०:००
शुभ मुहूर्त – २०:०० से २१:३४
रज पञ्चक – २१:३४ से २३:२९
शुभ मुहूर्त – २३:२९ से २५:४४
चोर पञ्चक – २५:४४ से २८:०५
शुभ मुहूर्त – २८:०५ से ३०:००
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप यदि लक्ष्य बनाकर कार्य करेंगे तो सोची हुई योजनाएं अवश्य ही सफल होंगी आर्थिक लाभ पाने के लिए आज दिन के आरंभ से ही जोड़-तोड़ करना आरंभ करेंगे आज मन में अनैतिक साधनों से धन कमाने के विचार भी आएंगे मार्ग सही हो या गलत हो इस का आपके ऊपर प्रभाव नहीं पड़ेगा दोपहर बाद का समय कार्य व्यवसाय के लिए विशेष अनुकूल है इसका उचित लाभ उठाएं आज भागीदारी के कार्यों की अपेक्षा अपने बल पर किया कार्य तुरंत एवं आशाजनक लाभ देगा भागीदारों अथवा पति पत्नी के बीच किसी गलतफहमी को लेकर झगड़ा होने की संभावना है दुर्व्यसनों से आज दूर ही रहें अन्यथा मानहानि के साथ कोर्ट कचहरी की नौबत भी आ सकती है घुटने कमर अथवा अन्य शरीर के जोड़ों में दर्द के कारण थोड़ी परेशानी होगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए व्यावसायिक दृष्टिकोण से शुभ फलदाई है पूर्व में मिली असफलता अथवा किसी पुराने प्रसंग को लेकर दिमाग गरम रहेगा अपनी असफलताओं का ठीकरा परिजनों पर उतारने के कारण घर का वातावरण भी अशांत करेंगे आज किसी कुटुंबी जन्म से लगाई आशा अचानक टूटने पर धैर्य पर नियंत्रण खो सकते हैं महिलाएं आज विशेष करो वाणी एवं व्यवहार पर नियंत्रण रखें अन्यथा बात का बतंगड़ बनते देर नहीं लगेगी कार्यक्षेत्र पर आज कई दिनों की मंदी टूटेगी मध्यान्ह के आस-पास आकस्मिक लाभ होने की संभावना है कारोबारियों को कोई नया लंबे समय तक लाभ देने वाला सौदा हाथ लगने की संभावना है लेकिन दिमाग की गर्मी यहां भी रुकावट डाल सकती है इसका विशेष ध्यान रखें यात्रा आज अति आवश्यक होने पर ही करें अक्समात चोट लगने अथवा अधिक रक्त बहने के कारण कमजोरी आने की संभावना है किसी भी प्रकार की शल्य चिकित्सा आज ना कराएं।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन बीते कल की तुलना में आरामदायक रहेगा बुद्धि विवेक आने से पूर्व में की गई गलतियों का पश्चाताप करें लेकिन स्वभाव में थोड़ा अहम रहने के कारण जल्दी से गलती नहीं मानेंगे कार्यक्षेत्र पर आज ले देकर काम निकालना पड़ेगा जिस काम से लाभ की संभावना रहेगी उसी में बाद में हानी उठानी पड़ सकती है धन का निवेश अनुभवों की सलाह के बाद ही करें अन्यथा दो-तीन दिन के लिए टालना ही बेहतर रहेगा नौकरीपेशा जातक आज कार्य क्षेत्र पर बेवजह टकराव से बचें किसी अन्य की गलती आपके साथ आने पर क्रोध आएगा फिर भी धैर्य का परिचय दें अन्यथा बेवजह की मुश्किलें होंगी धन की आमद सामान्य रहेगी लेकिन आज आवश्यकता पड़ने पर किसी से कर्ज लेने की संभावना है दांपत्य जीवन में थोड़ी बहुत गर्मागर्मी के बाद शांति स्थापित होगी खानपान में संयम बरतने पर पेट में कब्ज दर्द गैस की शिकायत हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आप की आशाओं के विपरीत रहने वाला है दिन के आरंभिक भाग को छोड़ के समय व्यथा भ्रमण आर्थिक कारणों से मानसिक क्लेश एवं प्रियजनों का विरोध देखना पड़ेगा कार्यक्षेत्र पर आज पूर्व में लिए किसी निर्णय तुम्हें हानि हो सकती है जिसके कारण मन कुछ समय के लिए शोक में डूबा रहेगा आज आर्थिक व्यवहार सोच समझकर ही करें उधार किसी को भूलकर भी ना दें अन्यथा वसूली नहीं कर पाएंगे दांपत्य जीवन में आज अधिक उतार-चढ़ाव देखना पड़ेगा आपके उद्दंड व्यवहार के कारण जीवन साथी को कष्ट होगा व्यवहार में नरमी लाएं अन्यथा किसी प्रियजन से संबंध विच्छेद हो सकता है वैष्णो से आज दूर ही रहें अन्यथा लंबे समय के शारीरिक एवं मानसिक कष्ट भोगने पड़ेंगे धन की आमद न्यून रहेगी इसके विपरीत खर्च बड़े चढ़े रहेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपको सुख एवं सम्मान की प्राप्ति कराएगा आज जिन कामों को करने से अन्य लोग संकोच करेंगे आपको उन्हीं कामों को करने में आनंद आएगा कार्यक्षेत्र पर आज अनिश्चितता रहेगी धन की आमद अचानक एवं आवश्यकता से कम ही होगी लेकिन किसी पुराने कार्य के पूर्ण होने से मन में संतोष होगा निकट भविष्य में आय के नए स्रोत बनेंगे आज सरकारी कार्यों को अविलंब पूरा करने का प्रयास करें अन्यथा बाद में आज ऐसी सुविधा नहीं मिल पाएगी अधिकारी आज आप पर मेहरबान रहेंगे पारिवारिक वातावरण आनंददायक रहेगा किसी मित्र रिश्तेदार के शुभ आयोजन में सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा उपहार सम्मान का आदान-प्रदान होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिए विपरीत फलदाई है लेकिन आज स्वभाव से जिद को दूर रखना पड़ेगा अन्यथा आप जिस लाभ के अधिकारी हैं उस में कुछ ना कुछ कमी अवश्य आएगी आज आपके व्यवहार में दिखावा अधिक रहेगा केवल खाना पूर्ति के लिए ही अन्य लोगों से बात करेंगे मंगल एवं केतु गोचर में आपकी राशि से अष्टम है लंबी यात्रा अथवा मशीनरी कार्यों में अतिरिक्त सावधानी बरतें शारीरिक कष्ट होने की संभावना है कार्य क्षेत्र पर आज आप केवल अपने मन की ही करेंगे इसके कारण सहकर्मी को परेशानी होगी धन की आमद परिश्रम के बाद भी सामान्य से कम रहेगी दांपत्य जीवन में उतार चढ़ाव देखना पड़ेगा जीवनसाथी को शारीरिक कष्ट रहने के कारण मानसिक रूप से हिम्मत देने का प्रयास करें। आज क्रोध में आकर आपके द्वारा किसी बड़े बुजुर्ग तापमान हो सकता है क्रोध पर संयम रखें अन्यथा आगे परिस्थितियां मुश्किल भरी होंगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आर्थिक विषयों को छोड़ अन्य सभी प्रकार से सभी कार्यों में आपकी आशा के अनुकूल रहेगा दिन का आरंभ परिजनों के साथ मौज मस्ती का वातावरण मिलने से मानसिक रूप से शांति भरा रहेगा कार्यक्षेत्र पर पूर्व में की गई मेहनत आज आर्थिक रुप से फलित होगी लेकिन जितना आपने विचार किया था उससे कम ही रहेगी आज कोई पुराना उधार वापस मिलने की संभावना भी है संध्या काल कार्यक्षेत्र पर अक्समात व्यस्तता बढ़ेगी इस कारण अत्यंत थकान अनुभव करेंगे परिवार एवं दांपत्य में छोटी मोटी नोकझोंक लगी रहेगी इसका मुख्य कारण संतान हो सकती है आज यात्रा का मन बना रहे हैं तो इसे एक बार विचार अवश्य करें व्यवसाय की यात्रा को छोड़ अन्य यात्रा हानिकारक ही रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन की परिस्थितियां हानिकारक बनी हुई है आज आप जिस के कार्य को हाथ में लेके अथवा जो भी नया कार्य आरंभ करने का मन बनाएंगे उसमें कोई ना कोई बाधा अवश्य आएगी विशेषकर आज धन की कमी प्रत्येक क्षेत्र में खलेगी मध्यान्ह की बात परिस्थिति में थोड़ा सुधार आएगा दूर रहने वाले परिजन अथवा किसी अन्य व्यवहार से कामना पूर्ति होने पर कुछ राहत अनुभव करेंगे संध्या बाद से परिस्थितियां आप की पकड़ में आने लगेगी मित्र परिचितों से शुभ समाचार की प्राप्ति होती है संतानों से नरमी से पेश आएं अन्यथा मानहानि हो सकती है नेत्रों में जलन पित के कारण खट्टी डकारें अथवा बुखार होने की संभावना है। अजय धन संबंधित वायदे किसी से भी ना करें आवश्यक कार्यों के लिए कल की प्रतीक्षा करना हितकर रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन वैसे तो आप प्रत्येक क्षेत्र में बुद्धि विवेक एवं धैर्य का परिचय देंगे लेकिन कुछेक घरेलू मामलों में धैर्य नहीं रख पाएंगे विशेषकर आज माता से किसी बात पर कहा सुनी हो सकती है सार्वजनिक क्षेत्र पर शक्ति में वृद्धि होगी लेकिन आप बुद्धि विवेक से एवं भाई बंधुओं के सहयोग से इन पर विजय पा लेंगे। कार्यक्षेत्र पर दिन के आरंभ में मंदी रहेगी लेकिन धीरे धीरे गति आने से आवश्यकतानुसार धन लाभ हो जाए आज दिन ठीक-ठाक ही है फिर भी किसी के बहकावे अथवा कही सुनी बातों में ना आएं सरकारी कार्य में अवरोध आएंगे इसलिए आज इन्हें टालने का ही प्रयास करें आशा अधिकारी के कार्य में निवेश से बचें घर परिवार एवं दांपत्य में मिलाजुला फल मिलेगा बाहर की अपेक्षा घर में अधिक शांति अनुभव करेंगे सिर अथवा बदन दर्द की शिकायत हो सकती धारदार हथियारों के प्रयोग में सावधानी बरतें। विपरीतलिंगी आकर्षण अधिक रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए शुभ फलदाई है आज दिन के पहले भाग में जिस मनोकामना को लेकर कार्य करेंगे मध्यान्ह बाद उसके पूर्ण होने पर उत्साह बढ़ेगा आज आप को पूर्व में लिए किसी निर्णय पर संतोष होगा कार्य व्यवसाय मैं दिन भर रुक रुक कर धन की आमद होती रहेगी इसकी तुलना में खर्च आज सोच समझकर ही करेंगे लेकिन निकट भविष्य में किसी महत्वपूर्ण कार्य पर अधिक खर्च करने की योजना बनेगी किसी मित्र परिचित के शुभ आयोजनों में सम्मिलित होने का योग बन रहा है लेकिन आज आप स्वयं धर्म एवं आध्यात्मिक कार्य में व्यवहारिकता मात्र ही रखेंगे परिवार का वातावरण रुठा हुआ रहेगा माता-पिता अथवा भाई-बंधुओं से सुख की प्राप्ति अवश्य होगी लेकिन कलह क्लेश के बाद ही छाती अथवा गले में संक्रमण होने से का कफ एवं जलन की समस्या रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपको मिला जुला फल देगा दिन का प्रथम भाग तो शांति से व्यतीत हो जाएगा लेकिन मध्यान्ह बाद से विभिन्न प्रकार की मानसिक बेचैनी बनेगी। आज किसी को पूर्व में किए गए वादे के कारण बंधन जैसा अनुभव करेंगे पूर्ण ना कर पाने पर मानहानि का भय अंदर ही अंदर जाएगा दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आने लगेगा पराक्रम शक्ति में वृद्धि होगी उलझन को अपने बुद्धि विवेक से धीरे-धीरे कम कर देंगे कारोबारी दशा आज दयनीय ही रहने वाली है आर्थिक लाभ के लिए किसी अन्य के भरोसे बैठना पड़ेगा आज मजबूरी में उधार लेने की नौबत भी आ सकती है संभव हो तो आज की जगह कर लेना ज्यादा ठीक रहेगा शरीर मैं कुछ ना कुछ कमी बनी रहेगी चेहरे का रंग भी फीका नजर आएगा स्त्री वर्ग से बोलचाल में नरमी बरतें अन्यथा मामूली बात करा सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन के आरंभ से मध्यान्ह तक मन में किसी न किसी कारण से भय बना रहेगा सुख की कमी आज हर क्षेत्र में अनुभव होगी घर में आज शांत रहने का प्रयास करें परिजन आपकी छोटी सी बात को भी बड़ा बनाकर पेश करेंगे कार्य क्षेत्र से भी आज कोई ज्यादा आशा नहीं रखें आर्थिक लाभ थोड़ा बहुत अवश्य होगा लेकिन धन हाथ में रुक नहीं पाएगा व्यवसाई वर्ग जिसका रेकी कुछ दिन से आशा लगाए बैठे थे आज उस में विफलता अथवा अचानक निरस्त होने की संभावना है भाई बंधुओं से आज बनाकर रहना उत्तम होगा परस्पर ईर्ष्या-द्वेष के संबंध होने पर भी किसी आवश्यक कार्य में इनकी ज़रूरत पड़ेगी पति पत्नी कही सुनी बातों पर ध्यान ना दें अन्यथा दिनभर मानसिक रूप से अशांत ही रहेंगे यात्रा के समय अतिरिक्त सावधानी बरतें दुर्घटना में चोट आदि का भय है रक्त पित्त विकार गैस के कारण जलन हो सकती है।
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*भारत का गौरवशाली इतिहास – 30*

*#VivekanandaInChicago —* स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था। विवेकानंद का जब भी जिक्र आता है उनके इस भाषण की चर्चा जरूर होती है। पढ़ें विवेकानंद का यह भाषण…

*अमेरिका के बहनों और भाइयों* —
आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको दुनिया की सबसे प्राचीन संत परंपरा की तरफ से धन्यवाद देता हूं। मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जाति, संप्रदाय के लाखों, करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं। मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं।
मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने अपने हृदय में उन इस्त्राइलियों की पवित्र स्मृतियां संजोकर रखी हैं, जिनके धर्म स्थलों को रोमन हमलावरों ने तोड़-तोड़कर खंडहर बना दिया था। और तब उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली थी। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने महान पारसी धर्म के लोगों को शरण दी और अभी भी उन्हें पाल-पोस रहा है। भाइयो, मैं आपको एक श्लोक की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहूंगा जिसे मैंने बचपन से स्मरण किया और दोहराया है और जो रोज करोड़ों लोगों द्वारा हर दिन दोहराया जाता है, जिस तरह अलग-अलग स्त्रोतों से निकली विभिन्न नदियां अंत में समुद में जाकर मिलती हैं, उसी तरह मनुष्य अपनी इच्छा के अनुरूप अलग-अलग मार्ग चुनता है। वे देखने में भले ही सीधे या टेढ़े-मेढ़े लगें, पर सभी भगवान तक ही जाते हैं। वर्तमान सम्मेलन जो कि आज तक की सबसे पवित्र सभाओं में से है, गीता में बताए गए इस सिद्धांत का प्रमाण है, जो भी मुझ तक आता है, चाहे वह कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं। लोग चाहे कोई भी रास्ता चुनें, आखिर में मुझ तक ही पहुंचते हैं।
सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसके भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं। इन्होंने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है। कितनी बार ही यह धरती खून से लाल हुई है। कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है और न जाने कितने देश नष्ट हुए हैं।
अगर ये भयानक राक्षस नहीं होते तो आज मानव समाज कहीं ज्यादा उन्नत होता, लेकिन अब उनका समय पूरा हो चुका है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आज इस सम्मेलन का शंखनाद सभी हठधर्मिताओं, हर तरह के क्लेश, चाहे वे तलवार से हों या कलम से और सभी मनुष्यों के बीच की दुर्भावनाओं का विनाश करेगा – *स्वामी विवेकानन्द ।*

💐💐आज का विचार💐💐
!!💐!!💐!!💐!!
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हमारे शास्त्र एवं महापुरुषों का
कथन है कि यज्ञ,दान-तपरूप
क्रिया की अपेक्षा भी भगवान
के नाम का जप और उनके
स्वरूप का ध्यान रूप क्रिया
उत्तम है, किन्तु यह क्रिया
सात्विक होने पर भी सकाम
भावसे की जाय तो राजसी बन
जाती है।इसी प्रकार यज्ञ दान
तपरूप क्रिया जप ध्यान की
अपेक्षा निम्न श्रेणी की होने पर
भी यदि फल और आसक्ति का
त्याग करके निष्कामभावसे की
जाय तो परम शांति रूप ईश्वर
की प्राप्ति करा सकती है।अतः
जप ध्यानसे भी वह श्रेष्ठ मानी
गई है।गीतामें भी कहा गया है-
ध्यानात्कर्मफलत्यागस्त्यागा
च्छान्तिरनन्तरम।।
ध्यानसे भी सब कर्मोंके फल
का त्याग श्रेष्ठ है,क्योंकि त्याग
से तत्कालही परमशान्ति होती
हैं।
💐💐सु प्र भा त💐💐

*निम्न रक्तचाप*

*निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए दवा :- निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए सबसे अच्छी दवा है गुड। ये गुड पानी में मिलाकर, नमक डालकर, नीबू का रस मिलाकर पिलो । एक ग्लास पानी में 25 ग्राम गुड, थोडा नमक नीबू का रस मिलाकर दिन में दो तीन बार पिने से लो रक्तचाप सबसे जल्दी ठीक होगा । और एक अच्छी दवा है ..अगर आपके पास थोड़े पैसे है तो रोज अनार का रस पियो नमक डालकर इससे बहुत जल्दी लो रक्तचाप ठीक हो जाती है, गन्ने का रस पीये नमक डालकर ये भी लो रक्तचाप ठीक कर देता है, संतरे का रस नमक डाल के पियो ये भी लो रक्तचाप ठीक कर देता है, अनन्नास का रस पीये नमक डाल कर ये भी लो रक्तचाप ठीक कर देता है । निम्न रक्तचाप के लिए और एक बढिया दवा है मिस्री और मख्खन मिलाकरे खाओ – ये निम्न रक्तचाप की सबसे अच्छी दवा है । निम्न रक्तचाप के लिए और एक बढिया दवा है दूध में घी मिलाकर पियो, एक ग्लास देशी गाय का दूध और एक चम्मच देशी गाय की घी मिलाकर रात को पीने से निम्न रक्तचाप बहुत अच्छे से ठीक होगा । और एक अच्छी दवा है निम्न रक्तचाप की और सबसे सस्ता भी वो है नमक का पानी पियो दिन में दो तीन बार, जो गरीब लोग है ये उनके लिए सबसे अच्छा है ।*

लो बीपी की छुट्टी करदेंगे यह घरेलू उपाय

लो ब्लड प्रेशर के कारण :

1) इस रोग के मुख्य कारणों में दुर्बलता, अधिक उपवास, पौष्टिक भोज्य पदार्थों तथा जल की कमी है |
2) शारीरिक व मानसिक परिश्रम की अधिकता, यक्ष्मा, मानसिक आघात, शरीर से अधिक रक्त बह जाना आदि हैं।
3) लो ब्लड प्रेशर विटामिन बी तथा सी की कमी के कारण भी हो जाता है।
4) गुर्दे तथा आंते पूरी तरह सक्षम न रहने से भी यह रोग सिर उठाने लगता है।
5) यह जीवन से रूखापन तथा परिवारिक संबंधों में आत्मीयता की कमी हो जाने से भी हो जाता है।
6) जो जीवन में निराश रहने लगे, अपने लक्ष्य में बार-बार असफल होता रहे, उसे भी निम्न रक्तचाप की तकलीफ हो सकती है।

लो ब्लड प्रेशर(लो बीपी) के लक्षण

1) इस रोग में रोगी की नब्ज धीमी और छोटी हो जाती है।
2) रोगी थोड़ा सा परिश्रम करने से ही थक जाता है और उसे गश (चक्कर) आ जाता है।
3) रोगी का श्वास फूलने लगता है|
4) रक्त भार मापक यन्त्र द्वारा देखने पर रक्त चाप 110 से 30 तक हो जाता है। उचित चिकित्सा से जीवन आराम से कट जाता है,
5) रोग पुराना होने पर सदैव सिरदर्द बना रहता है तथा सिर चकराता रहता है।
6) काम में मन नहीं लगता। सब-कुछ छोड़ देने को मन करता है।
7) थोड़ी सी मेहनत से भी चिड़चिड़ा पन होना
8) याददाश्त की कमी |
9) इस रोग के रोगी का आलस्य, अनुत्साह, शरीर का दुर्बल होना प्रमुख लक्षण होते हैं।
10) मानसिक अवसाद|

लो बीपी के घरेलू उपाय /उपचार :

रोग का मूल कारण दूर करें तथा कब्ज न होने दें। हृदय, जिगर, तिल्ली तथा आँतों को स्वस्थ रखें, मनोविकारों से बचें।
1) 5-8 गुरबंदी बादाम व 3-4 काली मिर्ची को पीसकर एक चम्मच देसी घी में भूनें। जब भून कर लाल हो जाए तो ऊपर से 7-8 किशमिश भी घी में छोड़ दें। ऊपर से लगभग 400 ग्राम दूध बरतन में डाल दें। दस-पन्द्रह मिनट उबलने के बाद उतार लें। गुनगुना रह जाए तो पहले काली मिर्च, बादाम व किशमिश खूब चबाकर खाएं, ऊपर से दूध पी लें। यह प्रयोग सुबह-शाम करें। पहले दिन से ही रक्तचाप सामान्य होना शुरू हो जाएगा।
2) ताजा चुकंदर का रस भी बड़ा लाभकारी रहता है। एक छोटा गिलास चुकंदर का ताजा रस प्रात: और इतना ही सायं के समय पिएं। 10 दिनों तक पीने से आप इस रोग से बच जाएंगे।
3) संतरे का रस नमक डालकर पीने से लाभ करता है।
4) आधा कप पानी में आंवले का रस तथा नमक डालकर पीने से निम्न रक्तचाप ठीक हो जाता है।
5) निम्न रक्तचाप को पौष्टिक आहार लेना चाहिए। दूध, दही, मट्ठा,मक्खन, घी आदि जितना आसानी से पचा सके, सेवन करें।
6) निम्न रक्तचाप में नमक की मात्रा सामान्य से बढ़ा दें। फायदा होगा।
7) निम्न रक्तचाप में नीबू-पानी भी लाभ देता है। दिन में तीन बार एक-एक गिलास नमक मिला नीबू-पानी पीना चाहिए। रोग काबू में रहेगा।
8) मट्ठा बड़ा उपयोगी रहता है। एक भरा हुआ गिलास प्रात: और एक दोपहर बाद पीना शुरू करें। दो सप्ताह से ही इस रोग के लक्षण खत्म होने लग जाएंगे।
9) आंवलों का रस और शहद दो-दो चम्मच मिलाकर सुबह शाम चाटें
10) 15-20 तुलसी की पत्तियों का रस व एक चम्मच शहद, एक कटोरी दही में मिलाकर लें।
11) टमाटर, अंगूर, पालक, गाजर, संतरा, चुकंदर का प्रयोग करें।

*लो ब्लड प्रेशर की आयुर्वेदिक दवा / उपचार :*

* लौह भस्म, नवायस लौह, पुनर्नवा मंडूर; लोहासव, अभ्रक भस्म, हीरा भस्म आदि का प्रयोग निम्न रक्तचाप की चिकित्सा हेतू किया जा सकता है।

*लो ब्लड प्रेशर में क्या खाएं :*

1) हृदय की अधिक कमजोरी के लिए पौष्टिक तथा लघुपाकी आहार दें।
2) कोमल शैय्या इस्तेमाल करायें तथा रोगी को पूर्ण विश्राम हेतु निर्देशित करें।
3) रोग ठीक होने के बाद शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु हल्के व्यायाम, सुबह की सैर तथा महा नारायण तैल की सम्पूर्ण शरीर पर मालिश कराना अतीव गुणकारी है।

लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या नहीं खाएं

1) अधिक तला हुआ, मसालेदार भोजन ना करे।
2) ज्यादा समय तक धूप में रहना आपके लिए हानिकारक हो सकता ही इससे बचें।
3) चाय या कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
4) एक बार में भरपेट भोजन ना करे, थोड़े-थोड़े अंतराल में भोजन करे।
5) अधिक परिश्रम से बचें ।

प्राणायाम :-

1) भ्रामरी, 2) शशकासन, 3) ॐ उच्चारण , 4) लम्बी श्वास प्राणायाम (उज्जायी) 5) सूर्य नमस्कार !

प्रात: का भोजन :-

1) भीगा चना, टमाटर, ककड़ी सेंधा नमक के साथ

2) नई मूली + सेंधा नमक मिलाकर खाना

3) परवल , मूंग, कुलत्थ की भाजी

4) पुराने चावल का प्रयोग

शाम का भोजन :- मूंग + चावल की खिचड़ी (सेंधा नमक) डालकर !

पथ्य :- पुराना चावल, गेहूँ, आम, अनार, सेंधा नमक, केला, प्रात: काल नंगे पैर घाँस पर घूमना ।

अपथ्य :- ज्यादा तनाव, वेग धारण, मैदे वाले सभी पदार्थ।

रोग मुक्ति के लिये आवश्यक नियम :

पानी के सामान्य नियम :

१) सुबह बिना मंजन/कुल्ला किये दो गिलास गुनगुना पानी पिएं ।

२) पानी हमेशा बैठकर घूँट-घूँट कर के पियें ।

३) भोजन करते समय एक घूँट से अधिक पानी कदापि ना पियें, भोजन समाप्त होने के डेढ़ घण्टे बाद पानी अवश्य पियें ।

४) पानी हमेशा गुनगुना या सादा ही पियें (ठंडा पानी का प्रयोग कभी भी ना करें।

भोजन के सामान्य नियम :

१) सूर्योदय के दो घंटे के अंदर सुबह का भोजन और सूर्यास्त के एक घंटे पहले का भोजन अवश्य कर लें ।

२) यदि दोपहर को भूख लगे तो १२ से २ बीच में अल्पाहार कर लें, उदाहरण – मूंग की खिचड़ी, सलाद, फल और छांछ ।

३) सुबह दही व फल दोपहर को छांछ और सूर्यास्त के पश्चात दूध हितकर है ।

४) भोजन अच्छी तरह चबाकर खाएं और दिन में ३ बार से अधिक ना खाएं ।

अन्य आवश्यक नियम :

१) मिट्टी के बर्तन/हांडी मे बनाया भोजन स्वस्थ्य के लिये सर्वश्रेष्ठ है ।

२) किसी भी प्रकार का रिफाइंड तेल और सोयाबीन, कपास, सूर्यमुखी, पाम, राईस ब्रॉन और वनस्पति घी का प्रयोग विषतुल्य है । उसके स्थान पर मूंगफली, तिल, सरसो व नारियल के घानी वाले तेल का ही प्रयोग करें ।

३) चीनी/शक्कर का प्रयोग ना करें, उसके स्थान पर गुड़ या धागे वाली मिश्री (खड़ी शक्कर) का प्रयोग करें ।

४) आयोडीन युक्त नमक से नपुंसकता होती है इसलिए उसके स्थान पर सेंधा नमक या ढेले वाले नमक प्रयोग करें ।

५) मैदे का प्रयोग शरीर के लिये हानिकारक है इसलिए इसका प्रयोग ना करें ।*

*निम्न रक्तचाप – Low Blood Pressure*

*रक्तचाप कम होने पर रोगी को सुस्ती, आलस्य, निराशा और घबराहट सी रहती है।*
*अधिक स्राव (उल्टी-दस्त, वीर्य, खून) के कारण – (चाइना Q या 6, दिन में 3 बार)*
*धूप में बेहोश हो जाना नमक की इच्छा ज्यादा हो – (नेट्रम म्यूर 6X या 30, दिन में 3 बार)*
*कमजोरी व पेट में वायु के कारण; रोगी खुली हवा चाहे – (कार्बो वेज 6 या 30, दिन में 3 बार)*
*कमजोर व बढ़ती उम्र के लोगों में -(कैलकेरिया फॉस 6X, दिन में 3 बार)*
*जब नब्ज़ क्षीण व धीमी हो, दिल पर बोझ सा महसूस हो – (विस्कम एल्बम Q, 5-15 बूंद, दिन में 3 बार)*
*जब लगे कि हरकत बंद करते ही दिल काम करना बंद कर देगा -* *(जलसेमियम 30, दिन में 3 बार)*
*खाने पीने में पौष्टिक व संतुलित* *आहार लें। चिंता ना करें। फल व सब्जियां प्रचुर मात्रा में लें।*

*निम्न रक्तचाप*

*परिचय :-लो ब्लडप्रेशर हृदय के फैलने के दबाव (डिइस्टोलिक प्रेशर) के अनुसार नियंत्रित होता है। लो ब्लडप्रेशर में हृदय के द्वारा खून को धमनियों में पहुंचाने की गति को नापा जाता है। इस स्थिति में दिल के द्वारा धमनियों में खून फेंकने की गति कम हो जाती है और खून को फेफड़ों से खींचने की गति भी कुछ हद तक कम हो जाती है। ऐसे में हृदय का दबाव उतना नहीं होता जितना हृदय के सिकुड़ने के समय दबाव होता है। हृदय का सिकुड़न दबाव व प्रसार दबाव में 50 से 60 का अन्तर होना चाहिए। यदि हृदय का सिकुड़न व प्रसारण का दबाव का अन्तर इससे अधिक हो तो उसे लो ब्लडप्रेशर कहते हैं।*

*लो ब्लड प्रेशर में रोगी की नाड़ी की गति तेज हो जाती है परन्तु पतली व कमजोर रहती है। कभी-कभी रोगी में लो ब्लडप्रेशर होने पर भी रोगी को ऐसा लगता है जैसे नाड़ी में कमजोरी व पतलापन उसमें आए थकावट व कमजोरी के कारण हुआ है जबकि रोगी को लो ब्लडप्रेशर हुआ होता है। लो ब्लडप्रेशर में रोगी को सिरदर्द होता है और चक्कर आते हैं।*

*कारण :-रोगी के ब्लडप्रेशर लो होने के कई कारण है। जब कोई रोगी अपनी क्षमता से अधिक काम करता है तो उसका ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। कम खाने, सही भोजन न करने, चिंता करने तथा किसी प्रकार का ऑपरेशन कराने पर ब्लडप्रेशर लो हो जाता है।*

*लो ब्लडप्रेशर की मुख्य औषधियां है- कोनायम, ऐबिस नाइग्रा, डिजिटेलिस, कैलमिया, जेल्सीमियम, कैलकेरिया फॉस, ट्युबर्क्युलीनम, रेडियम, कैक्टस या ऐसिड-फॉस औषधि आदि।*

*यदि किसी व्यक्ति को लो ब्लडप्रेशर हो गया है तो उसे इन औषधियों का सेवन करना चाहिएः- 5 ग्राम आधी भुनी हुई सौंफ, 5 ग्राम गुलाब के फूल, 5 ग्राम बनफ्शे के फूल, 5 ग्राम कलौंजी, 10 ग्राम बादाम की छिलके रहित गिरी, 5 ग्राम छोटी इलायची के दाने, 20 ग्राम मिश्री आदि सभी चीजों को पीसकर मिलाकर रख लें और एक छोटा चम्मच गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लो ब्लड प्रेशर सामान्य होता है। इसके साथ रोगी को पौष्टिक भोजन करना चाहिए।*