आज का पंचाग आपका राशि फल, हरि भजन के समय केवल भगवान के रूप एवं गुणों का ही चिंतन मनन करें, नवरात्रि व्रत में रखें ये सावधानियां, भारतीय वायु सेना का ऐतिहासिक फलक

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, ०९ अक्टूबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१९
सूर्यास्त: 🌅 ०५:५४
चन्द्रोदय: 🌝 ०९:१०
चन्द्रास्त: 🌜२०:०४
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 तृतीया (०७:४८ तक)
नक्षत्र 👉 विशाखा (१६:४७ तक)
योग 👉 प्रीति (१८:३० तक)
प्रथम करण 👉 गर (०७:४८ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (१८:२० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 वृश्चिक (११:१७ से)
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 वृश्चिक (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४१ से १२:२७
अमृत काल 👉 ०८:४८ से १०:१५
रवियोग 👉 ०६:१५ से १६:४७
विजय मुहूर्त 👉 १४:०० से १४:४७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४१ से १८:०५
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:२९
राहुकाल 👉 ०९:०९ से १०:३७
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:३१ से १४:५८
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२८:५५ तक) भद्रावास 👉 स्वर्ग (१८:२० से २८:५५ तक)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर ११:२० से)
शिववास 👉 सभा में (०७:४८ से क्रीड़ा में, २८:५५ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शारदीय नवरात्रि के तृतीय दिवस आदिशक्ति माँ दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की उपासना व्रत आदि, विनायक चतुर्थी आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १६:४७ तक जन्मे शिशुओ का नाम
विशाखा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (तू, ते, तो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम अनुराधा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (ना, नी, नू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २८:३८ से ०६:५६
तुला – ०६:५६ से ०९:१७
वृश्चिक – ०९:१७ से ११:३६
धनु – ११:३६ से १३:४०
मकर – १३:४० से १५:२१
कुम्भ – १५:२१ से १६:४७
मीन – १६:४७ से १८:१०
मेष – १८:१० से १९:४४
वृषभ – १९:४४ से २१:३९
मिथुन – २१:३९ से २३:५४
कर्क – २३:५४ से २६:१५
सिंह – २६:१५ से २८:३४
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:१५ से ०६:५६
चोर पञ्चक – ०६:५६ से ०७:४८
शुभ मुहूर्त – ०७:४८ से ०९:१७
रोग पञ्चक – ०९:१७ से ११:३६
शुभ मुहूर्त – ११:३६ से १३:४०
मृत्यु पञ्चक – १३:४० से १५:२१
अग्नि पञ्चक – १५:२१ से १६:४७
शुभ मुहूर्त – १६:४७ से १६:४७
रज पञ्चक – १६:४७ से १८:१०
अग्नि पञ्चक – १८:१० से १९:४४
शुभ मुहूर्त – १९:४४ से २१:३९
रज पञ्चक – २१:३९ से २३:५४
शुभ मुहूर्त – २३:५४ से २६:१५
चोर पञ्चक – २६:१५ से २८:३४
चोर पञ्चक – २८:३४ से २८:५५
शुभ मुहूर्त – २८:५५ से ३०:१५
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन मध्याह्नकाल से ही शारीरिक तंदुरुस्ती में गिरावट आएगी जिसके कारण कार्यो में मन नहीं लगा पाएंगे। स्वभाव भी चिड़चिड़ा रहने से मामूली बातो पर अकारण ही झगड़ा करेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है व्यवहार में रूखापन रहने से लोग आपसे कटने लगेंगे। व्यापारी वर्ग व्यवसाय की बिक्री को लेकर चिंतित रहेंगे। पुराने अनुबंध समय पर पूर्ण नहीं कर पाएंगे। पारिवारिक वातावरण सामान्य रहेगा बीच-बीच में मतभेद उभरने से सदस्यों में बोल-चाल बंद हो सकती है। धैर्य से समय व्यतीत करें धन की आमद न्यून रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको आश्चर्यजनक फल प्राप्त होंगे जहाँ से उम्मीद नहीं होगी वहां से भी धन लाभ होगा। परन्तु लोभी प्रवृति के कारण घर एवं बाहर के लोग आंतरिक रूप से आपसे परेशान रह सकते है व्यवहारिक रूप से इसका प्रदर्शन नहीं करेंगे। आज पारिवारिक आवश्यकताओ को ध्यान में रख कर दिनचर्या सुनिश्चित करें। नौकरी पेशा जातक दिन के आरम्भ में कार्य बोझ कम रहने से थोड़ा राहत महसूस करेंगे परन्तु दोपहर के बाद आकस्मिक कार्य आने से व्यस्तता बढ़ेगी। धन सम्बंधित कार्य अंत समय में टालने पड़ सकते है। घर के बुजुर्गो की दया दृष्टि आज भी बनी रहेगी लेकिन इनकी मनमानी से परेशानी भी होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप धन सम्बंधित मामलो को लेकर अत्यन्त संवेदनशील रहेंगे। अधिक कंजूसी करने पर भी खर्चो पर नियंत्रण नहीं रख सकेंगे। धन को लेकर आज किसी से विवाद भी हो सकता है परन्तु संबंधो से ज्यादा धन को महत्त्व ना दे अन्यथा अकेले पड़ सकते है। परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर भी विरोध का सामना करना पड़ेगा। कार्यो में थोड़े प्रयत्न के बाद सफलता मिल जायेगी। पारिवारिक वातावरण आवश्यकताओ की पूर्ति ना होने पर अशान्त बनेगा। आज आप धार्मिक कार्यो में भी स्वार्थ से भाग लेंगे। संतान के कारण परेशानी हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज परिस्थितियों में सुधार आने से अटके कार्य आगे बढ़ेंगे। अपनी गलती मान लेने से लोगो का वैर-विरोध दूर होगा। शारीरिक रूप से चुस्त रहेंगे परन्तु धन सम्बंधित मामलो को लेकर परेशानी रहेगी धन की कमी के कारण किसी महत्त्वपूर्ण कार्य में विघ्न आएंगे। आज आपको कोई भी उधार देने में असमर्थता दिखायेगा। सामाजिक एवं पारिवारिक वातावरण में पहले से सुधार आएगा लेकिन वर्तमान स्थिति के लिए सहायक नहीं बनेगा। घर के बुजुर्गो के साथ कुछ समय अवश्य बिताएं उचित मार्गदर्शन मिलेगा। संध्या के समय स्त्री सन्तान से शुभ समाचार राहत प्रदान करेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपके असंयमित व्यवहार के कारण आस-पास रहने वाले लोग नाराज हो सकते है। ना चाहकर भी कटु वचन बोलने पड़ेंगे जिसके कारण बाद में आत्मग्लानि रहेगी। कार्य क्षेत्र पर उधार वाले परेशांन कर सकते है आज किसी से भी उधार के व्यवहार ना करें अन्यथा हानि में रहेंगे। असंयमित दिनचर्या के कारण शारीरिक स्वास्थ्य भी कार्यो में बाधक बनेगा रक्त-पित्त सम्बंधित समस्या रहेगी। विरोधी आपकी बातों को बढ़ा चढ़ा कर पेश करेंगे जिस वजह से मान हानि होगी। भाई-बंधुओ से वैर-विरोध रहने के कारण पारिवारिक वातावरण अशान्त रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप अपनी योजनाओं को साकार रूप दे पाएंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन लाभदायक रहेगा फिर भी आज किसी को उधार देने से बचे वापसी में परेशानी होगी। व्यवसाय में आकस्मिक लाभ रोमांचित करेगा। आलस्य भी रहने के कारण कार्य विलम्ब से शुरू एवं पूर्ण होंगे। सामाजिक कार्यो के पीछे धन खर्च होगा पारिवारिक आयवश्यक वस्तुओ पर भी खर्च रहेगा। स्वास्थ्य अनुकूल बना रहेगा केवल आँखों सम्बंधित शिकायत रह सकती है। घर में अविवाहितो के रिश्ते की बात चलेगी परन्तु पक्की होने में संदेह रहेगा। घरेलु शांति बनी रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप धन प्राप्ति के लिए सभी प्रकार की जोड़-तोड़ वाली नीति अपनायेंगे फिर भी सफलता दूर तक नजर नहीं आएगी। पारिवारिक भविष्य को लेकर चिंता रहेगी। किसी की उधार चुकाने में भी असमर्थ रहने से बहस हो सकती है। सेहत भी असामान्य रहेगी परंतु कार्यो में व्यस्तता के कारण अनदेखी करेंगे जिसका परिणाम आगे ख़राब रहेगा। दाम्पत्य जीवन भी नीरसता से भरा रहेगा स्त्री वर्ग से विचारो में मेल ना रहने के कारण अनबन रहेगी। संतान का व्यवहार भी आपके विपरीत रहेगा। दूर रहने वाले रिश्तेदारो से शुभ समाचार थोड़ी शान्ति देंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आपका दिन आज भी लाभदायक रहेगा परन्तु क्रोध को वश में रखना भी जरूरी है वरना बना बनाया काम बिगड़ सकता है। लोग आपको किसी ना किसी कारण क्रोध दिलाएंगे परन्तु अपने काम से काम रखें। समय धन के साथ साथ मान सम्मान में भी वृद्धि करने वाला है। विदेशी व्यापार अथवा जमीन सम्बंधित कार्यो में अधिक लाभ की संभावना है। आकस्मिक यात्रा आने से जरूरी कार्य निरस्त करने पड़ सकते है। रिश्तेदारो के द्वारा लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। पारिवारिक वातावरण शांत बना रहेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप कई कार्यो को एकसाथ करने के कारण दुविधा में फंस सकते है। घर एवं व्यवसाय के कार्यो में तालमेल बैठाने के चक्कर में असहजता रहेगी। परन्तु फिर भी धन लाभ निश्चित समय पर होने से कार्यो में अड़चन नहीं आएगी। परिवार की महिलाओं से आर्थिक सहयोग मिल सकता है। सरकारी कार्य थोड़ी शिफारिश के बाद आगे बढ़ेंगे। शेयर सट्टे में आज निवेश से बचे हानि हो सकती है। अन्य दैनिक उपभोग के व्यावसायिक कार्यो में निवेश उत्तम रहेगा। गृहस्थ जीवन में कोई चमत्कार होने से आश्चर्य में पड़ेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको सोची गई योजनाओं में सफलता पाने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी कार्य सफलता के प्रति आशंकित रहेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर भी आज व्यवहार बनाये रखने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। नौकरी पेशा जातक तय सीमा से भी अधिक कार्य करेंगे उसके बाद भी आपके कार्यो की आलोचना ही होगी। कार्य क्षेत्र का गुस्सा घर पर निकालने के कारण आपसी तालमेल बिगाड़ेगा। धन लाभ मुश्किल से ही और अल्प मात्रा में होगा। धार्मिक स्थल पर किसी आयोजन में सम्मिलित हो सकते है। सरकारी कार्य लंबित रहेंगे। अधिक परिश्रम के कारण थकान रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपको व्यवसाय से लाभ दिलाएगा एक से अधिक कार्यो में निवेश करने से लाभ की संभावना अधिक रहेगी परन्तु जल्दबाजी ना करें अन्यथा हानि भी हो सकती है। नए कार्य की रूप रेखा अवश्य बनाये पर आरम्भ करने के लिए थोड़ा और इन्तजार करें। धार्मिक कार्यो में रूचि लेंगे तंत्र-मंत्र के प्रयोग, ज्योतिष अथवा अन्य गूढ़ विषयो को जानने की लालसा बढ़ेगी। आज परिजनो से मन की कोई बात ना छुपाए अन्यथा आने वाले समय में इसकी ग्लानि होगी। संताने आपके अनुसार व्यवहार करेंगी। मानसिक शांति मिलेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आप आज का दिन सुख शांति से व्यतीत करेंगे फिर भी छोटी-मोटी घटनाएं मन को दुखी कर सकती है। किसी व्यक्ति के गलत व्यवहार के कारण क्रोध आयेगा इससे सावधान रहें अन्यथा अपना ही नुक्सान कर लेंगे। व्यवसाय में आमदनी तो होगी परन्तु उगाही करने में परेशानी रहेगी। सहकर्मियो से किसी बात पर वैमनस्य रह सकता है फिर भी कार्य समय पर पूर्ण कर लेंगे। सामाजिक जीवन आज पहले से भी बेहतर बनेगा। मित्र रिश्तेदारो के साथ आनंद के पल बिताने के अवसर मिलेंगे। दाम्पत्य जीवन में भी खुशियां बनी रहेंगी लेकिन कोई आपके व्यवहार से नाराज भी हो सकता है।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

*🌷गए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास🌷*

*पुरानी कथा है। एक खोजी ने विष्णु जी को खोजते—खोजते एक दिन पा लिया।चरण पकड़ लिए। बड़ा आह्लादित था, आनंदित था। जो चाहिए था, मिल गया था। खूब—खूब धन्यवाद दिए विष्णु जी को और कहा कि बस एक बात और: मुझसे कुछ थोड़ा सा काम करा लें, कुछ सेवा करा लें। आपने इतना दिया, जीवन दिया, जीवन का परम उत्सव दिया और अब यह परम जीवन भी दिया। मुझसे कुछ थोड़ी सेवा करा लें! मुझे ऐसा न लगे कि मैं आपके लिए कुछ भी न कर पाया, आपने इतना किया! मुझे थोड़ा सा सौभाग्य दे दें!* *जानता हूं, आपको किसी की जरूरत नहीं, किसी बात की जरूरत नहीं। लेकिन मेरा मन रह जाएगा कि मैं भी प्रभु के लिए कुछ कर सका!

विष्णु जी ने कहा: कर सकोगे? करना बहुत कठिन होगा।मगर भक्त जिद्द अड़ गया। तो कहा: ठीक है, मुझे प्यास लगी है क्षीरसागर में तैरते हैं विष्णु जी, वहां कैसी प्यास! पर इस भक्त के लिए कहा कि चल ठीक, मुझे प्यास लगी है। तू जाकर एक प्याली भर पानी ले आ। भक्त भागा। तुम कहोगे क्षीरसागर था, वहीं से भर लेता। लेकिन जो पास है, वह तो किसी को दिखाई नहीं पड़ता। चला। उतरा संसार में। एक द्वार पर जाकर दस्तक दी। एक सुंदर युवती ने द्वार खोला। उस भक्त ने कहा कि देवी, मुझे एक प्याली भर शीतल जल मिल जाए। उस युवती ने कहा: आप आए हैं, ब्राह्मण देवता! भीतर विराजें! मेरे घर को धन्य करें! ऐसे बाहर—बाहर से न चले जाएं। फिर मेरे पिता भी बाहर गए हैं। मैं घर में अकेली हूं। वे आएंगे तो बहुत नाराज होंगे कि ब्राह्मण देवता आए और तूने बाहर से भेज दिया! नहीं—नहीं, आप भीतर आएं!

एक क्षण को तो ब्राह्मण देवता डरे! युवती है, सुंदर है, अति सुंदर, ऐसी सुंदर स्त्री नहीं देखी। विष्णु जी भी एक क्षण को फीके मालूम पड़ने लगे। विष्णु जी के फीके हो जाने में देर कितनी लगती है! ऐसा दूर का सपना मालूम होने लगे। तो भक्त डरा, घबड़ाया। घबड़ाया इसीलिए कि विष्णु एक क्षण को भूलने ही लगे। आवाज दूर से दूर होने लगी। उसने कहा कि नहीं—नहीं। माथे पर पसीना आ गया। लेकिन युवती तो मानी न। उसने हाथ ही पकड़ लिया ब्राह्मण देवता का—कि आप आएं भीतर, ऐसे न जाने दूंगी। उसके हाथ का पकड़ना—ब्राह्मण देवता के विष्णु जी बिलकुल विलीन हो गए। वह भीतर ले गई। उसने कहा: जल तो आप ले जाएंगे, लेकिन पहले स्वयं तो जलपान कर लें। तो नाश्ता करवाया, पानी पिलाया।

एकांत! उस युवती का सौंदर्य! उस युवती का भाग—भाग कर ब्राह्मण देवता की सेवा करना! विष्णु जी धीरे—धीरे स्मृति से उतर गए। कभी—कभी बीच—बीच में याद आ जाती कि बेचारे प्यासे होंगे, फिर सोचता कि ठीक है, भगवान को क्या प्यास! वह तो मेरे लिए ही उन्होंने कह दिया है, अन्यथा उनको क्या प्यास! वे तो परम तृप्ति में हैं! तो ऐसी कोई जल्दी तो है नहीं। और दो क्षण रुक लूं। और युवती ने जब निमंत्रण दिया कि जब आप ही आ गए हैं, मेरे पिता भी थोड़ी देर में आते ही होंगे, उनसे भी मिल कर जाएं, तो वह सहज ही राजी हो गया। और युवती सेवा करती रही। और युवती का सौंदर्य और रूप मन को मोहता रहा। सांझ हो गई, पिता तो लौटे नहीं। युवती ने कहा: आप भोजन तो कर ही लें। अब सांझ को कहां भोजन करेंगे। भोजन बना, भोजन किया। रात हो गई। युवती ने कहा: इस रात में अब कहां जाएंगे!सोच तो ब्राह्मण देवता भी यही रहे थे कि रात अब कहां जाएंगे! सुबह—सुबह भोर होते, ब्रह्ममुहूर्त में निकल जाना राजी हो गए। फिर तो वर्षों बीत गए। फिर वह वहां से निकले नहीं।ब्राह्मण देवता रुके सो रुके। फिर उनके बेटे हुए, बेटियां हुईं, बड़ा फैलाव हो गया। कोई पचास—साठ साल बीत गए। बेटों के बेटे हो गए। तब गांव में बाढ़ आई। भयंकर बाढ़ आई! ब्राह्मण देवता बूढ़े हो गए हैं। लेकर अपने बच्चों को, नाती—पोतों को किसी तरह बाढ़ से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। सारा गांव डूबा जा रहा है। भयंकर बाढ़ है! ऐसी कभी न देखी न सुनी। जैसे बाढ़ में से जा रहे हैं बचा कर, पत्नी बह गई। पत्नी को बचाने दौड़े तो जिस बच्चे का हाथ पकड़ा था, उसका हाथ छूट गया। उस किनारे पहुंचते—पहुंचते सारा परिवार विलीन हो गया बाढ़ में।

उस किनारे एक पत्थर की चट्टान पर ब्राह्मण देवता खड़े हैं और बाढ़ की एक बड़ी उत्तुंग लहर आती है। उत्तुंग लहर पर आते हैं विष्णु जी बैठे हुए और कहते हैं: मैं प्यासा ही हूं, तुम अभी तक पानी नहीं लाए? मैंने तुमसे पहले ही कहा था, तुम न कर सकोगे क्योंकि तुम संसार छोड़ कर भागे थे। जो छोड़ कर भागता है, उसका आकर्षण शेष रहता है। यह कथा बड़ी प्यारी है।…क्योंकि तुम संसार छोड़ कर भागे थे संसार से जाग कर ऊपर नहीं उठे थे। संसार की तरफ आंख बंद करके भागे थे। तो छोटे से काम के लिए भी संसार में जाओगे तो उलझ जाओगे। लेने गए थे जल और सारा संसार बस गया। गए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास! फिर जब कोई कपास ओटता है तो ओटता ही चला जाता है। कपास का ओटना ऐसा है, कभी पूरा नहीं होता।
🌷🙏जय श्री विष्णु 🙏🌷

ऊँ नवरात्रि में रखें ध्यान–

पं वेद प्रकाश तिवारी ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
9919242815 निशुल्क परामर्श उपलब्ध

श्रद्धा और विश्वास से व्रत करे और कुछ बातों का ध्यान रखें ।।

1) उपवास शुरू करने से एक-दो दिन पहले हल्की डायट लें।

2) रात को खाने में फल खाएं या पतली खिचड़ी या दलिया लें।

3) डायबीटीज, ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी वाले लोग डॉक्टर से पूछकर ही व्रत रखें।

4) अगर बीमार हैं और व्रत रखा है, तो हर दो घंटे के गैप पर कुछ लिक्विड लें।

5) केले और आलू के चिप्स कम खाएं।

6) टोन्ड मिल्क से पतली खीर बनाकर खाएं, फैट कम होगा।

7) सेंधा नमक और चीनी की मात्र कम रखें, खासकर दिल के मरीजों के लिए।

8) ज्यादा तले-भुने भोजन से परहेज करें।

9) कुट्टू के आटे की पूड़ी की बजाय रोटी लें।

10) फल और ड्राई फ्रूट्स डायट में जरूर शामिल करें।

11) लंबे समय तक भूखे ने रहें, इससे गैस की समस्या हो सकती है।

12) डायबीटीज के रोगी खास ख्याल रखें क्योंकि उन्हें ज्यादा देर तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए।

13) व्रत में चार-पांच चीजें एकसाथ खाने की बजाय दो-तीन घंटे के गैप में खाएं।

—ऐसे लोग 9 दिन व्रत न रखें ——

1) अगर डायबीटीज और हाइपरटेंशन के मरीज हैं।

2) अगर हाल-फिलहाल में कोई सर्जरी हुई है।

3) अगर खून की कमी है।

4) दिल, किडनी, फेफड़े या लीवर के पेशंट हैं।

5) प्रेगनेंट महिलाएं

भारतीय वायु सेना का  गठन  आज के दिन  ( 8 अक्टूबर, 1932 ) को हुआ था।  सेना के तीनों अंगों का एक आदर्श वाक्य है.  ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’ है. ‘नभ:स्‍पृशं दीप्‍तमनेकवर्ण व्‍यात्ताननं दीप्‍तविशालनेत्रम्। दृष्‍ट्वा हि त्‍वां प्रव्‍यथ‍ितान्‍तरात्‍मा धृतिं न विन्‍दामि शमं च विष्‍णो।।’ इसका मतलब है कि ‘हे विष्णो, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान , अनेक वर्णों से युक्त तथा फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं.’
आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है । अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन विजय – गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई ,  बालाकोट एयर स्ट्राइक शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना कार्यों में भी सहयोग कर चुकी है.  संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है।
भारतीय वायु सेना  दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा हासिल हैं ! 
इंडियन एयरफोर्स का इतिहास  👉🏻   वायुयान ने अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरी थी। उस समय इसमें RAF द्वारा प्रशिक्षित छह अफसर और 19 हवाई  वायुयोद्धा थे।  बताया जाता है  कि भारतीय वायु सेना की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायु सेना की एक इकाई के तौर पर हुई थी।  दि्वतीय विश्व युद्ध के दौरान इसके नाम में रॉयल शब्द जोड़ा गया था !  लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद 1950 में हटा दिया गया था।
 तभी से आज के दिन को एयरफोर्स डे मनाया जाता है । इस मौके पर एयरफोर्स अपने खास-खास विमानों और जवानों के करतब का प्रदर्शन करती है । एयरफोर्स डे के मौके पर शानदार परेड और एयर शो का आयोजन होता है। आजादी से पहले एयरफोर्स को RIAF यानी रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था। आजादी के बाद इसमें से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था। भारतीय वायु सेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी।
भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। 
आज भारतीय वायुसेना राष्ट्र की सुरक्षा की दृष्टि से सशस्त्र सेना का न केवल अपरिहार्य एवं पृथक्‌ अंग हैं, बल्कि यह आधुनिकतम वायुयानों से सुसज्जित  वायुसेना का उड़ाकू बेड़ा बन गया है  !!    हम सब को गर्व हैं    अपनी    भारतीय सेना पर     🙏    बधाई   अभिनंदन   🙏
     जय हिंद  🇮🇳  जय हिंद की सेना 🇮🇳