आज का पंचाग आपका राशि फल, इस वर्ष के तीज-त्यौहार, एक सीध में स्थित भारत के रेडियो एक्टिव शिवलिंगों का महात्म्य, ये इतिहास संभवतः आपने नहीं पढ़ा होगा

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, ३१ जुलाई २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:४६
सूर्यास्त: 🌅 ०७:०५
चन्द्रोदय: 🌝 २३:४६
चन्द्रास्त: 🌜१२:२२
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 श्रावण
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 सप्तमी (०५:४० तक)
नक्षत्र 👉 अश्विनी (१६:३८ तक)
योग 👉 शूल (२१:०२ तक)
प्रथम करण 👉 बव (०५:४० तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (१८:४५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 मेष
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 कर्क (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५६ से १२:५०
अमृत काल 👉 ०८:३९ से १०:२६
विजय मुहूर्त 👉 १४:३९ से १५:३३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५७ से १९:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:४४
राहुकाल 👉 ०८:५९ से १०:४१
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:०५ से १५:४७
होमाहुति 👉 गुरु (१६:३८ तक)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (०५:४० से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 श्मशान में (०५:४० से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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कालाष्टमी, विवाहादि मुहूर्त कन्या-वृश्चिक लग्न प्रातः ०९:५६ से ०४:१५ तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ+ देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:३२ से ०९:१४ तक, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त दोपहर १२:०६ से १२:५९ तक, वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३३ से ०५:३४ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १६:३८ तक जन्मे शिशुओ का नाम
अश्विनी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (चो, ला) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (ली, लू, ले) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – २८:३३ से ०६:५४
सिंह – ०६:५४ से ०९:१३
कन्या – ०९:१३ से ११:३१
तुला – ११:३१ से १३:५२
वृश्चिक – १३:५२ से १६:११
धनु – १६:११ से १८:१५
मकर – १८:१५ से १९:५६
कुम्भ – १९:५६ से २१:२२
मीन – २१:२२ से २२:४५
मेष – २२:४५ से २४:१९
वृषभ – २४:१९ से २६:१४
मिथुन – २६:१४ से २८:२९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:३५ से ०५:४०
रोग पञ्चक – ०५:४० से ०६:५४
शुभ मुहूर्त – ०६:५४ से ०९:१३
मृत्यु पञ्चक – ०९:१३ से ११:३१
अग्नि पञ्चक – ११:३१ से १३:५२
शुभ मुहूर्त – १३:५२ से १६:११
रज पञ्चक – १६:११ से १६:३८
शुभ मुहूर्त – १६:३८ से १८:१५
चोर पञ्चक – १८:१५ से १९:५६
शुभ मुहूर्त – १९:५६ से २१:२२
रोग पञ्चक – २१:२२ से २२:४५
चोर पञ्चक – २२:४५ से २४:१९
शुभ मुहूर्त – २४:१९ से २६:१४
रोग पञ्चक – २६:१४ से २८:२९
शुभ मुहूर्त – २८:२९ से २९:३६
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिए शुभफलदायी रहेगा। सोचे हुए कार्य आज आरम्भ से ही सही दिशा में आगे बढ़ेंगे व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा कम रहने से बिक्री बढ़ेगी धन लाभ भी बीच बीच मे होता रहेगा। नौकरी वाले लोगो को आज अतिरिक्त आय बनाने का मौका भी मिलेगा इसके लिए परिश्रम भी ज्यादा करना पड़ेगा। सहकर्मी आपके व्यवहार से नाराज होंगे फिर भी कार्यो पर इसका प्रभाव नही पड़ेगा। धन को लेकर किसी से कहा-सुनी हो सकती है यहां धैर्य का परिचय दें अन्यथा धन के साथ ही संबंध भी डूबेंगे। महिलाये आज मनोकामना पूर्ति हेतु स्वार्थी व्यवहार करेंगी। स्वास्थ्य थोड़ा गड़बड़ होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको घरेलू एवं व्यवसाय सम्बन्धित विविध समस्याओ का सामना करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर किसी गलत निर्णय से नुकसान होगा आज आपको गलत मार्गदर्शन करने वाले ही अधिक मिलेंगे जिससे सही दिशा में जा रहा काम भी गलत हों जायेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन उलझनों भरा रहेगा आय लेदेकर बना लेंगे लेकिन आकस्मिक खर्च साथ आने से बजट गड़बड़ायेगा। महिलाये भी आर्थिक कारणों से अभिलाषा पूर्ण नही कर पाएंगी लेकिन पारिवारिक सुख को व्यक्तिगत सुख से ज्यादा महत्त्व देंगी बुजुर्गो का स्नेह मिलेगा। सेहत में धीरे धीरे गिरावट दर्ज होगी दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिये उन्नति कारक रहेगा। सोची हुई योजनाये थोड़े से प्रयास के बाद स्वतः ही गति पकड़ लेंगी। स्वभाव में व्यवहारिकता एवं मिलनसार प्रवृति रहने से आज किसी से सहायता मांगना भी आसान रहेगा लोग आपके किसी काम के लिए मना नही कर सकेंगे। आर्थिक रूप से दिन आशा से अधिक बेहतर रहेगा। व्यवसायी एवं नौकरी पेशा लोग भी निश्चित धन लाभ के साथ अतिरिक्त आय भी बना सकेंगे प्रलोभन के अवसर भी मिलेंगे इनमें भी आज लाभ की संभावना ही रहेगी। महिलाये आज किसी से बहस होने पर मन ही मन जली भुनी रहेंगी। सेहत उत्तम रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप किसी बहुप्रतीक्षित आवश्यक कार्य के पूर्ण होने से उत्साहित रहेंगे लेकिन सरकारी कार्य आज बिना जोड़तोड़ किये पूर्ण नही हो सकेंगे। व्यवसाय में आज ज्यादा भागदौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे मध्यान तक धन को लेकर थोड़ी परेशानी रहेगी लेकिन इसके बाद धन की आमद होने पर आर्थिक रूप से निश्चिन्त रहेंगे। महिलाये चतुराई से अपने कार्य बना लेंगी अपनी बुद्धि पर घमंड भी करेंगी। पारिवारिक सदस्य अथवा रिश्तेदारो से प्रसन्नता दायक समाचार मिलेंगे घर मे आपसी संबंध भी सामान्य ही बने रहेंगे। सार्वजनिक व्यवहारों में बढ़ोतरी होगी। निवेश से आज बचें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका व्यवहार अनाड़ियों जैसा रहेगा अतिआत्मविश्वास के कारण स्वयं ही अपने कार्य बिगाड़ लेंगे किसी पुराने गलत निर्णय के कारण पश्चाताप भी होगा। कार्य व्यवसाय में परिजनों का मार्गदर्शन मिलने पर भी आय के स्त्रोत्र विकसित नही कर सकेंगे सीमित मात्रा में धन की आमद रहेगी लेकिन वह भी परिवार में किसी ना किसी की फरमाइश पूरी करने में लग जायेगी। सन्तानो को पढ़ाई के ऊपर अतिरिक्त खर्च होगा। महिलाये आज प्रयास करने के बाद भी खर्च नही रोक पाएंगी आर्थिक कारणों से चिंतित भी रहेंगी इस विषय मे बुजुर्गो का सहयोग मिलने पर थोड़ी राहत मिलेगी। अपच की समस्या होगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन शारीरिक एवं मानसिक रूप से उतार चढ़ाव वाला रहेगा। सेहत आज प्रातः काल से ही नरम रहेगी बाहर का खान-पान एवं शीतल प्रदार्थ ज्यादा गड़बड़ करेगा इनसे दूर रहेगें। नौकरी पेशा जातको को लापरवाही के कारण अधिकारियों की डांट सुन्नी पड़ेगी। व्यवसायी वर्ग भी समय से वादा पूर्ण ना करने पर अपमानित हो सकते है। व्यवसाय में आज लगभग सभी कार्य आपकी सोच के विपरीत ही होंगे नए कार्यो में पैसा ना फ़सायें पहले अधूरे कार्य पूर्ण करें धन लाभ आज अल्प मात्रा में ही होगा। महिलाये भी आज शारीरिक क्षमता कम रहने से मामूली बातो से चिढ़ जाएंगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिये सामान्य से बेहतर रहेगा। आज अचानक किसी की सहायता अथवा स्वभाव परिवर्तन देख कर आश्चर्य चकित रह जायेंगे। काम-धंधा भी आशाजनक रहेगा परन्तु उधारी वाले व्यवहारों से निजात पाना असंभव होगा इसी वजह से धन संचय करने में भी परेशानी आएगी। खर्च आज आसानी से निकाल लेंगे। सरकारी कार्य अधिकारियों को मेहरबानी से आगे बढ़ेंगे। महिलाये आज किसी कारण से पुरुषों के ऊपर आश्रित रहेंगी समय से कामना पूर्ति ना होने एवं परिजनों के उद्दंड व्यवहार से क्रोधित भी रहेंगी। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप शांत रहने का प्रयास करेंगे परन्तु फिर भी आस-पास का वातावरण ही कुछ ऐसा बनेगा जिससे आपको क्रोध आएगा। घर में परिजन एवं कार्य क्षेत्र पर सहकर्मीयो को समझाने पर भी मनमानी कार्य करेंगे जिसका परिणाम बाद में स्वयं के साथ ही आपके लिए भी अहितकर रहेगा। मन में धार्मिक भाव आज अधिक रहने से कार्य क्षेत्र पर भी कुछ ना कुछ मानसिक जपादि करते रहेंगे। आर्थिक रूप से दिन मध्यम फलदायी रहेगा अधिक परिश्रम के बाद ही धन लाभ होगा। उधारी आज किसी को भूल कर भी ना दें। महिलाये छोटी बातों को प्रतिष्ठा से जोड़ेंगी जिससे वातावरण कुछ समय के लिये अशांत बनेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहेगा। किसी के गलत आचरण से मन मे क्रोध आएगा फिर भी परिणाम जानकर माफ कर देंगे लेकिन व्यवहार विपरीत ही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर मेहनत के अनुसार ही सफलता मिलेगी। अन्य लोगो के ऊपर निर्भर रहने से सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। उधारी वाले व्यवहार परेशानी में डालेंगे जल्द चुकता करने का प्रयास करें वरना सम्मान हानि हो सकती है। महिलाये आज सुनेंगी सबकी लेकिन करेंगी अपने ही मन की जिससे स्वयं तो संतोषी रहेंगी लेकिन अन्य लोगो को दुविधा में डालेंगी। परिवार के बुजुर्गो के साथ तीखी बहस हो सकती है शांत रहने का प्रयास करें अन्यथा परिणाम बुरे होंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए प्रतिकूल रहेगा। आज आपका रूखा व्यवहार दिन भर किसी ना किसी के साथ व्यर्थ के विवाद खड़े करेगा स्वभाव में क्रोध भी रहेगा। महिलाओ में भी धैर्य की कमी रहेगी अपनी व्यर्थ की बयानबाजी से माहौल ज्यादा अशांत बनाएंगी परिवार में सम्पति को लेकर भी विवाद के प्रसंग बनेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी छोटी मोती बातो पर उलझ बैठेंगे जिसका प्रभाव दैनिक आय पर भी पड़ेगा। धन लाभ आज आशा से भी बहुत कम ही रहेगा। गृहस्थ में अनावश्यक खर्चो में बढ़ोतरी होगी उधार लेने की नौबत आ सकती है यथा संभव आज ना लें। स्वास्थ्य को भी संभालें जोखिम वाले कार्य आज ना करें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आप पिछले कुछ दिनों की अपेक्षा शांति से व्यतीत करेंगे। आर्थिक आयोजन करने से घबराएंगे लेकिन आज व्यवसाय अथवा अन्य जोखिम वाले कार्यो में निवेश निसंकोच होकर करें विलम्ब से ही सही नतीजे आपके पक्ष में ही रहेंगे। व्यवसाय में दुविधा की स्थिति से बाहर निकलने के लिए किसी अनुभवी का मार्गदर्शन लें धन लाभ आज निश्चित होकर रहेगा। महिलाये आज मानसिक रूप से प्रसन्न रहेगी पारिवारिक वातावरण को भी महकाएंगी। दाम्पत्य जीवन मे भी आत्मीयता रहेगी। बेरोजगार नए कार्य से जुड़ेंगे व्यर्थ बहस वाले प्रसंगों से दूर रहें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए साधारण ही रहेगा। आर्थिक रूप से कमजोर रहने के कारण अधिकांश योजनाओ को सिरे नही चढ़ा पाएंगे व्यापार में भी आज व्यवसाय सीमित ही रहेगा दौड़-धूप करने के बाद भी कामचलाने लायक धन की प्राप्ति होगी। आज आप घरेलू एवं अन्य बाहरी विवादों से दूरी बना कर रहेंगे फिर भी महिलाओ के विपरीत व्यवहार के कारण मन आहत होगा। सरकारी संबंधित कार्यो में भी किसी प्रक्रिया के अधूरे रहने से विलम्ब होगा। घर मे भाई बंधु आपसे काम निकालने के लिए मीठा व्यवहार करेंगे। व्यर्थ के खर्च ना चाहने पर भी करने पड़ेंगे। संध्या बाद अधिक थकान अनुभव होगी।
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〰〰〰🙏राधे राधे🙏

तीज त्यौहार-

*24जुलाई गुरु पूर्णिमा से:-सावन महीने के व्रत*
पहला सोमवार- 26 जुलाई
दूसरा सोमवार- 02 अगस्त
तीसरा सोमवार- 09 अगस्त
चौथा सोमवार- 16 अगस्त

*जुलाई से दिसंबर तक के तयोहार*

24 जुलाई शनिवार गुरु पूर्णिमा
11 अगस्त बुधवार तीज
13 अगस्त शुक्रवार नाग पंचमी
22 अगस्त रवीवार रक्षाबंधन
30 अगस्त सोमवार जन्माष्टमी
10 सितंबर सोमवार गणेश चतुर्थी
07 अक्तुबर मंगलवार नवरात्रे शुरू
07 अक्टूबर मंगलवार अग्रसेन जन्मोत्सव
13 अक्तुबर बुधवार अष्टमी
14 अक्तुबर गुरुवार नवमी
15 अक्तुबर शुक्रवार दशहरा
24 अक्तुबर गुरुवार करवाचौथ
28 अक्तुबर गुरुवार अहोईअष्टमी
02 नवंबर मंगलवार धन्तेरस
04 नवंबर गुरुवार दीपावली
05 नवंबर शुक्रवार गोवर्धन पूजा
05 नवंबर शुक्रवार विश्वकर्मा दिवस
06 नवंबर शनिवार भाई दूज
10 नवंबर शनिवार छठ पूजा
19 नवंबर शुक्रवार गुरु नानक जयंती
25 दिसम्बर शनिवार तुलसी पूजन दिवस

🔱भारत का रेडियो एक्टिविटी मैप उठा लें, हैरान हो जायेंगे ! भारत सरकार के न्युक्लियर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता हैं।
🔱शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्युक्लियर रिएक्टर्स ही तो हैं, तभी तो उन पर जल चढ़ाया जाता है, ताकि वो शांत रहें।
🔱महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे कि बिल्व पत्र, आकमद, धतूरा, गुड़हल आदि सभी न्युक्लिअर एनर्जी सोखने वाले हैं।
🔱शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसीलिए तो जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता…
🔱भाभा एटॉमिक रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिवलिंग की तरह ही है।
🔱 शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है।
🔱तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि महादेव शिवशंकर अगर नाराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी।
🔱ध्यान दें कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है।
🔱जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है, वो तो चिर सनातन है। विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया गया है ताकि वो प्रचलन बन जाए और हम भारतवासी सदा वैज्ञानिक जीवन जीते रहें।..
🔱 आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में ऐसे महत्वपूर्ण शिव मंदिर हैं जो केदारनाथ से लेकर रामेश्वरम तक एक ही सीधी रेखा में बनाये गये हैं। आश्चर्य है कि हमारे पूर्वजों के पास ऐसा कैसा विज्ञान और तकनीक था जिसे हम आज तक समझ ही नहीं पाये? उत्तराखंड का केदारनाथ, तेलंगाना का कालेश्वरम, आंध्रप्रदेश का कालहस्ती, तमिलनाडु का एकंबरेश्वर, चिदंबरम और अंततः रामेश्वरम मंदिरों को 79°E 41’54” Longitude की भौगोलिक सीधी रेखा में बनाया गया है।
🔱यह सारे मंदिर प्रकृति के 5 तत्वों में लिंग की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे हम आम भाषा में पंचभूत कहते हैं। पंचभूत यानी पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष। इन्हीं पांच तत्वों के आधार पर इन पांच शिवलिंगों को प्रतिष्टापित किया गया है। जल का प्रतिनिधित्व तिरुवनैकवल मंदिर में है, आग का प्रतिनिधित्व तिरुवन्नमलई में है, हवा का प्रतिनिधित्व कालाहस्ती में है, पृथ्वी का प्रतिनिधित्व कांचीपुरम् में है और अतं में अंतरिक्ष या आकाश का प्रतिनिधित्व चिदंबरम मंदिर में है! वास्तु-विज्ञान-वेद का अद्भुत समागम को दर्शाते हैं ये पांच मंदिर।
🔱भौगोलिक रूप से भी इन मंदिरों में विशेषता पायी जाती है। इन पांच मंदिरों को योग विज्ञान के अनुसार बनाया गया था, और एक दूसरे के साथ एक निश्चित भौगोलिक संरेखण में रखा गया है। इस के पीछे निश्चित ही कोई विज्ञान होगा जो मनुष्य के शरीर पर प्रभाव करता होगा।
🔱इन मंदिरों का करीब पाँच हज़ार वर्ष पूर्व निर्माण किया गया था जब उन स्थानों के अक्षांश और देशांतर को मापने के लिए कोई उपग्रह तकनीक उपलब्ध ही नहीं थी। तो फिर कैसे इतने सटीक रूप से पांच मंदिरों को प्रतिष्टापित किया गया था? उत्तर भगवान ही जानें।
🔱केदारनाथ और रामेश्वरम के बीच 2383 किमी की दूरी है। लेकिन ये सारे मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा में पड़ते हैं।आखिर हज़ारों वर्ष पूर्व किस तकनीक का उपयोग कर इन मंदिरों को समानांतर रेखा में बनाया गया है, यह आज तक रहस्य ही है। श्रीकालहस्ती मंदिर में टिमटिमाते दीपक से पता चलता है कि वह वायु लिंग है।तिरुवनिक्का मंदिर के अंदरूनी पठार में जल वसंत से पता चलता है कि यह जल लिंग है। अन्नामलाई पहाड़ी पर विशाल दीपक से पता चलता है कि वह अग्नि लिंग है। कंचिपुरम् के रेत के स्वयंभू लिंग से पता चलता है कि वह पृथ्वी लिंग है और चिदंबरम की निराकार अवस्था से भगवान की निराकारता यानी आकाश तत्व का पता लगता है।
🔱अब यह आश्चर्य की बात नहीं तो और क्या है कि ब्रह्मांड के पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच लिंगों को एक समान रेखा में सदियों पूर्व ही प्रतिष्टापित किया गया है। हमें हमारे पूर्वजों के ज्ञान और बुद्दिमत्ता पर गर्व होना चाहिए कि उनके पास ऐसी विज्ञान और तकनीकी थी जिसे आधुनिक विज्ञान भी नहीं भेद पाया है। माना जाता है कि केवल यह पांच मंदिर ही नहीं अपितु इसी रेखा में अनेक मंदिर होंगे जो केदारनाथ से रामेश्वरम तक सीधी रेखा में पड़ते हैं। इस रेखा को “शिव शक्ति अक्श रेखा” भी कहा जाता है। संभवतया यह सारे मंदिर कैलाश को ध्यान में रखते हुए बनाये गये हों जो 81.3119° E में पड़ता है!? उत्तर शिवजी ही जाने। …
🔱कमाल की बात है “महाकाल” से शिव ज्योतिर्लिंगों के बीच कैसा सम्बन्ध है……??
🔱 उज्जैन से शेष ज्योतिर्लिंगों की दूरी भी हैं रोचक:- 👇👇👇
उज्जैन से सोमनाथ- 777 किमी
उज्जैन से ओंकारेश्वर- 111 किमी
उज्जैन से भीमाशंकर- 666 किमी
उज्जैन से काशी विश्वनाथ- 999 किमी
उज्जैन से मल्लिकार्जुन- 999 किमी
उज्जैन से केदारनाथ- 888 किमी
उज्जैन से त्रयंबकेश्वर- 555 किमी
उज्जैन से बैजनाथ- 999 किमी
उज्जैन से रामेश्वरम्- 1999 किमी
उज्जैन से घृष्णेश्वर – 555 किमी
हिन्दू धर्म में कुछ भी बिना कारण के नहीं होता था ।
उज्जैन पृथ्वी का केंद्र माना जाता है, जो सनातन धर्म में हजारों सालों से मानते आ रहे हैं। इसलिए उज्जैन में सूर्य की गणना और ज्योतिष गणना के लिए मानव निर्मित यंत्र भी बनाये गये हैं करीब 2050 वर्ष पहले ।
🔱और जब करीब 100 साल पहले पृथ्वी पर काल्पनिक रेखा (कर्क) अंग्रेज वैज्ञानिक द्वारा बनायी गयी तो उनका मध्य भाग उज्जैन ही निकला। आज भी वैज्ञानिक उज्जैन ही आते हैं सूर्य और अन्तरिक्ष की जानकारी के लिये। 

 विजयनगर साम्राज्य का इतिहास 

उस काल में दक्षिण भारत में अनेक छोटे छोटे राज्य थे और उन्हीं में एक था काम्पिल्य 1327 ई. में दिल्ली सल्तनत के एक सिपहसालार मलिक ज़ादा ने तुर्क फौज लेकर दक्कन पर आक्रमण कर दिया….. पूरा दक्कन तहस नहस कर दिया गया। नगर जला दिए गए, आक्रांताओं द्वारा कत्लेआम  किया गया तो महिलाओं ने जौहर किये, हज़ारों योद्धाओं को बंदी बना कर दिल्ली में सुल्तान के आगे प्रस्तुत किया गया…

इन्हीं में थे काम्पिल्य सेना के दो योद्धा एक था हरिहर राय (हक्का) और दूसरा बुक्का राय (बक्का) दिल्ली में इन सभी बंदी योद्धाओं के पास दो ही विकल्प थे या तो इस्लाम कबूल करो और मलिक जादा के फौजी बनो और नहीं तो जान से मारे जाओ।
उस समय बुक्का अपने देश और धर्म के लिए प्राण देने पर अड़ा रहा, पर तब बड़े भाई के मस्तिष्क में कुछ और चल रहा था उसने छोटे को समझाया कि हम यहां मारे जा कर युद्ध कैसे जीत सकते हैं!! जीवित रहे तो बदला भी लेंगे और धर्म स्थापना भी करेंगे…… उन्होंने प्राण रक्षा को चुना और कुछ ही दिनों में वापस दक्कन पहुंच गए…..!
पर हक्का बक्का के साथ सभंवत: भाग्य भी था, उन्हें श्रृंगेरी मठ में एक चाणक्य मिल गए नाम था #विद्याराण्या एक दूरदर्शी संत गुरु विद्यारण्य तथा वेदों के प्रसिद्ध भाष्यकार सायण इन्होंने दोनों भाईयों को अपने ज्ञान से प्रेरित किया जिससे दक्षिण भारत में उन दोनों भाइयों ने खड़ा किया भारत का सबसे बड़ा सुदृढ़ एक हिन्दू साम्राज्य और उसका पहला राजा बना हक्का जिसे इतिहास #महाराजाधिराज_हरिहर_राय के नाम से जानता है…… और उस एकीकृत सम्राज्य को विजयनगरम साम्राज्य कहा जाता है… जिसने न केवल दक्षिण में विदेशी यवन आक्रांताओं के राज को बढ़ने से रोका बल्कि हज़ारों लोगों को घर वापसी भी करवाई और उन्हें धर्मयोद्धा बना कर रण में भी उतारा……1336ई में स्थापित ये शक्तिशाली राज्य 300 साल से भी ज्यादा समय तक विद्यमान रहा, अपने पूरे वैभव और समृद्धि के साथ…… जिसने भारतीय संस्कृति को भविष्य में भी सतत रहने का मार्ग दिखाया…. इस राज्य का प्रभाव और संदेश पूरे उत्तर भारत और अफगानिस्तान तक पड़ा और लोग विदेशह आक्रांताओं के विरूध्द एकजुट होने लगे थे। विजयनगर साम्राज्य (1336-1646) मध्यकालीन का एक साम्राज्य रहा इसकी स्थापना हरिहर राय (हक्का) और बुक्का राय (बक्का) नामक दो भाइयों ने की थी। पुर्तगाली इस साम्राज्य को बिसनागा राज्य के नाम से जानते थे। 1336ई. में स्थापित इस साम्राज्य के प्रथम वंश का नाम पिता के नाम पर संगम वंश पङा। इस साम्राज्य के चार राजवंशों ने लगभग तीन सौ वर्षों तक शासन किया। विजयनगर साम्राज्य की राजधानियां क्रमश: अनेगोण्डी, विजयनगर, बेनगोण्जा तथा चंदगिरि। हम्पी (हस्तिनावती) विजयनगर की पुरानी राजधानी का प्रतिनिधित्व करता है। विजयनगर का वर्तमान नाम हम्पी (हस्तिनावती) है। हक्का बक्का रहने की कहावत इन्हीं के नाम से सुविख्यात है।